जांजगीर चांपा: नागपंचमी का त्यौहार देश भर में धूम धाम के साथ मनाया जाता है. इस त्यौहार को मानने की हर जगह पर अलग अलग रीति रिवाज है. छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में भी नागपंचमी को खास तरह से मनाया जाता है और दिन भर पूजा अर्चना के बाद ग्रामीण अंचल में नगमत का आयोजन किया जाता है. जिसमें गांव के बैगा और उनकी टीम गाजा बाजा के साथ अपने मंत्र को दोहराते हैं और सांप की तरह लोटते हुए आदमी (People become snakes on Nag Panchami in janjgir champa) को मंत्र से नियंत्रण करते हैं. इसे देखने के लिए आस पास के गांव के लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है.
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नाग देव के पूजा की है मान्यता: इस मौके पर न केवल पूरा गांव, बल्कि आसपास के लोग नगमत देखने पहुंचते हैं. इस दिन खेतों में कृषि कार्य बंद रहता है. अच्छी फसल की कामना के लिए किए जाने वाली इस पूजा के पीछे सर्पदंश से जुड़ी किवदंती भी है कि इस गांव में आज तक कभी सर्प दंश से किसी ग्रामीण की मौत (nagpanchmi 2022) नहीं हुई.
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग सर्प दंश में बैगा पर विशेष रूप से विश्वास करते है. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल जगत ने पुरानी परंपरा और ग्रामीणों की आस्था पर कुछ कहा तो नहीं, लेकिन कहा कि "इस तरह के आयोजन को सिर्फ मनोरंजन के रूप में ही लेने चाहिए और अगर किसी को सांप काटे, तो बैगा गुनिया के पास जाने के बजाय अस्पताल में डॉक्टरी उपचार की ही सबसे अच्छा उपाय है."