जांजगीर चांपा: मंगलवार की रात तनौद गांव के बिहारी लाल साहू का निधन हो गया. पिता का निधन होने पर उसके पास रहने वाले चार पुत्रों ने अंतिम संस्कार करने की तैयारी की. पिता के निधन की सूचना पाकर छोटा बेटा भी अंतिम यात्रा में शामिल होने और अर्थी को कंधा देने के लिया घर पहुंचा. लेकिन उसके भाई और परिवार वालों ने उसे इस शोक काम में शामिल नहीं करने का फैसला किया. Daughter in law performs last rites
इसके बाद भाइयों और परिवार के बीच विवाद बढ़ गया. तनाव की स्थिति बन गई. मृतक के अंतिम संस्कार में देरी होने लगी. भाइयों के विवाद में ससुर के अंतिम संस्कार में हो रही देरी को देखते हुए बहुओं और गांव की महिलाओं ने अर्थी को कंधा दिया. मुक्तिधाम ले जा कर विधि विधान से मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार किया.
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भाइयों के बीच विवाद की वजह: तनौद गांव के बिहारी लाल साहू के 5 बेटे हैं. सभी एक साथ रहते थे. कुछ समय पहले बिहारी लाल को पता चला कि उसके छोटे बेटे ने धर्मांतरण कर लिया है और चर्च में पूजा पाठ करता है. जिसके कारण उन्होंने पहले अपने छोटे बेटे को समझाया. बेटे के नहीं मानने पर अपने चार पुत्रों को छोटे बेटे को साथ नहीं रखने और अपनी मौत में भी शामिल नहीं करने की इच्छा जताई थी. जिसके बाद 4 भाई एक साथ रहते थे. छोटा भाई अलग रहता था.
छोटा बेटा अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचा था: तनौद गांव में पिता के अंतिम संस्कार को लेकर भाइयों के बीच उपजे विवाद की सूचना मिलने पर पामगढ़ तहसीलदार, शिवरीनारायण पुलिस मौके पर पहुंची. भाइयों को समझाया और विवाद को समाप्त कराने की कोशिश की. लेकिन भाइयों और समाज के विवाद को शांत करने में काफी समय लग रहा था. इधर ससुर के अंतिम संस्कार को लेकर हो रहे विवाद और देरी को देखते हुए बहुओं और गांव की महिलाओं ने अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया. अंतिम संस्कार कर भाइयों के बीच हो रहे विवाद को भी शांत कराया.