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जांजगीर-चांपा: ग्राम पंचायत घोघरी में सूखे के आसार, निस्तारी संकट गहराया - घोघरीरी में सूखे के आसार

जांजगीर-चांपा के मालखरौदा ब्लॉक के कई गांव में सूखे के आसार बन रहे हैं. इसके साथ ग्रामीणों को पीने के पानी और नहाने के लिए भी दूसरे गांव जाना पड़ रहा है.

Possibility of drought problem in janjgir
ग्राम पंचायत घोघरी में सूखे के आसार
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Published : Apr 23, 2020, 8:20 PM IST

Updated : Apr 24, 2020, 10:56 AM IST

जांजगीर-चांपा: हसदेव बांगो बांध परियोजना से आज तक नहरों मे निस्तारी के लिए पानी नहीं पहुंचा है. इसके कारण मालखरौदा ब्लॉक के कई गांव में निस्तारी की समस्या बढ़ रही है. वहीं कुछ गांव में नदी, नाले, पोखरी, डबरी, तालाब सूख चुके हैं. ग्रामीण नहरों में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे गांवों के तालाब और नदी और नहरों से पानी भर सकें.

कैसे दूर होगा जल संकट

बताया जा रहा है कि घोघरी गांव के ग्रामीण नहाने के लिए बगान नाला का उपयोग बरसों से करते आ रहे हैं. यह एक मात्र नाला है जो पूरी तरह सूख चुका है. अभी अप्रैल महीने के अंतिम दिनों में ही बगान नाला सूख चुका है. ग्रामीण निस्तारी के लिए तरस रहे हैं. वहीं अभी बगान नाला सूख चुका है. निस्तारी के लिए हाहाकार मच गया है. इसके साथ ही मवेशी को धोने और नाला में पानी नहीं है तो दूसरी तरफ ग्रामीणों को नहाने के लिए संकट पैदा हो गया है.

गांव में आम और मवेशियों का साप्ताहिक बाजार लगता है, जिसमें हजारों की संख्या में ग्रामीण मवेशियों को बाजार में बेचने के लिए आते हैं. निस्तारी की समस्या होने से ग्रामीणों को दूसरे गांव में नहाने के लिए जाना पड़ता है.

जांजगीर-चांपा: हसदेव बांगो बांध परियोजना से आज तक नहरों मे निस्तारी के लिए पानी नहीं पहुंचा है. इसके कारण मालखरौदा ब्लॉक के कई गांव में निस्तारी की समस्या बढ़ रही है. वहीं कुछ गांव में नदी, नाले, पोखरी, डबरी, तालाब सूख चुके हैं. ग्रामीण नहरों में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे गांवों के तालाब और नदी और नहरों से पानी भर सकें.

कैसे दूर होगा जल संकट

बताया जा रहा है कि घोघरी गांव के ग्रामीण नहाने के लिए बगान नाला का उपयोग बरसों से करते आ रहे हैं. यह एक मात्र नाला है जो पूरी तरह सूख चुका है. अभी अप्रैल महीने के अंतिम दिनों में ही बगान नाला सूख चुका है. ग्रामीण निस्तारी के लिए तरस रहे हैं. वहीं अभी बगान नाला सूख चुका है. निस्तारी के लिए हाहाकार मच गया है. इसके साथ ही मवेशी को धोने और नाला में पानी नहीं है तो दूसरी तरफ ग्रामीणों को नहाने के लिए संकट पैदा हो गया है.

गांव में आम और मवेशियों का साप्ताहिक बाजार लगता है, जिसमें हजारों की संख्या में ग्रामीण मवेशियों को बाजार में बेचने के लिए आते हैं. निस्तारी की समस्या होने से ग्रामीणों को दूसरे गांव में नहाने के लिए जाना पड़ता है.

Last Updated : Apr 24, 2020, 10:56 AM IST
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