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Janjgir champa news : छेदीलाल महाविद्यालय के 80 फीसदी छात्र फेल - शहीद नंंद कुमार पटेल महाविद्यालय

जांजगीर चापा के ठाकुर छेदीलाल महाविद्यालय के रिजल्ट ने इस बार सभी कौ चौंका दिया है.इस महाविद्यालय में पढ़ने वाले एलएलबी, एलएलएम, एमएससी और एमए के 80 फीसदी छात्र फेल हो गए हैं. इतना ही नहीं कई छात्र छात्राओं को शून्य नंबर मिले हैं. अब रिजल्ट सामने आने के बाद महाविद्यालय के खिलाफ छात्रों का गुस्सा चरम पर है. कॉलेज ने इसके विरोध में भूख हड़ताल शुरु की है. छात्रों की मांग है कि उनके परीक्षा की कॉपियां फिर से जांची जाए.आपको बता दें कि इस महाविद्यालय का नाम शहीद नंंद कुमार पटेल महाविद्यालय रखा गया है.

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छेदीलाल महाविद्यालय के छात्रों का आंदोलन
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Published : Mar 17, 2023, 2:13 PM IST

जांजगीर-चांपा : परीक्षा में पास और फेल का सिलसिला चलता रहता है. लेकिन जांजगीर चांपा के टीसीएल शहीद नंंद कुमार पटेल महाविद्यालय में इन दिनों छात्रों का विरोध चल रहा है. विरोध इसलिए क्योंकि पीजी कक्षाओं के अस्सी फीसदी छात्र परीक्षा में फेल हो चुके हैं.इन छात्रों में से कई ने झंडे गाड़ते हुए शून्य नंबर भी लाया है. अब जब सेमेस्टर का ऐसा खतरनाक रिजल्ट आया तो छात्राओं में आक्रोश पनप गया. छात्रों का कहना है कि उनकी कॉपियां ठीक ढंग से नहीं चेक हुईं है.इसलिए जब तक कॉलेज प्रबंधन उनकी कॉपियों को दोबारा नहीं चेक करता वो भूख हड़ताल करेंगे.

कॉपियां फिर से जांच कराने की मांग : महाविद्यालय के इस रिजल्ट के बाद छात्र छात्राओं को शक है कि मूल्यांकन में जरुर त्रुटि हुई है.लिहाजा एनएसयूआई ने कॉलेज प्रबंधन से सभी विद्यार्थियों के पेपर की फिर से जांच करने मांग की है. लेकिन कॉलेज के प्राचार्य ने रिचेकिंग का प्रावधान नहीं होने का हवाला देकर विद्यार्थियों को शांत करने की कोशिश की.


एलएलबी के छात्र ने शुरु की भूख हड़ताल : कॉलेज के अधिकांश छात्रों की समस्या को नजर अंदाज करने से तंग आकर महाविद्यालय में पढ़ने वाले एलएलबी सिक्स सेमेस्टर के छात्र आकाश तिवारी ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. आकाश तिवारी एनएसयूआई का विधानसभा अध्यक्ष भी है. उसका कहना है कि '' कोरोना काल में कॉलेज की पढ़ाई प्रभावित हुई थी लेकिन ऑनलाइन एग्जाम के बाद भी रिजल्ट संतोषजनक था. लेकिन इस वर्ष महाविद्यालय में अच्छी पढ़ाई होने के बाद भी रिजल्ट में 80 प्रतिशत विद्यार्थियों का फेल होना मूल्यांकन सिस्टम की गड़बड़ी को दर्शाता है. सभी विद्यार्थियों ने पेपर फिर से जांच करने की मांग की है. तीन दिन की भूख हड़ताल हो गई है. जब तक मांग पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें- देर रात तक डीजे बजाना महंगा, जिला प्रशासन ने मैरिज हॉल किया सील


छात्र छात्राओं ने भी दिया समर्थन : आंदोलन में शामिल विद्यार्थियों के मुताबिक महाविद्यालय के प्राचार्य और यूनिवर्सिटी में कुलपति से भी खराब रिजल्ट को लेकर चर्चा हुई है. लेकिन सेमेस्टर सिस्टम के कारण रिचेकिंग नहीं करने की बात कहते हुए मांग को अनदेखा कर दिया गया. शहीद नंंद कुमार पटेल महाविद्यालय का पूरा नियम अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के नियमों के आधार पर ही संचालित होना बताया गया. जब तक शहीद नंंद कुमार पटेल महाविद्यालय का अपना नियम नहीं बनेगा तब तक यूनिवर्सिटी प्रबंधन कोई निर्णय नहीं कर पाएगी. इसलिए विद्यार्थियों ने भी रिचेकिंग नहीं होने या परिणाम में सुधार नहीं होने तक भूख हड़ताल जारी रखने का एलान किया है.


जांजगीर-चांपा : परीक्षा में पास और फेल का सिलसिला चलता रहता है. लेकिन जांजगीर चांपा के टीसीएल शहीद नंंद कुमार पटेल महाविद्यालय में इन दिनों छात्रों का विरोध चल रहा है. विरोध इसलिए क्योंकि पीजी कक्षाओं के अस्सी फीसदी छात्र परीक्षा में फेल हो चुके हैं.इन छात्रों में से कई ने झंडे गाड़ते हुए शून्य नंबर भी लाया है. अब जब सेमेस्टर का ऐसा खतरनाक रिजल्ट आया तो छात्राओं में आक्रोश पनप गया. छात्रों का कहना है कि उनकी कॉपियां ठीक ढंग से नहीं चेक हुईं है.इसलिए जब तक कॉलेज प्रबंधन उनकी कॉपियों को दोबारा नहीं चेक करता वो भूख हड़ताल करेंगे.

कॉपियां फिर से जांच कराने की मांग : महाविद्यालय के इस रिजल्ट के बाद छात्र छात्राओं को शक है कि मूल्यांकन में जरुर त्रुटि हुई है.लिहाजा एनएसयूआई ने कॉलेज प्रबंधन से सभी विद्यार्थियों के पेपर की फिर से जांच करने मांग की है. लेकिन कॉलेज के प्राचार्य ने रिचेकिंग का प्रावधान नहीं होने का हवाला देकर विद्यार्थियों को शांत करने की कोशिश की.


एलएलबी के छात्र ने शुरु की भूख हड़ताल : कॉलेज के अधिकांश छात्रों की समस्या को नजर अंदाज करने से तंग आकर महाविद्यालय में पढ़ने वाले एलएलबी सिक्स सेमेस्टर के छात्र आकाश तिवारी ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. आकाश तिवारी एनएसयूआई का विधानसभा अध्यक्ष भी है. उसका कहना है कि '' कोरोना काल में कॉलेज की पढ़ाई प्रभावित हुई थी लेकिन ऑनलाइन एग्जाम के बाद भी रिजल्ट संतोषजनक था. लेकिन इस वर्ष महाविद्यालय में अच्छी पढ़ाई होने के बाद भी रिजल्ट में 80 प्रतिशत विद्यार्थियों का फेल होना मूल्यांकन सिस्टम की गड़बड़ी को दर्शाता है. सभी विद्यार्थियों ने पेपर फिर से जांच करने की मांग की है. तीन दिन की भूख हड़ताल हो गई है. जब तक मांग पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा.

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छात्र छात्राओं ने भी दिया समर्थन : आंदोलन में शामिल विद्यार्थियों के मुताबिक महाविद्यालय के प्राचार्य और यूनिवर्सिटी में कुलपति से भी खराब रिजल्ट को लेकर चर्चा हुई है. लेकिन सेमेस्टर सिस्टम के कारण रिचेकिंग नहीं करने की बात कहते हुए मांग को अनदेखा कर दिया गया. शहीद नंंद कुमार पटेल महाविद्यालय का पूरा नियम अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के नियमों के आधार पर ही संचालित होना बताया गया. जब तक शहीद नंंद कुमार पटेल महाविद्यालय का अपना नियम नहीं बनेगा तब तक यूनिवर्सिटी प्रबंधन कोई निर्णय नहीं कर पाएगी. इसलिए विद्यार्थियों ने भी रिचेकिंग नहीं होने या परिणाम में सुधार नहीं होने तक भूख हड़ताल जारी रखने का एलान किया है.


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