जांजगीर चांपा: जिले के ग्राम पंचायतों में सचिवों की हड़ताल से कई शासकीय योजना का काम ठप है. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जिला प्रशासन ने पंचायत सचिवों के काम की जिम्मेदारी जनपद पंचायत पदाधिकारियों को सौंप दी है. पंचायत सचिव के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि "अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 39 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं. साथ ही पंडाल में बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. प्रदेश पंचायत सचिव संगठन छत्तीसगढ़ के आह्वान पर पंचायत सचिव शासकीयकरण की मांग लेकर जिले के सभी ब्लॉक मुख्यालय में आंदोलन कर रहे हैं."
631 ग्राम पंचायत कार्यालय में लटक रहा है ताला: सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने से जिले में 631 ग्राम पंचायत कार्यालयों में ताला लटका हुआ है. पंचायत सचिवों के मुताबिक इस हड़ताल से शासन की गोबर खरीदी, रीपा कार्य, गोठान के समस्त कार्य, मनरेगा के कार्य, जन्म-मृत्यु पंजीयन, राशनकार्ड सहित सभी काम ठप हैं. लेकिन उप संचालक पंचायत विभाग ने ग्राम पंचायत सचिवों के इस आंदोलन से शासन की योजना प्रभावित ना हो इसके लिए जनपद के अधिकारियों को प्रभार सौंप दिया है.
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कांग्रेस ने घोषणापत्र में किया था वादा: चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण करने का वादा किया गया था. इसके बाद पंचायत सचिव अब तक शासकीयकरण की उम्मीद में थे. बावजूद इसके साढ़े चार साल बाद भी सरकार ने पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को लेकर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. अब पंचायत सचिव आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.