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बीमा कंपनी की मनमानी पर उपभोक्ता फोरम का चला डंडा, 19 लाख भुगतान करने का आदेश

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Published : Jan 11, 2022, 8:56 PM IST

जांजगीर चांपा जिले में बीमा कंपनी की मनमानी पर उपभोक्ता फोरम ने एक्शन लिया है. तीन अलग-अलग मामलों में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (उपभोक्ता फोरम) बीमा कंपनियों को कुल 19 लाख भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. संचालित नेशनल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ फैसला आया है.

Janjgir Champa Consumer Forum
जांजगीर चांपा उपभोक्ता फोरम

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा जिले में बीमा कंपनी की मनमानी पर उपभोक्ता फोरम का डंडा चला है. जिले के तीन अलग-अलग मामलों में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (उपभोक्ता फोरम) बीमा कंपनियों को कुल 19 लाख भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय का भी जुर्माना लगाया गया है. जिले में संचालित नेशनल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ मामला दायर किया गया था. जिस पर फैसला आया है.

यह भी पढ़ें: जांजगीर में कार और स्कूटी में जोरदार टक्कर, हादसे के बाद 20 फीट दूर जा गिरी युवती, बाल-बाल बची जान

दरअसल, बीमा कंपनियों ने तीन अलग-अलग मामलों में सेवा में कमी करते हुए दावा का भुगतान नहीं किया था. उपभोक्ता आयोग ने हितग्राहियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए करीब 19 लाख रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है

  • पहले मामले में सारागांव निवासी गायत्री यादव और उसके पुत्र ने अपने बाइक का बीमा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से कराया था. जिसमें बीमा 15 लाख रुपए का था. बीमा अवधि के ही दौरान उसके पुत्र संदीप की वाहन दुर्घटना में मौत हो गई. जिस पर बीमा योजना के तहत दावा करने पर कंपनी ने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया. इस पर गायत्री ने मामला उपभोक्ता आयोग में प्रस्तुत किया. उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष तजेश्वरी देवी देवांगन, सदस्य मनरमण सिंह और मंजू लता राठौर ने सुनवाई में कंपनी की सेवा में कमी पाई. बीमा की रकम 15 लाख रुपए 45 दिनों के भीतर भुगतान करने का फैसला सुनाया. साथ ही आवेदक को 5,000 रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और 1,000 रुपये वाद व्यय स्वरूप भुगतान का निर्देश दिया.
  • इसी तरह दूसरा मामला जांजगीर भाटापारा का है. प्रेम प्रकाश पिता गणेश राम ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से अपने चार पहिया वाहन का बीमा कराया था. बीमा अवधि के दौरान ही वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसकी मरम्मत पर 1,39,672 रुपये खर्च हुए. उक्त बीमा दावा पर कंपनी ने केवल 84,000 रुपये का भुगतान किया. शेष 55,672 रुपये का भुगतान करने से मना कर दिया. इस मामले में भी आयोग ने बीमा कंपनी को शेष रकम सहित 10,000 रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और 2 हजार रुपए वाद व्यय के रूप भुगतान का निर्देश दिया है.
  • तीसरे मामले में परसाही बाना अकलतरा निवासी धनाराम पटेल पिता किशनलाल ने अपने चार पहिया वाहन का बीमा रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से कराया था. उक्त वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसके मरम्मत पर सर्विस सेंटर द्वारा 3,26,512 रुपए का खर्च बताया. उक्त खर्च के बीमा क्लेम पर कंपनी ने सेवा में कमी करते हुए अस्वीकार किया. जिस पर उपभोक्ता आयोग में सुनवाई करते हुए खर्च की संपूर्ण राशि सहित 15,000 रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति तथा 2000 रुपये वाद व्यय के रूप में भुगतान करने का फैसला सुनाया है.

जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा जिले में बीमा कंपनी की मनमानी पर उपभोक्ता फोरम का डंडा चला है. जिले के तीन अलग-अलग मामलों में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (उपभोक्ता फोरम) बीमा कंपनियों को कुल 19 लाख भुगतान करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय का भी जुर्माना लगाया गया है. जिले में संचालित नेशनल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ मामला दायर किया गया था. जिस पर फैसला आया है.

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दरअसल, बीमा कंपनियों ने तीन अलग-अलग मामलों में सेवा में कमी करते हुए दावा का भुगतान नहीं किया था. उपभोक्ता आयोग ने हितग्राहियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए करीब 19 लाख रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है

  • पहले मामले में सारागांव निवासी गायत्री यादव और उसके पुत्र ने अपने बाइक का बीमा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से कराया था. जिसमें बीमा 15 लाख रुपए का था. बीमा अवधि के ही दौरान उसके पुत्र संदीप की वाहन दुर्घटना में मौत हो गई. जिस पर बीमा योजना के तहत दावा करने पर कंपनी ने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया. इस पर गायत्री ने मामला उपभोक्ता आयोग में प्रस्तुत किया. उपभोक्ता आयोग की अध्यक्ष तजेश्वरी देवी देवांगन, सदस्य मनरमण सिंह और मंजू लता राठौर ने सुनवाई में कंपनी की सेवा में कमी पाई. बीमा की रकम 15 लाख रुपए 45 दिनों के भीतर भुगतान करने का फैसला सुनाया. साथ ही आवेदक को 5,000 रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और 1,000 रुपये वाद व्यय स्वरूप भुगतान का निर्देश दिया.
  • इसी तरह दूसरा मामला जांजगीर भाटापारा का है. प्रेम प्रकाश पिता गणेश राम ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से अपने चार पहिया वाहन का बीमा कराया था. बीमा अवधि के दौरान ही वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसकी मरम्मत पर 1,39,672 रुपये खर्च हुए. उक्त बीमा दावा पर कंपनी ने केवल 84,000 रुपये का भुगतान किया. शेष 55,672 रुपये का भुगतान करने से मना कर दिया. इस मामले में भी आयोग ने बीमा कंपनी को शेष रकम सहित 10,000 रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और 2 हजार रुपए वाद व्यय के रूप भुगतान का निर्देश दिया है.
  • तीसरे मामले में परसाही बाना अकलतरा निवासी धनाराम पटेल पिता किशनलाल ने अपने चार पहिया वाहन का बीमा रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से कराया था. उक्त वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसके मरम्मत पर सर्विस सेंटर द्वारा 3,26,512 रुपए का खर्च बताया. उक्त खर्च के बीमा क्लेम पर कंपनी ने सेवा में कमी करते हुए अस्वीकार किया. जिस पर उपभोक्ता आयोग में सुनवाई करते हुए खर्च की संपूर्ण राशि सहित 15,000 रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति तथा 2000 रुपये वाद व्यय के रूप में भुगतान करने का फैसला सुनाया है.
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