जांजगीर-चांपा: जिले के डभरा ब्लॉक के कर्ता-धर्ताओं पर रिश्वत लेकर रेडी-टू-ईट का आवंटन करने के आरोप लगे हैं. दूसरे स्व सहायता समूह की महिलाओं का आरोप है कि अपात्र अनुभवहीन महिला समूहों को रेडी टू ईट का संचालन करने की जिम्मेदारी दी गई है. महिलाओं का आरोप है कि, जिस समूह को ठेका दिया गया है, उसके पास ठीक से संसाधन भी नहीं हैं.
डभरा ब्लॉक में जिस समूह को रेडी टू ईट का संचालन करने वाले दूसरे समूह की महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. समूह की महिलाओं का आरोप है कि महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजर की मिलीभगत से संचालन करने वाले समूहों से रुपयों की डिमांड की गई है. उन्होंने कहा कि ऑर्डर गोबरा सेक्टर के शारदा स्व सहायता समूह को मिलना था, लेकिन साठगांठ कर दूसरे स्व सहायता समूह को दे दिया गया है.
महिलाओं ने लगाया ये आरोप
महिलाओं का आरोप है कि महिला एवं बाल विकास विभाग डभरा के परियोजना अधिकारी तीन बार जांच करने मौके पर गए थे. उसके बाद उन्होंने ग्रेड दिया गया था और इसके बाद ही रुपयों की मांग की गई थी. जिन महिला समूहों की ओर से रिश्वत देने पर असमर्थता जताई गई, उन समूहों को जीरो नंबर दे दिया गया और अपात्र, अनुभवहीन महिला समूहों को रिश्वत लेकर रेडी टू ईट संचालन का काम दे दिया गया.
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दावा आपत्ति निर्धारित समय पर रेडी टू ईट संचालन करने वाले महिला समूह में कटौद मां व्रत स्व सहायता समूह, शारदा स्व सहायता समूह, फरसवानी मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह, कटौद के एएस फाउंडेशन शिव शक्ति महिला स्व सहायता समूह, केकराभाठ जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह, कवालझर जय लक्ष्मी स्व सहायता समूह, जवाली जय सतनाम महिला स्व सहायता समूह और बांधापाली के साथ सभी सेक्टर में संचालित समूहों कलेक्टर से 5 नवम्बर 2019 को और 13 जुलाई 2020 को शिकायत की है.
9 जून को की गई थी शिकायत
दावा आपत्ति के मुताबिक 9 जून 2020 को जिला परियोजना अधिकारी के पास कई बार लिखित शिकायत दी गई है. इसके बाद भी डभरा ब्लॉक क्षेत्र के धुरकोट सेक्टर और देवरघटा गोबरा डभरा चन्द्रपुर की रेडी टू ईट के संचालन का काम लेन-देन कर अनुभवविहीन समूह को दे दिया गया है.
निष्पक्ष जांच करने की मांग
महिला समूहों ने लिखित शिकायत कर इस मामले की जांच के साथ ही रेडी टू ईट आवंटन निरस्त करने की मांग की है. जबकि सेक्टर देवरघटा के अंतर्गत मां व्रत महिला स्व सहायता समूह, कटौद जय सतनाम महिला स्व सहायता समूह, बांधापाली और मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह पिछले 10-11 साल से रेडी टू ईट निर्माण कर पोषण आहार वितरण कर रहे हैं. वहीं अन्य सेक्टरों के महिला स्व सहायता समूह की ओर से नियमित रूप से संसाधन जुटाकर रेडी टू ईट का निर्माण कर रहे थे और नियमित शासन के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों के नौनिहालों और किशोरी और गर्भवती माताओं को पोषण आहार वितरण कर रहे थे.
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कोरोना महामारी और लॉकडाउन के समय भी महिला समूह घरों में रेडी टू ईट पोषाण तैयार कर क्षेत्र के गांव में जाकर घर-घर जरूरतमंदों को वितरण कर रहे थे. पूर्व में संचालित महिला समूहों लेकर मशीन लगाई थी, लेकिन अब लाखों की मशीन कबाड़ में तब्दील हो जाएगी और वो लाखों रुपए के कर्ज तले दबे रहेंगे. उनके मशीन अब बेकार हो जाएंगे, लेकिन अब नए महिला स्व सहायता समूह को रेडी टू ईट निर्माण के लिए जिम्मेदारी दी गई है.
संसाधन न होने पर भी दी गई जिम्मेदारी
उनके पास संसाधन की व्यवस्था नहीं है. इसके बाद भी उनको भारी लेनदेन कर रेडी टू ईट बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. जब इस संबंध में ब्लॉक महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी उमा कश्यप से चर्चा की गई तो उन्होंने किसी प्रकार की जानकारी एवं बयान देने से मना किया गया उन्होंने विभागीय उच्च अधिकारियों का हवाला देते हुए जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया.