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पटवारी के जेल जाते ही जिला पटवारी संघ ने खोला मोर्चा - वीडियो पर उठ रहे हैं सवाल

जांजगीर चांपा के पामगढ़ में पटवारी देवेंद्र साहू (Patwari Devendra Sahu arrested in Pamgarh) के खिलाफ हुई कार्रवाई का अब जिला पटवारी संघ विरोध कर रहा है. संघ के मुताबिक ये कार्रवाई एकतरफा बिना किसी जांच के हुई है.

District Patwari Union opened front as soon as Patwari went to jail
पटवारी के जेल जाते ही जिला पटवारी संघ ने खोला मोर्चा
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Published : Jun 2, 2022, 6:18 PM IST

जांजगीर चांपा : जिला के पटवारी संघ पामगढ़ तहसीलदार ,नायब तहसीलदार और थाना प्रभारी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. सभी पटवारी एकजुट होकर कोड़ाभाट पटवारी देवेंद्र साहू के खिलाफ हुए एफआईआर के तरीके का विरोध करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुंचे.सभी पटवारी के खिलाफ हुए एफआईआर को वापस लेने और दोषी तहसीलदार,नायब तहसीलदार और टीआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने पहुंचे. पटवारी संघ ने मांग पूरी नहीं होने पर 3 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दी (Protest of Janjgir Champa District Patwari Union) है.

क्या है पूरा मामला : पामगढ़ तहसील के कोड़ाभाट पटवारी देवेंद्र साहू किसान से नक्शा दुरुस्तिकरण के नाम पर 5 हजार रुपए मांग रहा था. घूस लेने का वीडियो वायरल हो गया. वायरल वीडियो के आधार पर पहले पामगढ़ एसडीएम ने पटवारी देवेंद्र साहू के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित किया .इसके बाद पामगढ़ तहसील के कानूनगो शाखा में अटैच किया. वहीं दूसरे दिन नायब तहसीलदार ने वीडियो के आधार पर ही पटवारी के खिलाफ पामगढ़ थाना में एफआईआर दर्ज कराई और आरोपी पटवारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज (Patwari Devendra Sahu arrested in Pamgarh) दिया.

वीडियो पर उठ रहे हैं सवाल : कोड़ाभाट पटवारी देवेंद्र साहू के खिलाफ एसडीएम की कार्रवाई के बाद विभागीय जांच के बजाय नायब तहसीलदार ने आनन फानन में रिपोर्ट दर्ज कराने और रिपोर्ट के तत्काल बाद गिरफ्तारी कराई. गिरफ्तारी के बाद पटवारी को आदतन अपराधियों की तरह दूसरे थाना में रखा जाना, जिला पटवारी संघ को रास नहीं आया. उन्होंने पामगढ़ तहसीलदार ,नायब तहसीलदार और पामगढ़ थाना प्रभारी की कार्यशैली का सवाल उठाया (Questions are being raised on the video) है.और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

ये भी पढ़ें- पामगढ़ के घूसखोर पटवारी को एसडीएम ने किया सस्पेंड


जिला पटवारी संघ क्यों हुआ लामबंद : जिला पटवारी संघ अध्यक्ष का कहना है (District Patwari Union mobilized) कि ''अगर पटवारी दोषी है तो उसकी विभागीय जांच होनी चाहिए थी. जो भी सजा दी जाती उस पर संघ कुछ नही कहती. लेकिन नायब तहसीलदार ने किसान के शिकायत मात्र से एफआईआर दर्ज करा दी और शासकीय कर्मचारी को अपराधियों की तरह गिरफ्तार करवाया जो गलत है. ये कारवाई षडयंत्र के तहत की गई है.''

जांजगीर चांपा : जिला के पटवारी संघ पामगढ़ तहसीलदार ,नायब तहसीलदार और थाना प्रभारी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. सभी पटवारी एकजुट होकर कोड़ाभाट पटवारी देवेंद्र साहू के खिलाफ हुए एफआईआर के तरीके का विरोध करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुंचे.सभी पटवारी के खिलाफ हुए एफआईआर को वापस लेने और दोषी तहसीलदार,नायब तहसीलदार और टीआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने पहुंचे. पटवारी संघ ने मांग पूरी नहीं होने पर 3 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दी (Protest of Janjgir Champa District Patwari Union) है.

क्या है पूरा मामला : पामगढ़ तहसील के कोड़ाभाट पटवारी देवेंद्र साहू किसान से नक्शा दुरुस्तिकरण के नाम पर 5 हजार रुपए मांग रहा था. घूस लेने का वीडियो वायरल हो गया. वायरल वीडियो के आधार पर पहले पामगढ़ एसडीएम ने पटवारी देवेंद्र साहू के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित किया .इसके बाद पामगढ़ तहसील के कानूनगो शाखा में अटैच किया. वहीं दूसरे दिन नायब तहसीलदार ने वीडियो के आधार पर ही पटवारी के खिलाफ पामगढ़ थाना में एफआईआर दर्ज कराई और आरोपी पटवारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज (Patwari Devendra Sahu arrested in Pamgarh) दिया.

वीडियो पर उठ रहे हैं सवाल : कोड़ाभाट पटवारी देवेंद्र साहू के खिलाफ एसडीएम की कार्रवाई के बाद विभागीय जांच के बजाय नायब तहसीलदार ने आनन फानन में रिपोर्ट दर्ज कराने और रिपोर्ट के तत्काल बाद गिरफ्तारी कराई. गिरफ्तारी के बाद पटवारी को आदतन अपराधियों की तरह दूसरे थाना में रखा जाना, जिला पटवारी संघ को रास नहीं आया. उन्होंने पामगढ़ तहसीलदार ,नायब तहसीलदार और पामगढ़ थाना प्रभारी की कार्यशैली का सवाल उठाया (Questions are being raised on the video) है.और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

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जिला पटवारी संघ क्यों हुआ लामबंद : जिला पटवारी संघ अध्यक्ष का कहना है (District Patwari Union mobilized) कि ''अगर पटवारी दोषी है तो उसकी विभागीय जांच होनी चाहिए थी. जो भी सजा दी जाती उस पर संघ कुछ नही कहती. लेकिन नायब तहसीलदार ने किसान के शिकायत मात्र से एफआईआर दर्ज करा दी और शासकीय कर्मचारी को अपराधियों की तरह गिरफ्तार करवाया जो गलत है. ये कारवाई षडयंत्र के तहत की गई है.''

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