जांजगीर-चांपा: शासकीय योजनाओं में किस तरीके से भ्रष्टाचार चल रहा है, इसका अगर सबूत आपको देखना है, तो राज्य शासन के श्रम विभाग में देखा जा सकता है. श्रमिकों के लिए संचालित योजनाएं यहां बिचौलियों के हवाले चल रही हैं. यह जानकर आपको हैरनी तो हो सकती है, लेकिन जांजगीर-चांपा जिले में यहीं बात सामने आ रही है.
दरअसल, श्रमिकों के बच्चों के लिए शासन की नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत जिले से 67 हजार आवेदन विभाग को मिले थे, जिसे विभाग ने राज्य शासन को भेज दिया था, लेकिन जब इसकी जांच की गई तो राज्य शासन ने आवेदनों की फर्जी होने की बात कहकर जिला कार्यालय को आवेदन को सत्यापन का निर्देश दिया, जिसके बाद आवेदनकर्ताओं को राशन कार्ड और आधार कार्ड को सत्यापन करने के लिए कहा गया.
ETV भारत की टीम ने की श्रमिकों से बात
वहीं जिले भर के जिन लोगों ने एजेंट के माध्यम से आवेदन किया था, उन्हें अब स्वयं कार्यालय आकर सत्यापन कराना पड़ रहा है. यहीं कारण है कि लाभार्थियों की भारी भीड़ श्रम विभाग में उमड़ पड़ी है. इस संबंध में जब ETV भारत की टीम ने पंजीकृत श्रमिकों से बात की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने 500 से 1000 देकर एजेंटों के माध्यम से आवेदन जमा किया था. इसके अलावा श्रम निरीक्षक ने भी यह स्वीकार किया कि बिचौलिए की ओर से आवेदन आए थे, जिसमें फर्जी तरीके से आवेदन किया गया था. यही कारण है कि इसे सत्यापन के लिए आधार कार्ड के साथ फिर से आवेदन लिया जा रहा है.
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बता दें, राज्य शासन की योजना नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत श्रमिक परिवार के पहले दो बच्चों को शासन की तरफ से छात्रवृत्ति दी जाती है. जब ETV भारत की टीम ने श्रमिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि पिछले 2 साल से वह एजेंटों से ही इस योजना से जुड़े हुए थे. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस योजना के तहत किस तरीके से भ्रष्टाचार होता रहा होगा.