जांजगीर-चाम्पा : छत्तीसगढ़ शासन ने ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के लिए 15वें वित्त की राशि जारी की थी. लेकिन पामगढ़ जनपद में इस राशि में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. जनपद अध्यक्ष और सदस्यों की माने तो इस राशि का सरपंच और सचिवों ने मिलकर बंदरबाट किया है. जिसके कारण किसी भी ग्राम पंचायत में विकास कार्य नहीं हुए. इस गड़बड़ी की जांच की मांग अब जनपद अध्यक्ष और सदस्य कर रहे हैं.जनपद के सदस्यों ने जांच की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरु किया है.
जनपद सीईओ ने बैठाई जांच : 15वें वित्त की राशि में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जनपद अध्यक्ष समेत सदस्य आमरण अनशन पर बैठ गए.जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने जांच दल का जांच टीम का गठित कर दिया है. जो वित्तीय मामलों की जांच करके रिपोर्ट सौंपेगी. इस जांच दल में पामगढ़ जनपद सीईओ को भी शामिल किया गया था.लेकिन जनपद सीईओ ने अपना नाम जांच दल से हटवा लिया है.
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बड़ा घोटाला आ सकता है सामने : जनपद पंचायत पामगढ़ सीईओ प्रज्ञा यादव ने बताया कि "पामगढ क्षेत्र के गांवों में सरपंचों के भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है.जिला पंचायत सीईओ ने जांच दल में पामगढ़ जनपद सीईओ को भी शामिल किया था. लेकिम काम की अधिकता के कारण वो जांच टीम से नाम वापस लेने का आवेदन दे चुकी हैं."
आपको बता दें कि पामगढ़ जनपद अध्यक्ष ने 15वें वित्त में हुए गड़बड़ी की शिकायत की है.जिसके बाद सरपंचों में खलबली मच गई है. अगर मामले की जांच होगी तो बड़ा घोटाला सामने आने की संभावना है. कई अधिकारियों के भी इस धांधली में शामिल होने की बात सामने आ रही है.