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जांजगीर चांपा पीडीएस चावल में Plastic rice मिलावट का आरोप - पीडीएस के चावल में प्लास्टिक चावल की मिलावट

जांजगीर चांपा जिले के सेमरा गांव के लोगों ने पीडीएस के चावल में प्लास्टिक चावल की मिलावट का बड़ा आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस चावल को खाने से लोगों को पेट दर्द की भी शिकायत हो रही है.

Alleged adulteration of plastic rice
प्लास्टिक चावल के मिलावट का आरोप
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Published : Aug 24, 2022, 6:14 PM IST

जांजगीर चांपा: जिला के सेमरा गांव के लोग पीडीएस सिस्टम का चावल खाने में घबरा रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि एपीएल और बीपीएल परिवार को बांटे गए चावल में प्लास्टिक चावल (Allegations of mixing plastic rice in PDS rice) मिला हुआ है. यह दिखने में चावल की तरह ही है, लेकिन पानी में डालने के बाद चावल हल्का और चिपचिपा हो जा रहा है. बॉल बना कर ऊपर से गिराने पर भी नहीं टूट रहा है. लोगों की शिकायत है कि इस चावल को खाने के बाद पेट में दर्द की समस्या भी होने लगी है. अब इस चावल को खाने से लोग डरने लगे हैं.

प्लास्टिक चावल के मिलावट का आरोप

प्लास्टिक चावल के मिलावट का आरोप: जिले के नवागढ़ तहसील के सेमरा गांव में ग्रामीणों का आरोप है कि "सार्वजनिक वितरण प्रणाली से ग्रामीणों को बांटे गए चावल को खाने से लोगों को पेट दर्द की समस्या हो रही है. कोटे की दुकान से मिले चावल में प्लास्टिक के चावल का दाना मिलावट किया गया हैै." जब लोगों ने अपने अपने घर का चावल मिलान किया तो अधिकांश लोगों को एक जैसे चावल के दाने दिखाई दिए. इससे उनका शक और गहरा हो गया है. जिसके बाद लोग कोटे की दुकान से मिला चावल खाने से कतरा रहे हैं.

बच्चों बड़ों को पेट दर्द की हो रही समस्या: ग्रामीणों का कहना है कि "इससे पहले राशन दुकान से इस तरह का चावल का वितरण कभी नहीं हुआ है. गांव में महिला स्वसहायता समूह को राशन वितरण का काम सौंपा गया है. 17 अगस्त को चावल खरीद कर लाये और 3 दिन से उस चावल का उपयोग किया जा रहा है. इसमें प्लास्टिक का चावल मिला हुआ है. खाने में कोई स्वाद नहीं है. साथ ही इसको खाने से बच्चों बड़ों को पेट में दर्द होने लगा है." लोगों द्वारा अब चावल को धो कर प्लास्टिक को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इस चावल से बॉल बनाकर नीचे गिराने से फूटता भी नहीं है, बल्कि उचकने लगता है. इस चावल को खा पाना अब संभव नहीं है.


यह भी पढ़ें: जांजगीर चांपा में नव विवाहिता की संदिग्ध स्थिति में मौत


चावल नहीं मिनरल का है भंडार: नागरिक आपूर्ति निगम प्रभारी विनोद शर्मा ने बताया कि "पीडीएस के चावल में प्लास्टिक चावल का आरोप गलत है. पीडीएस का चावल राइस मिलर से लेकर पीडीएस की दुकान में सप्लाई किया जाता है. गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को सुपोषित आहार देने के लिए आंगनबाड़ी और मध्यान्ह भोजन के चावल में फोर्टिफाइड चावल मिला कर दिया जाता है. जिसमें प्रचुर मात्रा में मिनरल्स होता है. सेमरा गांव में ग्रामीणों को किस तरह का चावल वितरित किया गया, उसकी जांच कराई जाएगी. उस चावल को वापस लेकर हितग्राहियों को बदले में चावल दिया जायेगा."

जांजगीर चांपा: जिला के सेमरा गांव के लोग पीडीएस सिस्टम का चावल खाने में घबरा रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि एपीएल और बीपीएल परिवार को बांटे गए चावल में प्लास्टिक चावल (Allegations of mixing plastic rice in PDS rice) मिला हुआ है. यह दिखने में चावल की तरह ही है, लेकिन पानी में डालने के बाद चावल हल्का और चिपचिपा हो जा रहा है. बॉल बना कर ऊपर से गिराने पर भी नहीं टूट रहा है. लोगों की शिकायत है कि इस चावल को खाने के बाद पेट में दर्द की समस्या भी होने लगी है. अब इस चावल को खाने से लोग डरने लगे हैं.

प्लास्टिक चावल के मिलावट का आरोप

प्लास्टिक चावल के मिलावट का आरोप: जिले के नवागढ़ तहसील के सेमरा गांव में ग्रामीणों का आरोप है कि "सार्वजनिक वितरण प्रणाली से ग्रामीणों को बांटे गए चावल को खाने से लोगों को पेट दर्द की समस्या हो रही है. कोटे की दुकान से मिले चावल में प्लास्टिक के चावल का दाना मिलावट किया गया हैै." जब लोगों ने अपने अपने घर का चावल मिलान किया तो अधिकांश लोगों को एक जैसे चावल के दाने दिखाई दिए. इससे उनका शक और गहरा हो गया है. जिसके बाद लोग कोटे की दुकान से मिला चावल खाने से कतरा रहे हैं.

बच्चों बड़ों को पेट दर्द की हो रही समस्या: ग्रामीणों का कहना है कि "इससे पहले राशन दुकान से इस तरह का चावल का वितरण कभी नहीं हुआ है. गांव में महिला स्वसहायता समूह को राशन वितरण का काम सौंपा गया है. 17 अगस्त को चावल खरीद कर लाये और 3 दिन से उस चावल का उपयोग किया जा रहा है. इसमें प्लास्टिक का चावल मिला हुआ है. खाने में कोई स्वाद नहीं है. साथ ही इसको खाने से बच्चों बड़ों को पेट में दर्द होने लगा है." लोगों द्वारा अब चावल को धो कर प्लास्टिक को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इस चावल से बॉल बनाकर नीचे गिराने से फूटता भी नहीं है, बल्कि उचकने लगता है. इस चावल को खा पाना अब संभव नहीं है.


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चावल नहीं मिनरल का है भंडार: नागरिक आपूर्ति निगम प्रभारी विनोद शर्मा ने बताया कि "पीडीएस के चावल में प्लास्टिक चावल का आरोप गलत है. पीडीएस का चावल राइस मिलर से लेकर पीडीएस की दुकान में सप्लाई किया जाता है. गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को सुपोषित आहार देने के लिए आंगनबाड़ी और मध्यान्ह भोजन के चावल में फोर्टिफाइड चावल मिला कर दिया जाता है. जिसमें प्रचुर मात्रा में मिनरल्स होता है. सेमरा गांव में ग्रामीणों को किस तरह का चावल वितरित किया गया, उसकी जांच कराई जाएगी. उस चावल को वापस लेकर हितग्राहियों को बदले में चावल दिया जायेगा."

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