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9 बरस बीत जाने के बाद भी अधूरा है प्रधान पाठक भवन का निर्माण

डभरा ब्लॉक के लटेसरा स्कूल में प्रधान पाठक के भवन के निर्माण की अनुमति दी गई थी और इसके लिए राशि स्वीकृत की गई थी. लेकिन जिम्मेदारों के लापरवाही की वजह से निर्माण कार्य अभी तक अधूरा पड़ा है.

construction work of Pradhan Pathak Bhavan is incomplete in Latesara
9 बरस बीत गए, प्रधान पाठक भवन का निर्माण कार्य अधूरा
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Published : Feb 25, 2020, 10:01 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 12:23 AM IST

जांजगीर-चांपा: जिले के डभरा ब्लॉक में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय और शासकीय जनपद प्राथमिक शाला लटेसरा के लिए शासन की ओर से सर्व शिक्षा अभियान के तहत साल 2010-11 में प्रधान पाठक कक्ष भवन निर्माण की स्वीकृति मिली थी. लेकिन यह यह निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता दिख रहा है. आलम यह है कि 9 बरस बीत जाने के बावजूद भवन की दीवार ही बन पाई है, जो अब जर्जर होकर ढहने लगी है.

हद तो तब हो गई जब, जिम्मेदारों ने भवन की छत बनाए बिना ही दीवार पर दरवाजे लगा दिए. ठेकेदार को निर्माण के एवज में पहली किश्त तो जारी कर दी गई, लेकिन इसके बाद उसे शासन की ओर से एक रुपये भी नहीं दिया गया, जिसकी वजह से ठेकेदार ने निर्माण कार्य बंद कर दिया और भवन खंडहर में तब्दील हो गया.

राशि स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा

प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय के लिए कुल 6 लाख 20 हजार की राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें प्रधान पाठक कक्ष के लिए 3 लाख 10 हजार रुपये की राशि स्वीकृति की गई थी, वहीं शासकीय जनपद प्राथमिक शाला के लिए क़िस्त में 2 लाख 18 हजार 400 रूपये जारी किया जा चुका है. लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते काम अधूरा पड़ा है.

प्रधान पाठक भवन का निर्माण अधूरा

विद्यालय परिसर में भरा पानी

वहीं स्कूल के मैदान में पानी भरा हुआ है. बारिश के दिनों में बच्चें खेल नहीं पाते. भवन पिछले कई साल से अधूरा है और इस वजह से पास में ही मौजूद स्कूल भवन में पढ़ने वाले में बच्चों को सांप और बिच्छू जैसे जहरीले जीव-जंतु का डर बना रहता है.

जांजगीर-चांपा: जिले के डभरा ब्लॉक में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय और शासकीय जनपद प्राथमिक शाला लटेसरा के लिए शासन की ओर से सर्व शिक्षा अभियान के तहत साल 2010-11 में प्रधान पाठक कक्ष भवन निर्माण की स्वीकृति मिली थी. लेकिन यह यह निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता दिख रहा है. आलम यह है कि 9 बरस बीत जाने के बावजूद भवन की दीवार ही बन पाई है, जो अब जर्जर होकर ढहने लगी है.

हद तो तब हो गई जब, जिम्मेदारों ने भवन की छत बनाए बिना ही दीवार पर दरवाजे लगा दिए. ठेकेदार को निर्माण के एवज में पहली किश्त तो जारी कर दी गई, लेकिन इसके बाद उसे शासन की ओर से एक रुपये भी नहीं दिया गया, जिसकी वजह से ठेकेदार ने निर्माण कार्य बंद कर दिया और भवन खंडहर में तब्दील हो गया.

राशि स्वीकृत होने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा

प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय के लिए कुल 6 लाख 20 हजार की राशि स्वीकृत की गई थी. जिसमें प्रधान पाठक कक्ष के लिए 3 लाख 10 हजार रुपये की राशि स्वीकृति की गई थी, वहीं शासकीय जनपद प्राथमिक शाला के लिए क़िस्त में 2 लाख 18 हजार 400 रूपये जारी किया जा चुका है. लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही के चलते काम अधूरा पड़ा है.

प्रधान पाठक भवन का निर्माण अधूरा

विद्यालय परिसर में भरा पानी

वहीं स्कूल के मैदान में पानी भरा हुआ है. बारिश के दिनों में बच्चें खेल नहीं पाते. भवन पिछले कई साल से अधूरा है और इस वजह से पास में ही मौजूद स्कूल भवन में पढ़ने वाले में बच्चों को सांप और बिच्छू जैसे जहरीले जीव-जंतु का डर बना रहता है.

Last Updated : Feb 26, 2020, 12:23 AM IST
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