जांजगीर-चांपा: KSK महानदी पॉवर प्लांट के खिलाफ चल रहे अनशन को बलपूर्वक खत्म कराना जिला प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
पुलिस की ओर से आधी रात बलपूर्वक धरना प्रदर्शन स्थल से उठाकर लाए गए मजदूरों के परिजनों ने जिला जेल के सामने भूख हड़ताल शुरू कर रहे हैं. प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है. वहीं जेल में रखे गए मजदूर भी भूख हड़ताल पर हैं.
आमरण अनशन पर बैठे थे मजदूर
बता दें कि पिछले 38 दिनों से विस्थापित मजदूरों को प्लांट के अंदर जानें नहीं दिया जा रहा था और उनके नेताओं को निलंबित कर दिया गया था, जिसके विरोध में मजदूर आमरण अनशन पर बैठे थे, जिसे बीती रात पुलिस और प्रशासन द्वारा बलपूर्वक खत्म कराया गया था.
अनशन पर रहेंगे परिजन
इस मामले में परिजनों का कहना है कि, 'अपने हक की लड़ाई लड़ रहे उनके परिजनों को जबरदस्ती गिरफ्तार किया गया है. उनके घर के कमाने वालों के जेल जाने के बाद अब उनके सामने कोई चारा नहीं हैं. जब तक उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा, वे अनशन पर रहेंगे.'
परिजनों का कहना है कि, 'कलेक्टर और कोई भी अधिकारी हमारी बात नहीं सुन रहे हैं, आरोप लगाया कि सिर्फ प्लांट की ही बात सुन रहे हैं.'
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आधी रात हुई इस कार्रवाई को मजदूर के परिजन अन्याय बता रहे हैं. प्रशासन के अधिकारी मामले में कैमरे के सामने बात करने के लिए तैयार नहीं हैं.
प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच टकराव
प्लांट प्रबंधन, कर्मचारी और मजदूर के बीच टकराव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद 35 मजदूर नेताओं को निलंबित किए जाने के बाद यह लड़ाई सड़क पर आ गई थी और मजदूर हड़ताल पर बैठ गए थे. इस स्थिति में प्लांट के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा था और स्थानीय रोजगार प्रभावित होने का डर था.