सक्ती : जिले में अवैध प्लाटिंग करने वाले भूमाफिया इस कदर बेलगाम हो चुके है कि उन्हें अब कानून का भी डर नहीं है. दिन दहाड़े खेतों में मिट्टी मुरूम डाल कर खेत का नक्शा ही बदल दिया जा रहा है. अधिकारी केवल कार्यवाई की बात करने में लगे हैं. आलम ये है कि पिछले 10 साल में अवैध प्लाटिंग के मामले 100 गुना बढ़ चुके हैं. ऐसा ही एक मामला सक्ती तहसील कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर सामने आया है. जगह पेट्रोल पंप के सामने है जहां से रोजाना अधिकारी आते जाते हैं. करीब 5 एकड़ से अधिक खेत में अवैध प्लाटिंग कर बिक्री भी कर दी गई.जहां अब लोगों ने अपना मकान भी बनाना शुरू कर दिया.
अवैध प्लाटिंग के लिए पाटा तालाब काटे पेड़ : हैरत की बात यह है कि इस अवैध प्लाटिंग के लिए तालाब के एक हिस्से और पेड़ की बली चढ़ा दी गई. क्योंकि खेत के मालिक को अपने खेत तक जाने के लिए लंबे चौड़े रास्ते की जरूरत थी. दिनदहाड़े हरे भरे विशाल पेड़ को काटकर उसका नामो निशान उस जगह से मिटा दिया गया. साथ ही तालाब के एक किनारे को मिट्टी से पाटकर अपने खेत के लिए रास्ता तैयार किया गया.
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं : पूरे मामले में सक्ती नगर पालिका के अधिकारी और तत्कालीन तहसीलदार ने जांच कर रिपोर्ट भी तैयार की थी. जिसमे स्पष्ट लिखा है कि तालाब को पाटकर उसे नुकसान पहुंचाया गया है. साथ ही अधिकारियों ने उस जांच रिपोर्ट पर कार्यवाई करने आदेश भी जारी किया था. पाटे गए तालाब को पुनः उसी स्थिति में लाया जाए. लेकिन आज तक कार्यवाही के नाम पर कुछ नहीं हुआ.
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क्यों नहीं हो रही कार्रवाई : सूत्रों की माने तो जब भी अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करने का मन बनाते है तो ऊपर से किसी नेता या मंत्री का कॉल आ जाता है. इसलिए अभी तक अवैध प्लाटिंग वाले सूची में इस क्षेत्र का नाम ही नहीं है. लेकिन 4 साल पहले से ही इस जमीन पर अवैध प्लाटिंग शुरू हो चुकी है .अवैध प्लाटिंग वाली लिस्ट में जमीन के मालिक का नाम ना आना भी कई तरह के संदेह पैदा करता है.