जांजगीर चांपा : देवरी बरभाठा गांव में एक शख्स ने अपनी पत्नी समेत तीन बेटियों को बेरहमी से मार डाला था.जिसकी गिरफ्तारी के बाद ये पता चला कि आरोपी मानसिक रोगी है. पुलिस अब तक इस मामले में हत्या की वजह के बारे में पता नहीं लगा सकी है. वहीं दूसरी तरफ इस घटना के बाद से गांव में मातम पसरा है. आरोपी के रिश्तेदारों की माने तो उन्होंने कभी ये सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा.
कब हुई वारदात ? : देवरी बरभाठा गांव में पिता ने अपनी मासूम बेटियों समेत उनकी मां को भी जान से मार डाला.आरोपी देशराज मानसिक रुप से बीमार था.जिसका इलाज परिवार करवा रहा था.आरोपी के चचेरे भाई विजय कश्यप के मुताबिक घटना 31 जुलाई रात की है. 31 जुलाई को आरोपी देशराज कश्यप को उसके परिजन बिलासपुर मनोरोग चिकित्सक के पास लेकर गए थे. जहां से इलाज के बाद उसे वापस लाया गया था.
''सोमवार को देशराज का साला उसे छोड़कर अपने घर चला गया.सोमवार रात को ये घटना हुई है.बुधवार को घटना के बारे में पता चला.बिलासपुर में ईसीजी हुआ था.ईसीजी रिपोर्ट नॉर्मल आई थी.जिसके बाद डॉक्टर ने दस दिन की गोली लिखकर दी थी.दस दिन के बाद फिर से बुलाया था.डॉक्टर के पास से आते समय मानसिक स्थिति ठीक थी.''-विजय कश्यप, देशराज का भाई
विजय कश्यप की माने तो देशराज को बचपन से ही दौरा पड़ने की समस्या था.बचपन से ही उसे पागलपन के दौरे आते थे. मरने वाले बच्चों के मामा की माने तो परिवार में सिर्फ सुख या दुख के समय ही वो आते थे. इसलिए ज्यादा समय परिवार के लोगों से बातचीत नहीं होती थी.
किन लोगों की हुई हत्या ? : मृतकों में देशराज की पत्नी मोगरा बाई, 16 साल की बेटी पूजा,10 साल की बेटी भाग्य लक्ष्मी और 6 साल की याचना शामिल है. सभी के सिर में धारदार हथियार से हमला किया गया. पुलिस ने मौके से खून से सने फावड़ा को जब्त किया. इसके बाद आरोपी देशराज कश्यप को पंतोरा हनुमान मंदिर के पास से हिरासत में ले लिया है.आरोपी जिला अस्पताल में भर्ती है.
''2 अगस्त को सरपंच के बड़े बेटे ने चौकी पंतोरा में फोन करके सूचना दिया. देशराज कश्यप के घर में उसकी बीवी और बच्चे मरे पड़े हैं.उसकी हत्या देशराज कश्यप ने ही की है. जिसकी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और केस पंजीबद्ध किया.आरोपी के विरुद्ध हत्या की धाराओं में जांच शुरू हुई.आरोपी को गांव से ही गिरफ्तार किया गया.आरोपी मानसिक रूप से बीमार है. पिछले दस साल से उसका इलाज चल रहा है.''- शैलेंद्र शर्मा, एसडीओपी
आपको बता दें देशराज की बीमारी का इलाज बिलासपुर में पिछले 10 साल से चल रहा था. परिवार वाले उसे हर महीने डॉक्टर के पास भी ले जाते थे.लेकिन 31 जुलाई की रात एकाएक देशराज के सिर पर खून सवार हुआ.जिसमें उसने अपनी पत्नी समेत बच्चों की धारदार हथियार से जान ले ली.