जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा के कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में राज्य महिला आयोग की सुनवाई हुई. महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमई नायक और आयोग की दो सदस्यों के सामने जिले के 32 प्रकरण की सुनवाई होनी थी, जिसमें 12 मामले में दोनों पक्ष उपस्थित हुए. एक हाई प्रोफाइल मामले की भी सुनवाई हुई, जिसमें पूर्व सांसद के बेटे-बहू के पारिवारिक मामले की सुनवाई की गई.
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जांजगीर चांपा जिला के कलेक्टर सभा कक्ष में राज्य महिला आयोग ने जिले के 32 प्रकरणों की सुनवाई करने पहुंची. आयोग की सुनवाई में 12 मामले में दोनों पक्ष पहुंचे. जिनकी सुनवाई करते हुए आयोग ने मामले में सुनवाई की. आयोग के सामने कई बड़े प्रकरण सामने आए है. जिसमें चांपा तहसील क्षेत्र के बेहराडीह का एक मामला सामने आया, जिसमें महिला ने अपने लकवा ग्रस्त पति के उपचार के लिए अपने पहचान के व्यक्ति से 1 लाख रुपए कर्ज लिए, लेकिन उस व्यक्ति ने उस महिला के 8 डिसमिल में बने 3 मंजिला भवन को 5 लाख 80 हजार रुपए का चेक के माध्यम खरीदने का दावा किया और रजिस्ट्री भी करा ली.
जबकि उस भवन में अभी भी महिला काबिज है. महिला का दावा है कि उसे अब तक रजिस्ट्री की राशि नहीं मिली है. इस मामले में आयोग ने दोनों पक्ष और रजिस्ट्रार को भी नोटिस जारी किया है. 29 मार्च को रायपुर में होने वाले सुनवाई में सभी दस्तावेज के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है.
जांजगीर चांपा लोक सभा की पूर्व सांसद कमला देवी पाटले की बहु मंजूषा पाटले ने अपने पति और जिला पंचायत सदस्य प्रदीप पाटले पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया. राज्य महिला आयोग से शिकायत की थी ,जिसकी सुनवाई में आज मंजूषा पाटले और प्रदीप पाटले आयोग के समक्ष पेश हुए. उन्होंने आयोग के सामने अपने बच्चों के साथ रहने की बात कही.
वहीं, मंजूषा की शिकायत पर आयोग ने प्रदीप पाटले को अपनी पत्नी के अकाउंट में 15 हजार रुपए हर महीने डालने और कार लोन भी अकाउंट में जमा करने के निर्देश दिए. जिस पर दोनों पक्ष सहमत हो गए. आयोग ने इस मामले को अभी निगरानी में रखा है और पति,पत्नी के बीच सामंजस्य बनाने की बात कही.
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि, जिले के सभी शासकीय, अशासकीय उपक्रमों में जहां 10 से अधिक महिलाएं कार्य करती है. महिला उत्पीड़न रोकने के लिए समिति का गठन करना आवश्यक है,जिस संस्थान में महिलाओं के अधिकार का उल्लंघन किया जाएगा, वहां राज्य महिला आयोग कठोर कारवाई भी करेगी.