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किलिमंजारो के बाद अब एवरेस्ट फतह करना चाहती हैं छत्तीसगढ़ की अमिता

जांजगीर-चांपा की बेटी अमिता श्रीवास ने 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची माउंट किलिमंजारो को फतह कर देश-प्रदेश का नाम ऊंचा कर दिया है. अब उनका सपना एवरेस्ट पर जीत हासिल करने का है.

Mountaineer Amita Shrivas
जांजगीर चांपा की अमिता श्रीवास ने फतह किया माउंट किलिमंजारो
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Published : Mar 10, 2021, 10:28 AM IST

जांजगीर चांपा: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन छत्तीसगढ़ की बेटी अमिता श्रीवास ने इतिहास रच दिया. उन्होंने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह किया. जांजगीर चांपा की रहने वाली अमिता श्रीवास छत्तीसगढ़ की महिला महिला हैं, जिन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है. उन्होंने माउंट किलिमंजारो से 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संदेश दिया. अमिता की इस कामयाबी पर सीएम भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिया ने बधाई दी है.

Mountaineer Amita Shrivas
जांजगीर चांपा की अमिता श्रीवास ने फतह किया माउंट किलिमंजारो

राह नहीं थी आसान

अमिता ने अफ्रीका के तंजानिया स्थित किलिमंजारो की 5,895 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचने के बाद उन्होंने 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संदेश भी दिया. अमिता का पर्वतारोहण कर ऊंचाईयां फतह करने का सपना आसान नहीं था, लेकिन कहते हैं कि सपने हमेशा बडे़ देखना चाहिए, तभी हम उसे हासिल कर सकते हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत अमिता ने बड़े सपने देखे और अपने हौसलों से उसे पूरा भी किया. उनका किलिमंजारो पर्वतारोहण का अभियान 4 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे शुरू हुआ था. 5 दिन की चढ़ाई के बाद अमिता 8 मार्च को सुबह 7ः45 बजे पर्वत के शिखर पर पहुंचीं. शिखर पर पहुंचने के बाद उन्होंने वहां भारत का झंडा फहराया और अपनी उपलब्धि के लिए सहयोगियों को याद किया. अब उनकी इच्छा माउंट एवरेस्ट को फतह करने की है.

- छत्तीसगढ़ की अमिता ने रचा इतिहास, माउंट किलिमंजारो को किया फतह

सरकार का मिला सहयोग

अमिता की हिम्मत को छत्तीसगढ़ शासन का पूरा सहयोग मिला. उनकी उपलब्धियों को देखते हुए जांजगीर-चांपा जिला प्रशासन द्वारा सीएसआर मद से छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कम्पनी के अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र मड़वा यूनिट के सहयोग से 2 लाख 70 हजार रुपए पर्वतारोहण के लिए दिए गए. अमिता ने इस अभियान में सहयोग और प्रोत्साहन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सहित शिवरीनारायण मठ के मठाधीश और कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त डॉ महंत रामसुंदर दास का आभार व्यक्त किया है.

Mountaineer Amita Shrivas
जांजगीर चांपा की अमिता श्रीवास ने फतह किया माउंट किलिमंजारो

आर्थिक परेशानियां नहीं बन सकीं बाधा

निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मीं अमिता राष्ट्रीय स्तर पर अन्य खेलों में भी अपना लोहा मनवा चुकी हैं. अमिता को पर्वतारोहण की प्रेरणा राज्य के एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही राहुल गुप्ता से मिली. वे पिछले 3 वर्षों से राहुल गुप्ता के मार्गदर्शन में पर्वतारोहण के गुर सीख रही हैं. उन्होंने बताया कि वे बचपन से ही खेल के क्षेत्र में अव्वल रही हैं. उनकी पर्वतारोहण में रुचि को उनके पिता जैतराम श्रीवास और मां रतियावन ने भी प्रोत्साहित किया.

- 99 साल 9 महीने के युवराज ने लगावाई कोरोना वैक्सीन, कहा- खुशी-खुशी लगवाइए टीका

अमिता ने विवेकानंद माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट माउंट आबू से वर्ष 2018 में रॉक क्लाइंबिंग का प्रशिक्षण लिया. इसके बाद उन्होंने 2019 में उत्तरी सिक्किम में 18 हजार फीट और पश्चिम सिक्किम में 17 हजार 600 फीट की ऊंचाई फतह की. उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय सभी महिलाओं को दिया है, जो यथासंभव राज्य की प्रगति और विकास में अपना योगदान दे रही हैं.

जांजगीर चांपा: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन छत्तीसगढ़ की बेटी अमिता श्रीवास ने इतिहास रच दिया. उन्होंने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह किया. जांजगीर चांपा की रहने वाली अमिता श्रीवास छत्तीसगढ़ की महिला महिला हैं, जिन्होंने ये कारनामा कर दिखाया है. उन्होंने माउंट किलिमंजारो से 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संदेश दिया. अमिता की इस कामयाबी पर सीएम भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिया ने बधाई दी है.

Mountaineer Amita Shrivas
जांजगीर चांपा की अमिता श्रीवास ने फतह किया माउंट किलिमंजारो

राह नहीं थी आसान

अमिता ने अफ्रीका के तंजानिया स्थित किलिमंजारो की 5,895 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचने के बाद उन्होंने 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संदेश भी दिया. अमिता का पर्वतारोहण कर ऊंचाईयां फतह करने का सपना आसान नहीं था, लेकिन कहते हैं कि सपने हमेशा बडे़ देखना चाहिए, तभी हम उसे हासिल कर सकते हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत अमिता ने बड़े सपने देखे और अपने हौसलों से उसे पूरा भी किया. उनका किलिमंजारो पर्वतारोहण का अभियान 4 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे शुरू हुआ था. 5 दिन की चढ़ाई के बाद अमिता 8 मार्च को सुबह 7ः45 बजे पर्वत के शिखर पर पहुंचीं. शिखर पर पहुंचने के बाद उन्होंने वहां भारत का झंडा फहराया और अपनी उपलब्धि के लिए सहयोगियों को याद किया. अब उनकी इच्छा माउंट एवरेस्ट को फतह करने की है.

- छत्तीसगढ़ की अमिता ने रचा इतिहास, माउंट किलिमंजारो को किया फतह

सरकार का मिला सहयोग

अमिता की हिम्मत को छत्तीसगढ़ शासन का पूरा सहयोग मिला. उनकी उपलब्धियों को देखते हुए जांजगीर-चांपा जिला प्रशासन द्वारा सीएसआर मद से छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कम्पनी के अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र मड़वा यूनिट के सहयोग से 2 लाख 70 हजार रुपए पर्वतारोहण के लिए दिए गए. अमिता ने इस अभियान में सहयोग और प्रोत्साहन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सहित शिवरीनारायण मठ के मठाधीश और कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त डॉ महंत रामसुंदर दास का आभार व्यक्त किया है.

Mountaineer Amita Shrivas
जांजगीर चांपा की अमिता श्रीवास ने फतह किया माउंट किलिमंजारो

आर्थिक परेशानियां नहीं बन सकीं बाधा

निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मीं अमिता राष्ट्रीय स्तर पर अन्य खेलों में भी अपना लोहा मनवा चुकी हैं. अमिता को पर्वतारोहण की प्रेरणा राज्य के एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही राहुल गुप्ता से मिली. वे पिछले 3 वर्षों से राहुल गुप्ता के मार्गदर्शन में पर्वतारोहण के गुर सीख रही हैं. उन्होंने बताया कि वे बचपन से ही खेल के क्षेत्र में अव्वल रही हैं. उनकी पर्वतारोहण में रुचि को उनके पिता जैतराम श्रीवास और मां रतियावन ने भी प्रोत्साहित किया.

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अमिता ने विवेकानंद माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट माउंट आबू से वर्ष 2018 में रॉक क्लाइंबिंग का प्रशिक्षण लिया. इसके बाद उन्होंने 2019 में उत्तरी सिक्किम में 18 हजार फीट और पश्चिम सिक्किम में 17 हजार 600 फीट की ऊंचाई फतह की. उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय सभी महिलाओं को दिया है, जो यथासंभव राज्य की प्रगति और विकास में अपना योगदान दे रही हैं.

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