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मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने में छूटे पंचायत के पसीने, धनराशि की हो रही कमी - क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए राशि

जांजगीर-चांपा में प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने में पंचायतों को राशि की कमी हो रही है. धनराशि की मांग को लेकर एसडीएम ने शासन को मांग पत्र भेजा है.

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क्वॉरेंटाइन सेंटर
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Published : Jun 26, 2020, 2:30 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 4:29 PM IST

जांजगीर-चांपा: लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों से प्रवासी मजदूर लौटने लगे थे. जिले में भी 11 मई से प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया था जो अब तक जारी है. जिले में रोज तकरीबन एक हजार मजदूर पहुंच रहे हैं. ऐसे में इन मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. पंचायतों के पास फंड की कमी होने लगी है. सरपंच अपने खर्च पर क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था कर रहे हैं.

प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला अब तक जारी

राजनांदगांव: कोरोना से जंग जीतकर घर लौटी स्वास्थ्यकर्मी, लोगों ने किया स्वागत

जिले में अलग-अलग राज्यों से लौटने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. प्रशासन ने मजदूरों के लौटने और उन्हें क्वॉरेंटाइन करने की पूरी व्यवस्था कर रखी थी, लेकिन मजदूरों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ने लगी है कि पंचायत के पास फंड खत्म हो चुका है. ऐसी स्थिति में प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने की पूरी व्यवस्था सरपंच अपने खर्च पर कर रहे हैं. इस विषय में जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान ने बताया कि धनराशि की कमी पंचायत में हो रही है, इसके लिए राज्य शासन को मांग पत्र भेजे जा रहे हैं. राशि की कमी के साथ ही प्रवासी मजदूरों के लौटने के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं. अब तक पूरे जिले में एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूर लौट चुके हैं. इसके बावजूद रोज औसतन प्रवासी मजदूरों के लौटने की आंकड़े में कमी नहीं आई है. इसकी वजह से इन सभी की व्यवस्था करना न केवल जिला प्रशासन बल्कि पंचायतों के लिए भी चुनौती बन गया है.

जांजगीर-चांपा में बढ़ रहे कोरोना संक्रमित

जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अब तक कुल 221 पॉजिटिव केस आ चुके हैं. राहत की बात ये है कि मरीज तेजी से ठीक भी होने लगे हैं. अब तक 121 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिए गए हैं. वहीं एक्टिव केस जिले में अभी 100 हैं.

जांजगीर-चांपा: लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग राज्यों से प्रवासी मजदूर लौटने लगे थे. जिले में भी 11 मई से प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया था जो अब तक जारी है. जिले में रोज तकरीबन एक हजार मजदूर पहुंच रहे हैं. ऐसे में इन मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. पंचायतों के पास फंड की कमी होने लगी है. सरपंच अपने खर्च पर क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था कर रहे हैं.

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जिले में अलग-अलग राज्यों से लौटने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. प्रशासन ने मजदूरों के लौटने और उन्हें क्वॉरेंटाइन करने की पूरी व्यवस्था कर रखी थी, लेकिन मजदूरों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ने लगी है कि पंचायत के पास फंड खत्म हो चुका है. ऐसी स्थिति में प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने की पूरी व्यवस्था सरपंच अपने खर्च पर कर रहे हैं. इस विषय में जांजगीर एसडीएम मेनका प्रधान ने बताया कि धनराशि की कमी पंचायत में हो रही है, इसके लिए राज्य शासन को मांग पत्र भेजे जा रहे हैं. राशि की कमी के साथ ही प्रवासी मजदूरों के लौटने के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं. अब तक पूरे जिले में एक लाख से अधिक प्रवासी मजदूर लौट चुके हैं. इसके बावजूद रोज औसतन प्रवासी मजदूरों के लौटने की आंकड़े में कमी नहीं आई है. इसकी वजह से इन सभी की व्यवस्था करना न केवल जिला प्रशासन बल्कि पंचायतों के लिए भी चुनौती बन गया है.

जांजगीर-चांपा में बढ़ रहे कोरोना संक्रमित

जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अब तक कुल 221 पॉजिटिव केस आ चुके हैं. राहत की बात ये है कि मरीज तेजी से ठीक भी होने लगे हैं. अब तक 121 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिए गए हैं. वहीं एक्टिव केस जिले में अभी 100 हैं.

Last Updated : Jun 26, 2020, 4:29 PM IST
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