जांजगीर-चांपा: मालखरौदा क्षेत्र के चिखली गांव का किसान बेरोजारी को मात दे रहा है. प्रगतिशील किसान कार्तिक राम चंद्रा दूसरों को रोजगार दे रहे हैं. उन्होंने नवागांव और मुरलीडीह गांव में 25 एकड़ जमीन लीज में ली. इसके बाद 5 साल से शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. 4 एकड़ में शिमला मिर्च, 5 एकड़ में लौकी, 3 एकड़ में बरबट्टी, 5 एकड़ में कुंदरू के पौधे लगाए हैं. बाकी खेतों में गोभी, करेला, धनियां सहित अन्य सब्जियां उगा रहे हैं.
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सब्जी बाड़ी की देखरेख के लिए 25 मजदूर हर रोज काम कर रहे हैं. नियमित नर्सरी में लगे सब्जियों में दवाई और खाद डाल रहे हैं. मजदूर घास की साफ-सफाई भी करते हैं. कार्तिक राम चंद्रा शिमला मिर्च की खेती ड्रिप पद्धति से कर रहे हैं. अगस्त 2020 में कार्तिक राम चंद्रा ने शिमला मिर्च की खेती शुरू की थी. अब तक उन्होंने इसकी खेती से लाखों रुपये कमाए हैं.
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शिमला मिर्च थोक में 15-20 रुपये प्रति किलो बिक रहा
कार्तिक राम चन्द्रा ने बताया कि प्रतिदिन 10 से 12 क्विंटल शिमला मिर्च की तुड़ाई की जा रही है. मार्च महीने तक लगभग 15 किलो प्रति पेड़ फसल का उत्पादन होने की संभावना है. बाजार में शिमला मिर्च की कीमत थोक में औसत रेट 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इसे बाहर राज्य के व्यापारी बिहार, झारखंड और स्थानीय मंडी में बेच रहे हैं. रायगढ़ और सक्ती से आकर व्यापारी इसे खरीद रहे हैं.
शिमला मिर्च की खेती में सालाना लगभग 6 से 7 लाख की आमदनी
कार्तिक राम चंद्रा ने बताया कि 4 एकड़ शिमला मिर्च की खेती में सालाना लगभग 6 से 7 लाख की आमदनी होती है. लौकी की खेती ड्रिप पद्धति से की गई. लौकी के पौधे उग चुके हैं. उसमें लकड़ी लगाकर धागे बांधे जा रहे हैं. गर्मी के महीने में पैदावार होगी. बाड़ी से हर रोज़ कुंदरू, करेला, बरबट्टी और झुनगा की तुड़ाई की जा रही है. सब्जियों को बाजार में थोक भाव से बेचा जा रहा है.
25 लाख रुपये की होती है कमाई
किसान कार्तिक राम चंद्रा ने बताया कि सभी सब्जियों की फसल से प्रति एकड़ 1 लाख से डेढ़ लाख की कमाई होती है. कार्तिक राम चंद्रा ने बताया कि साल में 25 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है.