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Janjgir year Ender 2022 : देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, 105 घंटे जिंदगी की जंग लड़ा था राहुल साहू

Janjgir year Ender 2022 साल 2022 की विदाई आ चुकी है.लेकिन जाने वाला साल छत्तीसगढ़ की एक घटना के लिए विशेष हो गया है. जिसने छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश को 105 घंटों तक हिलाकर रखा था. Operation Rahul Shahu in Janjgir Champa मामला 10 जून को सक्ती जिले के मालखरौदा का था. Big rescue operation of year 2022 जहां के पिहरिद गांव में 11 साल का मानसिक रुप से कमजोर बालक राहुल साहू 65 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिरा Rahul Sahu trapped in borewell था. राहुल को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया Rahul sahu rescue operation गया. विषम परिस्थितियों में राहुल को 105 घंटे बाद NDRF,SDRF और जिला की टीम ने सुरक्षित बाहर Country biggest rescue operation Rahul sahu निकाला गया था.

Country biggest rescue operation Rahul sahu
साल का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन
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Published : Dec 26, 2022, 7:33 PM IST

Updated : Dec 31, 2022, 9:53 AM IST

जांजगीर चांपा : Big rescue operation of year 2022 राहुल साहू के बोरवेल मे गिरने की सूचना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल Chief Minister Bhupesh Baghel ने जिला प्रशासन को राहुल को सुरक्षित निकलने के निर्देश दिए थे. सीएम के निर्देश के बाद SDRF, NDRF के साथ सेना की टीम इस काम में जुटी.इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 65 फीट गहरे बोरवेल में बच्चे को जिंदा रखना सबसे ज्यादा जरुरी था.क्योंकि राहुल सामान्य नहीं था.वो बचपन से ही मानसिक रूप से कमजोर था.लिहाजा रेस्क्यू के वक्त इस बात का ख्याल रखा गया कि राहुल कहीं हिम्मत ना हार जाए. परिजनों के साथ रेस्क्यू टीम राहुल को समय समय पर जूस खाना और फल देकर ये भरोसा दिलाती रही कि वो उसे सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे. इस दौरान राहुल रेस्क्यू टीम को खुद के सुरक्षित होने की सूचना भी Country biggest rescue operation Rahul sahu देता था.

  1. पांच दिनों तक डटी रही थी रेस्क्यू टीम : राहुल साहू के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने युद्ध स्तर पर काम शुरु किया था . Operation Rahul Shahu in Janjgir Champa रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंची और विशेषज्ञों की टीम ने राहुल को बाहर निकालने के लिए तैयारियां शुरु की थी. रेस्क्यू टीम के साथ साथ मीडियाकर्मी भी रेस्क्यू ऑपरेशन के शुरु होने से लेकर आखिरी समय तक मौके पर डटे Rahul sahu rescue operation थे.
    Country biggest rescue operation Rahul sahu
    ऐसे शुरू हुआ ऑपरेशन राहुल
  2. राहुल को बचाने आगे आए कई हाथ : राहुल साहू के रेस्क्यू के दौरान हर इंसान ने हर संभव मदद की. चाहे वो स्थानीय हो या अन्य जिले या प्रदेश का हो. पिहरिद गांव के बोरवेल में फंसे राहुल साहू को बचाने के लिए प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में दुआओं का दौर चला.प्रशासनिक टीम के लिए भोजन और जरुरत का सामान इकट्ठा करने में आसपास के गांववाले भी पीछे नहीं रहे. आसपास की छोटी बड़ी कंपनियों ने भी अपने सामानों को रेस्क्यू के काम में लगाया था .लोगों की दुआओं का ही असर था कि पत्थरों के बीच फंसे राहुल को आखिरकार 105 घंटे की मशक्कत के बाद यह ऑपरेशन पूरा हुआ था और राहुल साहू को सुरक्षित बाहर निकाला गया. Rahul sahu rescue operation in chhattisgarh
    रेस्क्यू टीम दिन रात मेहनत करती रही
    रेस्क्यू टीम दिन रात मेहनत करती रही
  3. कैसे जिंदा रहा राहुल साहू : look back 2022 भरी गर्मी में 65 फीट गड्ढे में 105 घंटे तक फंसे रहना और सुरक्षित बाहर निकलना किसी चमत्कार से कम नहीं था. लेकिन राहुल साहू की हिम्मत ने इसे संभव कर दिखाया. राहुल मानसिक रूप से कमजोर था. विशेषज्ञों ने माना कि मानसिक स्थिति कमजोर होने के कारण राहुल को इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी डर नहीं लगा.गड्ढे में जहरीला सांप भी राहुल का कुछ नहीं बिगड़ सका था. राहुल को सकुशल बचाने के बाद रेसक्यू टीम और जिला प्रशासन को उसे अस्पताल तक पहुंचाना एक चुनौती भरा था.
    लगातार रेस्क्यू का काम चला
    लगातार रेस्क्यू का काम चला
  4. पिहरीद से बिलासपुर तक बना था स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर : राहुल साहू को बाहर निकालते ही तुरंत उसे चिकित्सीय सुविधा मिल सके. इसके लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया था. पिहरिद गांव से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल तक सारे ट्रैफिक और रुकावट हटा दिए गए Rahul sahu came out of borewell after 105 hours थे. 105 घंटे बाद जैसे ही राहुल बाहर आया उसे तत्काल बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां करीब 2 सप्ताह तक राहुल का इलाज चला था . उसे पूरी तरह स्वस्थ करने के बाद डॉक्टरों की टीम ने घर भेजा था. इस पूरी घटना में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पल पल की खबर ली. सीएम भूपेश ने अधिकारियों का हौसला भी बढ़ाया था.
    राहुल को सुरक्षित निकालने के बाद की तस्वीरें
    राहुल को सुरक्षित निकालने के बाद की तस्वीरें

ये भी पढ़ें- बघेल सरकार के चार साल पूरे होने पर किसानों का सम्मान

जांजगीर चांपा : Big rescue operation of year 2022 राहुल साहू के बोरवेल मे गिरने की सूचना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल Chief Minister Bhupesh Baghel ने जिला प्रशासन को राहुल को सुरक्षित निकलने के निर्देश दिए थे. सीएम के निर्देश के बाद SDRF, NDRF के साथ सेना की टीम इस काम में जुटी.इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 65 फीट गहरे बोरवेल में बच्चे को जिंदा रखना सबसे ज्यादा जरुरी था.क्योंकि राहुल सामान्य नहीं था.वो बचपन से ही मानसिक रूप से कमजोर था.लिहाजा रेस्क्यू के वक्त इस बात का ख्याल रखा गया कि राहुल कहीं हिम्मत ना हार जाए. परिजनों के साथ रेस्क्यू टीम राहुल को समय समय पर जूस खाना और फल देकर ये भरोसा दिलाती रही कि वो उसे सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे. इस दौरान राहुल रेस्क्यू टीम को खुद के सुरक्षित होने की सूचना भी Country biggest rescue operation Rahul sahu देता था.

  1. पांच दिनों तक डटी रही थी रेस्क्यू टीम : राहुल साहू के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने युद्ध स्तर पर काम शुरु किया था . Operation Rahul Shahu in Janjgir Champa रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंची और विशेषज्ञों की टीम ने राहुल को बाहर निकालने के लिए तैयारियां शुरु की थी. रेस्क्यू टीम के साथ साथ मीडियाकर्मी भी रेस्क्यू ऑपरेशन के शुरु होने से लेकर आखिरी समय तक मौके पर डटे Rahul sahu rescue operation थे.
    Country biggest rescue operation Rahul sahu
    ऐसे शुरू हुआ ऑपरेशन राहुल
  2. राहुल को बचाने आगे आए कई हाथ : राहुल साहू के रेस्क्यू के दौरान हर इंसान ने हर संभव मदद की. चाहे वो स्थानीय हो या अन्य जिले या प्रदेश का हो. पिहरिद गांव के बोरवेल में फंसे राहुल साहू को बचाने के लिए प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में दुआओं का दौर चला.प्रशासनिक टीम के लिए भोजन और जरुरत का सामान इकट्ठा करने में आसपास के गांववाले भी पीछे नहीं रहे. आसपास की छोटी बड़ी कंपनियों ने भी अपने सामानों को रेस्क्यू के काम में लगाया था .लोगों की दुआओं का ही असर था कि पत्थरों के बीच फंसे राहुल को आखिरकार 105 घंटे की मशक्कत के बाद यह ऑपरेशन पूरा हुआ था और राहुल साहू को सुरक्षित बाहर निकाला गया. Rahul sahu rescue operation in chhattisgarh
    रेस्क्यू टीम दिन रात मेहनत करती रही
    रेस्क्यू टीम दिन रात मेहनत करती रही
  3. कैसे जिंदा रहा राहुल साहू : look back 2022 भरी गर्मी में 65 फीट गड्ढे में 105 घंटे तक फंसे रहना और सुरक्षित बाहर निकलना किसी चमत्कार से कम नहीं था. लेकिन राहुल साहू की हिम्मत ने इसे संभव कर दिखाया. राहुल मानसिक रूप से कमजोर था. विशेषज्ञों ने माना कि मानसिक स्थिति कमजोर होने के कारण राहुल को इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी डर नहीं लगा.गड्ढे में जहरीला सांप भी राहुल का कुछ नहीं बिगड़ सका था. राहुल को सकुशल बचाने के बाद रेसक्यू टीम और जिला प्रशासन को उसे अस्पताल तक पहुंचाना एक चुनौती भरा था.
    लगातार रेस्क्यू का काम चला
    लगातार रेस्क्यू का काम चला
  4. पिहरीद से बिलासपुर तक बना था स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर : राहुल साहू को बाहर निकालते ही तुरंत उसे चिकित्सीय सुविधा मिल सके. इसके लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया था. पिहरिद गांव से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल तक सारे ट्रैफिक और रुकावट हटा दिए गए Rahul sahu came out of borewell after 105 hours थे. 105 घंटे बाद जैसे ही राहुल बाहर आया उसे तत्काल बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां करीब 2 सप्ताह तक राहुल का इलाज चला था . उसे पूरी तरह स्वस्थ करने के बाद डॉक्टरों की टीम ने घर भेजा था. इस पूरी घटना में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पल पल की खबर ली. सीएम भूपेश ने अधिकारियों का हौसला भी बढ़ाया था.
    राहुल को सुरक्षित निकालने के बाद की तस्वीरें
    राहुल को सुरक्षित निकालने के बाद की तस्वीरें

ये भी पढ़ें- बघेल सरकार के चार साल पूरे होने पर किसानों का सम्मान

Last Updated : Dec 31, 2022, 9:53 AM IST
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