जांजगीर-चांपा: जिले में पिछले 4 दिनों से नियमितीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर गए संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है. बता दें कि जिले के करीब साढ़े 300 NHM कर्मी 19 सितंबर से हड़ताल पर हैं, लेकिन उनकी मांग पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया.
जांजगीर-चांपा के संविदा कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांग पर सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है, जिसकी वजह से वे आहत हैं और अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप रहे हैं. हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा है कि वे अब अपने-अपने क्षेत्र में जाकर गोबर इकट्ठा करेंगे और उसे गौठानों में बेचेंगे. साथ ही उससे मिलने वाले पैसे को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे.
इस्तीफा सौंपने के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी कर्मचारियों से ड्यूटी पर वापस लौटने की अपील की, लेकिन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने इसे ठुकरा दिया.
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इस मसले पर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों की जिंदगी बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है. हमारा पूरा बजट इसी में खर्च हो रहा है. पूरे प्रदेश में एस्मा लगा हुआ है. अति आवश्यक सेवाओं में स्वास्थ्य विभाग भी आता है. हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने उनसे अपील की है कि उन्हें सरकार पर विश्वास करना चाहिए. अगर जिद करेंगे, तो सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. लोग मर रहे हैं और स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर हैं, यह इनकी नासमझी है. कोरोना महामारी समाप्त होने के बाद सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करके वादे पूरे किए जाएंगे.