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छात्रवृत्ति योजना के तहत 67 हजार आवेदन में आधा से ज्यादा फर्जी

शासन की नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत जांजगीर चांपा से 67 हजार आवेदन में ज्यादातर आवेदन फर्जी पाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक योजना एजेंट चला रहे थे. वहीं ज्यादातर आवेदन फर्जी मिलने से राज्य शासन ने सत्यापन का आदेश दिया है.

Most of the applications under the government new scholarship scheme are fake
शासन की नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत 67000 आवेदन में ज्यादातर आवेदन फर्जी
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Published : Jan 30, 2020, 11:33 AM IST

Updated : Jan 30, 2020, 2:15 PM IST

जांजगीर-चांपा: शासकीय योजनाओं में किस तरीके से भ्रष्टाचार चल रहा है, इसका अगर सबूत आपको देखना है, तो राज्य शासन के श्रम विभाग में देखा जा सकता है. श्रमिकों के लिए संचालित योजनाएं यहां बिचौलियों के हवाले चल रही हैं. यह जानकर आपको हैरनी तो हो सकती है, लेकिन जांजगीर-चांपा जिले में यहीं बात सामने आ रही है.

छात्रवृत्ति योजना के तहत 67000 आवेदन में आधा से ज्यादा आवेदन फर्जी

दरअसल, श्रमिकों के बच्चों के लिए शासन की नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत जिले से 67 हजार आवेदन विभाग को मिले थे, जिसे विभाग ने राज्य शासन को भेज दिया था, लेकिन जब इसकी जांच की गई तो राज्य शासन ने आवेदनों की फर्जी होने की बात कहकर जिला कार्यालय को आवेदन को सत्यापन का निर्देश दिया, जिसके बाद आवेदनकर्ताओं को राशन कार्ड और आधार कार्ड को सत्यापन करने के लिए कहा गया.

ETV भारत की टीम ने की श्रमिकों से बात
वहीं जिले भर के जिन लोगों ने एजेंट के माध्यम से आवेदन किया था, उन्हें अब स्वयं कार्यालय आकर सत्यापन कराना पड़ रहा है. यहीं कारण है कि लाभार्थियों की भारी भीड़ श्रम विभाग में उमड़ पड़ी है. इस संबंध में जब ETV भारत की टीम ने पंजीकृत श्रमिकों से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने 500 से 1000 देकर एजेंटों के माध्यम से आवेदन जमा किया था. इसके अलावा श्रम निरीक्षक ने भी यह स्वीकार किया कि बिचौलिए की ओर से आवेदन आए थे, जिसमें फर्जी तरीके से आवेदन किया गया था. यही कारण है कि इसे सत्यापन के लिए आधार कार्ड के साथ फिर से आवेदन लिया जा रहा है.

पढ़े: कांकेर: मुठभेड़ के बाद 5 नक्सली गिरफ्तार, 3 भरमार बंदूक बरामद

बता दें, राज्य शासन की योजना नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत श्रमिक परिवार के पहले दो बच्चों को शासन की तरफ से छात्रवृत्ति दी जाती है. जब ETV भारत की टीम ने श्रमिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि पिछले 2 साल से वह एजेंटों से ही इस योजना से जुड़े हुए थे. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस योजना के तहत किस तरीके से भ्रष्टाचार होता रहा होगा.

जांजगीर-चांपा: शासकीय योजनाओं में किस तरीके से भ्रष्टाचार चल रहा है, इसका अगर सबूत आपको देखना है, तो राज्य शासन के श्रम विभाग में देखा जा सकता है. श्रमिकों के लिए संचालित योजनाएं यहां बिचौलियों के हवाले चल रही हैं. यह जानकर आपको हैरनी तो हो सकती है, लेकिन जांजगीर-चांपा जिले में यहीं बात सामने आ रही है.

छात्रवृत्ति योजना के तहत 67000 आवेदन में आधा से ज्यादा आवेदन फर्जी

दरअसल, श्रमिकों के बच्चों के लिए शासन की नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत जिले से 67 हजार आवेदन विभाग को मिले थे, जिसे विभाग ने राज्य शासन को भेज दिया था, लेकिन जब इसकी जांच की गई तो राज्य शासन ने आवेदनों की फर्जी होने की बात कहकर जिला कार्यालय को आवेदन को सत्यापन का निर्देश दिया, जिसके बाद आवेदनकर्ताओं को राशन कार्ड और आधार कार्ड को सत्यापन करने के लिए कहा गया.

ETV भारत की टीम ने की श्रमिकों से बात
वहीं जिले भर के जिन लोगों ने एजेंट के माध्यम से आवेदन किया था, उन्हें अब स्वयं कार्यालय आकर सत्यापन कराना पड़ रहा है. यहीं कारण है कि लाभार्थियों की भारी भीड़ श्रम विभाग में उमड़ पड़ी है. इस संबंध में जब ETV भारत की टीम ने पंजीकृत श्रमिकों से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने 500 से 1000 देकर एजेंटों के माध्यम से आवेदन जमा किया था. इसके अलावा श्रम निरीक्षक ने भी यह स्वीकार किया कि बिचौलिए की ओर से आवेदन आए थे, जिसमें फर्जी तरीके से आवेदन किया गया था. यही कारण है कि इसे सत्यापन के लिए आधार कार्ड के साथ फिर से आवेदन लिया जा रहा है.

पढ़े: कांकेर: मुठभेड़ के बाद 5 नक्सली गिरफ्तार, 3 भरमार बंदूक बरामद

बता दें, राज्य शासन की योजना नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत श्रमिक परिवार के पहले दो बच्चों को शासन की तरफ से छात्रवृत्ति दी जाती है. जब ETV भारत की टीम ने श्रमिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि पिछले 2 साल से वह एजेंटों से ही इस योजना से जुड़े हुए थे. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस योजना के तहत किस तरीके से भ्रष्टाचार होता रहा होगा.

Intro:शासन की नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत जांजगीर चांपा से 67000 आवेदन मैं ज्यादातर फर्जी आवेदन आए,

एजेंटों के मार्फत आवेदन ज्यादातर फर्जी मिलने से राज्य शासन ने सत्यापन का दिया आदेश

सत्यापन करने पंजीकृत श्रमिकों की भारी भीड़ उमड़ी
श्रमिकों ने एजेंटों को 500 से ₹1000 देकर आवेदन किया था
एंकर
शासकीय योजनाओं में किस तरीके से भर्राशाही चल रही है, इसकी अगर बानगी आपको देखना है, तो राज्य शासन के श्रम विभाग में देखा जा सकता है। श्रमिकों के लिए यहां संचालित योजनाएं दलालों के हवाले चल रहे हैं, यह आपको जानकर हैरत हो सकती है । लेकिन जांजगीर-चांपा जिले में यही बात सामने आ रही है। श्रमिकों के बच्चों के लिए शासन की नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत जिले से 67 हजार आवेदन विभाग को मिले और विभाग ने इसे राज्य शासन को भी भेज दिया । जब इसकी जांच की गई तो राज्य शासन ने फर्जी आवेदन होने की बात कर जिला कार्यालय को आवेदन को सत्यापन का निर्देश दिया। जिसके बाद राशन कार्ड और आधार कार्ड के द्वारा सत्यापन करने के लिए आवेदनकर्ताओं को कहा गया । स्थिति देखिए कि जिले भर के लोग जिन्होंने एजेंट के मार्फत आवेदन किया था, उन्हें स्वयं कार्यालय आकर सत्यापन करना पड़ रहा है । यही कारण है कि लाभार्थियों की भारी भीड़ श्रम विभाग में उमड़ पड़ी है । इस संबंध में जब हमने पंजीकृत श्रमिकों से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे 500 से ₹1000 देकर एजेंटों के थ्रू आवेदन जमा किया था। इसके अलावा श्रम निरीक्षक ने भी यह स्वीकार किया कि दलालों के द्वारा आवेदन आए थे, जिसमें फर्जी तरीके से आवेदन किया गया था। यही कारण है कि इसे सत्यापन के लिए आधार कार्ड के साथ फिर से आवेदन लिया जा रहा है। ज्ञात हो कि राज्य शासन की योजना नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत श्रमिक परिवार के पहले दो बच्चों को शासन की तरफ से छात्रवृत्ति दी जाती है। जब हमने श्रमिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि पिछले 2 साल से वह एजेंटों के द्वारा ही इस योजना से जुड़े हुए थे ।आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस योजना के तहत किस तरीके से भ्रष्टाचार होता रहा होगा।
वॉक्स पॉप- महिला व पुरुष श्रमिक
बाइट- बीएल देवांगन ,‌ श्रम निरीक्षकBody:,,,,,Conclusion:,,,,,
Last Updated : Jan 30, 2020, 2:15 PM IST
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