जांजगीर-चांपा: जिले में शनिवार से रुक रुककर लगातार बारिश हो रही है. जिले में धान की फसल के लिए ये बारिश काफी लाभदायक है. जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर में सबसे ज्यादा धान का उत्पादन जांजगीर-चांपा में होता है. खरीफ सीजन में यहां लगभग 98 प्रतिशत धान की फसल होती है. वर्तमान में हो रही बारिश से धान की अच्छी फसल होने की उम्मीद की जा रही है.
वर्तमान मानसून सत्र में 1 जून से 11 जुलाई तक जांजगीर-चांपा जिले में 315 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज की गई है. अधीक्षक भू-अभिलेख से मिली जानकारी के मुताबिक इस अवधि में जिले में तहसीलवार कितनी बारिश हुई उसके आंकड़े दिए गए हैं.
- जांजगीर में -115 मिलीमीटर
- अकलतरा - 316 मिलीमीटर
- बलौदा - 307.9 मिलीमीटर
- नवागढ़ - 630.7 मिलीमीटर
- शिवरीनारायण - 575 मिलीमीटर
- पामगढ़ - 353.5 मिलीमीटर
- चांपा - 315.4 मिलीमीटर
- सक्ती - 184.5 मिलीमीटर
- जैजैपुर - 211.9 मिलीमीटर
- मालखरौदा - 137.9 मिलीमीटर
- डभरा - 317.1 मिलीमीटर
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बता दें कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में कई दिनों से अच्छी बारिश हो रही है, जिससे कई जलाशय लबालब भर गए हैं. प्रदेश के जिलों में पुल-पुलिया सहित नदी और तलाब का भी जलस्तर बढ़ गया है. जिसके कारण छोटे पुल-पुलिया के उपर 4 से 5 फीट पानी भरा है. इसके कारण आम लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है.
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वहीं बस्तर के जगदलपुर में छत्तीसगढ़ का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट जलप्रपात अपने पूरे उफान पर है. इसके साथ ही हर साल बारिश का मौसम आते ही लोग मनमोहक जगहों का आनंद लेने पहुंचा करते थे, लेकिन कोरोना ने इस पर भी ग्रहण लगा दिया. इस वजह से पर्यटन विभाग को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं करोड़ों में बने सरकारी कॉटेजों में धूल जम रही है, जिसके मेनटेनेंस के लिए भी पैसे नहीं आ पा रहे हैं.