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जाजंगीर-चांपाः बाल विवाह रोकने पहुंची मजिस्ट्रेट, परिजन को दी समझाइश - Magistrate Rajeshwari Suryavanshi

जाजंगीर चांपा के ग्राम बिछिया में बाल विवाह की सूचना मिलने पर सक्ती व्यवहार न्यायालय की मजिस्ट्रेट राजेश्वरी सूर्यवंशी टीम बनाकर पहुंची. जहां उनकी समझाइश के बाद लड़के के परिजनों ने 21 साल की उम्र के बाद शादी कराने का आश्वासन दिया है.

Magistrate arrived to stop child marriage
बाल विवाह रोकने पहुंची मजिस्ट्रेट
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Published : May 24, 2020, 5:15 PM IST

Updated : May 24, 2020, 9:20 PM IST

जांजगीर चांपाः बाराद्वार थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिछिया में बाल विवाह की सूचना मिलने पर सक्ती व्यवहार न्यायालय की मजिस्ट्रेट राजेश्वरी सूर्यवंशी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ टीम बनाकर वर पक्ष के घर पहुंची. जहां उन्होंने लड़के के परिजन को भारतीय विवाह अधिनियम कानून की जानकरी देते हुए समझाइश दी. जिसके बाद परिजन उनकी बात मानकर लड़के व्यस्क होने तक विवाह को स्थगित कर दिया है.

बता दें भारतीय विवाह अधिनियम के मुताबिक लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होनो अनिवार्य है. अधिनियम के उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता के मुताबिक दोषि के खिलाफ बाल विवाह के आरोप में कार्रवाई की जा रही है.

पढ़ेंः-जांजगीर-चांपा: कटेकोनी में गंदगी का अंबार, नाली से पानी निकासी का नहीं है इंतजाम

21 साल होने पर शादी करने का आश्वासन

मजिस्ट्रेट राजेश्वरी ने बताया की परियोजना अधिकारी को मामले की जानकारी मिली थी, जिसके बाद महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने उन्हें और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेश कुमार श्रीवास्तव और तालुका विधिक सेवा समिति के एडीजे संतोष कुमार आदित्य को सूचना दी. मामले की सूचना मिलने पर वो टीम बनाकर ग्राम बिछिया पहुंचे, जहां अमृतलाल पटेल के बेटे का विवाह तय हुआ था, मंडपाच्छादन का कार्यक्रम चल रहा था और दो दिन बाद बारात जाने की तैयारी थी. लेकिन उनके द्वारा लड़के का 21 साल से कम उम्र में शादी करना अपराध बताए जाने और समझाईश देने के बाद परिजनों ने शादी का कार्यक्रम 6 महीने के लिए रोक दिया है और लड़के के उम्र 21 साल होने के बाद शादी करने का आश्वासन दिया है.

बाल विवाह रोकने पहुंची मजिस्ट्रेट

जांजगीर चांपाः बाराद्वार थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिछिया में बाल विवाह की सूचना मिलने पर सक्ती व्यवहार न्यायालय की मजिस्ट्रेट राजेश्वरी सूर्यवंशी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ टीम बनाकर वर पक्ष के घर पहुंची. जहां उन्होंने लड़के के परिजन को भारतीय विवाह अधिनियम कानून की जानकरी देते हुए समझाइश दी. जिसके बाद परिजन उनकी बात मानकर लड़के व्यस्क होने तक विवाह को स्थगित कर दिया है.

बता दें भारतीय विवाह अधिनियम के मुताबिक लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल होनो अनिवार्य है. अधिनियम के उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता के मुताबिक दोषि के खिलाफ बाल विवाह के आरोप में कार्रवाई की जा रही है.

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21 साल होने पर शादी करने का आश्वासन

मजिस्ट्रेट राजेश्वरी ने बताया की परियोजना अधिकारी को मामले की जानकारी मिली थी, जिसके बाद महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने उन्हें और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेश कुमार श्रीवास्तव और तालुका विधिक सेवा समिति के एडीजे संतोष कुमार आदित्य को सूचना दी. मामले की सूचना मिलने पर वो टीम बनाकर ग्राम बिछिया पहुंचे, जहां अमृतलाल पटेल के बेटे का विवाह तय हुआ था, मंडपाच्छादन का कार्यक्रम चल रहा था और दो दिन बाद बारात जाने की तैयारी थी. लेकिन उनके द्वारा लड़के का 21 साल से कम उम्र में शादी करना अपराध बताए जाने और समझाईश देने के बाद परिजनों ने शादी का कार्यक्रम 6 महीने के लिए रोक दिया है और लड़के के उम्र 21 साल होने के बाद शादी करने का आश्वासन दिया है.

Last Updated : May 24, 2020, 9:20 PM IST
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