जांजगीर-चांपा: केएसके महानदी पावर प्लांट में सोमवार की सुबह मजदूरों ने काम बंद कर दिया और जमकर नारेबाजी की. उन्होंने प्लांट प्रबंधन के अधिकारियों पर FIR दर्ज करने के साथ बर्खास्त भू-विस्थापित मजदूरों के वापसी की मांग की है.
16 अगस्त को प्लांट प्रबंधन और भू-विस्थापित मजदूरों के बीच श्रम कार्यालय में समझौता वार्ता का आयोजन किया गया था. यह बैठक भी पिछली बैठकों की तरह बेनतीजा रही. बैठक के दौरान कोई निर्णय ना निकलता देख 10 महीने से बर्खास्त मजदूर ने जहर पी लिया. जिसके बाद वहां हंगामा मच गया. गंभीर हालत में मजदूर को बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है.
सोमवार की सुबह कर्मियों ने प्लांट के गेट पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने काम बंद कर गेट पर नारेबाजी शुरू कर दी. हालात बिगड़ता देख पुलिस और प्रशासनिक टीम ने मोर्चा संभाला. वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी मौके पर बुलाया गया.
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मजदूरों को वापस लेने की मांग
इस दौरान मौक पर ही एक बार फिर से केएसके महानदी प्लांट प्रबंधन को फैसले के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है. बर्खास्त भूविस्थापितों ने भी सहमति जताते हुए 24 घंटे की मोहलत को स्वीकार किया है. मौके पर मध्यस्तता के लिए बुलाए गए स्थानीय लोगों ने भी प्लांट प्रबंधन के रवैये पर आपत्ति जताई है और साफतौर पर मजदूरों को वापस लेने की मांग की है.
आर्थिक संकट से जूझ रहे मजदूर
बता दें कि अकलतरा क्षेत्र में स्थापित केएसके महानदी पावर प्लांट प्रबंधन और मजदूरों के बीच गतिरोध लगातार जारी है. प्लांट में मजदूरो को नियमित करने की मांग को लेकर 10 महीने पहले आंदोलन हुआ था. जिसके बाद 20 भू-विस्थापित मजदूर नेताओं को बर्खास्त कर दिया गया था, जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.