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SPECIAL: माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर सिसायत तेज, वार-पलटवार और नए-नए दावे - राम वन गमन पथ

पामगढ़ के पूर्व विधायक और पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े ने कहा कि कोसला में कौशल्या माता के जन्म स्थान होने का दावा पुरातत्व विभाग द्वारा भी किया जाता रहा है. यहां प्राचीन जानकारियां भी उपलब्ध हैं. छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या के जन्मस्थान को लेकर सियासत जारी है. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान और फिर मंत्री शिव डहरिया के पलटवार के बाद अंबेश जांगड़े कोसला पहुंचे.

birth place of Mata Kaushalya
माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर सिसायत
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Published : Dec 19, 2020, 6:23 PM IST

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या के जन्मस्थान को लेकर सियासत जारी है. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान और फिर मंत्री शिव डहरिया के पलटवार के बाद अंबेश जांगड़े कोसला पहुंचे. मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद जांगड़े ने कहा कि माता कौशल्या ने यहां जन्म लिया था, चंदखुरी में सिर्फ उनका मंदिर है. अजय चंद्राकर ने भी यही दावा किया था कि चंदखुरी में सिर्फ माता कौशल्या का मंदिर है, जन्मस्थान कोसला है.

माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर सिसायत तेज

भूपेश सरकार के दावों को बताया गलत

पामगढ़ के पूर्व विधायक और पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े ने कहा कि कोसला में कौशल्या माता के जन्म स्थान होने का दावा पुरातत्व विभाग द्वारा भी किया जाता रहा है. यहां प्राचीन जानकारियां भी उपलब्ध हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि माता कौशल्या के जन्मदिन को लेकर भूपेश सरकार ने जो स्टैंड लिया है, वह पूरी तरीके से गलत है. ETV भारत की टीम ने इस विषय को लेकर स्थानीय लोगों और ग्राम पंचायत के सरपंच से बात की. स्थानीय लोगों ने भी दावा किया कि कोसला ही माता कौशल्या का जन्म स्थान है.

पढ़ें-चंदखुरी माता कौशल्या की नगरी, अजय चंद्राकर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं: डहरिया

माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर सियासत तेज

पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े ने कहा कि इस मामले को वे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बीच रखेंगे और इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया जाएगा. इस तरह से अब माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बता दें कि भूपेश सरकार ने राम वन गमन पथ जैसी महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है. माता कौशल्या के जन्म स्थान चंदखुरी को बताकर वहां विकास कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है. लेकिन पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े के दावों ने इसे एक राजनैतिक विवाद का रूप दे दिया है.

पढ़ें-माता कौशल्या के साथ राम की अद्भुत प्रतिमा, दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना

माता कौशल्या की गोद में भगवान राम

चंदखुरी भगवान श्रीराम की माता कौशल्या की जन्मस्थली मानी जाती है. यह स्थान रायपुर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर चंदखुरी में स्थित है. करीब 126 तालाब वाले इस गांव में सात तालाबों से घिरे जलसेन तालाब के बीच प्राचीन द्वीप पर यह मंदिर बना है. यहां भगवान श्रीराम की माता कौशल्या की प्रतिमा स्थापित है और रामलला उनकी गोद में विराजमान हैं.

राम वन गमन पथ में शामिल चंदखुरी

माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहें हैं. छत्तीसगढ़ के चंदखुरी को माता कौशल्या का जन्मस्थान माना जाता है. छत्तीसगढ़ में भगवान श्री राम जिस-जिस रास्ते और क्षेत्रों से गुजरे हैं. उन पदों को चिन्हित कर राम वन गमन परिपथ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है. इसी के तहत 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक राम वन गमन पथ पर बाइक रैली और पर्यटन रथ यात्रा निकाली गई थी. चंदखुरी में सरकार भव्य मंदिर निर्माण करा रही है. दो साल के कार्यकाल पूरे होने पर भूपेश मंत्रीमंडल ने चंद्रखुरी पहुंचकर माता कौशल्या मंदिर में पूजा अर्चना की थी.

पढ़ें-कौशल्या मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण का काम शुरू

चंदखुरी में मंदिर के सौंदर्यीकरण और परिसर विकास का कार्य दो चरणों में कार्य पूरा किया जाना है. पहले चरण में 6 करोड़ 70 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. जबकि दूसरे चरण में 9 करोड़ 8 लाख रुपए खर्च होंगे. योजना के मुताबिक चंदखुरी को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जाना है. प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ नागरिक सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है.

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या के जन्मस्थान को लेकर सियासत जारी है. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान और फिर मंत्री शिव डहरिया के पलटवार के बाद अंबेश जांगड़े कोसला पहुंचे. मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद जांगड़े ने कहा कि माता कौशल्या ने यहां जन्म लिया था, चंदखुरी में सिर्फ उनका मंदिर है. अजय चंद्राकर ने भी यही दावा किया था कि चंदखुरी में सिर्फ माता कौशल्या का मंदिर है, जन्मस्थान कोसला है.

माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर सिसायत तेज

भूपेश सरकार के दावों को बताया गलत

पामगढ़ के पूर्व विधायक और पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े ने कहा कि कोसला में कौशल्या माता के जन्म स्थान होने का दावा पुरातत्व विभाग द्वारा भी किया जाता रहा है. यहां प्राचीन जानकारियां भी उपलब्ध हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि माता कौशल्या के जन्मदिन को लेकर भूपेश सरकार ने जो स्टैंड लिया है, वह पूरी तरीके से गलत है. ETV भारत की टीम ने इस विषय को लेकर स्थानीय लोगों और ग्राम पंचायत के सरपंच से बात की. स्थानीय लोगों ने भी दावा किया कि कोसला ही माता कौशल्या का जन्म स्थान है.

पढ़ें-चंदखुरी माता कौशल्या की नगरी, अजय चंद्राकर की मानसिक स्थिति ठीक नहीं: डहरिया

माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर सियासत तेज

पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े ने कहा कि इस मामले को वे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बीच रखेंगे और इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया जाएगा. इस तरह से अब माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बता दें कि भूपेश सरकार ने राम वन गमन पथ जैसी महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है. माता कौशल्या के जन्म स्थान चंदखुरी को बताकर वहां विकास कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है. लेकिन पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और पूर्व संसदीय सचिव अंबेश जांगड़े के दावों ने इसे एक राजनैतिक विवाद का रूप दे दिया है.

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माता कौशल्या की गोद में भगवान राम

चंदखुरी भगवान श्रीराम की माता कौशल्या की जन्मस्थली मानी जाती है. यह स्थान रायपुर से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर चंदखुरी में स्थित है. करीब 126 तालाब वाले इस गांव में सात तालाबों से घिरे जलसेन तालाब के बीच प्राचीन द्वीप पर यह मंदिर बना है. यहां भगवान श्रीराम की माता कौशल्या की प्रतिमा स्थापित है और रामलला उनकी गोद में विराजमान हैं.

राम वन गमन पथ में शामिल चंदखुरी

माता कौशल्या के जन्म स्थान को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहें हैं. छत्तीसगढ़ के चंदखुरी को माता कौशल्या का जन्मस्थान माना जाता है. छत्तीसगढ़ में भगवान श्री राम जिस-जिस रास्ते और क्षेत्रों से गुजरे हैं. उन पदों को चिन्हित कर राम वन गमन परिपथ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है. इसी के तहत 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक राम वन गमन पथ पर बाइक रैली और पर्यटन रथ यात्रा निकाली गई थी. चंदखुरी में सरकार भव्य मंदिर निर्माण करा रही है. दो साल के कार्यकाल पूरे होने पर भूपेश मंत्रीमंडल ने चंद्रखुरी पहुंचकर माता कौशल्या मंदिर में पूजा अर्चना की थी.

पढ़ें-कौशल्या मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण का काम शुरू

चंदखुरी में मंदिर के सौंदर्यीकरण और परिसर विकास का कार्य दो चरणों में कार्य पूरा किया जाना है. पहले चरण में 6 करोड़ 70 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. जबकि दूसरे चरण में 9 करोड़ 8 लाख रुपए खर्च होंगे. योजना के मुताबिक चंदखुरी को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जाना है. प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ नागरिक सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है.

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