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विकास के नाम पर विनाश की तैयारी, जांजगीर चांपा में बंजर की कगार पर सैकड़ों एकड़ जमीन

जिले को 'राखड़पुर' बनाने का अभियान जोरों से चल रहा है जिसके चलते जांजगीर चांपा जिले की सैकड़ों एकड़ जमीन (hundreds of acres) राखड़ पाट कर बंजर कर दी गयी. दरअसल, हजारों ट्रक राखड़ से डालकर नगर पालिक क्षेत्र की जमीन (municipal land) को ही बंजर कर दिया गया. अधिकारी चुप हैं.

big blow to the environment
विकास से नाम पर पर्यावरण को झटका
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Published : Nov 19, 2021, 12:54 PM IST

जांजगीर चांपाः जिले को राखड़पुर बनाने का अभियान जोरों से चल रहा है जिसके चलते जांजगीर चांपा जिले की सैकड़ों एकड़ जमीन राखड़ पाट कर बंजर कर दी गयी. हजारों ट्रक राखड़ से अभिषेक किया जा रहा है. नवघोषित जिला सक्ती में अब चारों ओर राखड़ ही राखड़ दिख रहा है.

प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल (hard to walk on the streets) हो गया है. नियम कानून की तो सत्ताधारी पार्टी के नेता (ruling party leader) राखड़ के सौदागर बने हुए हैं. जिनके लिए कोई नियम कानून नहीं बना. इन नेताओं के रौब के आगे अधिकारी भी बेबस नजर आ रहे हैं. जिले में हजारों ट्रक राखड़ डाल कर जमीन को ही बंजर कर दिया गया.

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नगर पालिका क्षेत्र में राखड़ का अंबार
देखा जाय तो सक्ती नगर पालिका के अंदर चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए नगरपालिका ने अपनी कई एकड़ जमीन नेताओं को सौंप दी है. जहां धड़ल्ले से राखड़ डाला जा रहा है. विकास कार्य के नाम पर जनप्रतिनिधि केवल अपने विकास में जुटे हैं. राखड़ के इस खेल में पर्यावरण विभाग के जिम्मेदार भी बहती गंगा में हाथ धोने से नहीं चूक रहे हैं. वह भी चुप्पी साधे हुए हैं.

जांजगीर चांपाः जिले को राखड़पुर बनाने का अभियान जोरों से चल रहा है जिसके चलते जांजगीर चांपा जिले की सैकड़ों एकड़ जमीन राखड़ पाट कर बंजर कर दी गयी. हजारों ट्रक राखड़ से अभिषेक किया जा रहा है. नवघोषित जिला सक्ती में अब चारों ओर राखड़ ही राखड़ दिख रहा है.

प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल (hard to walk on the streets) हो गया है. नियम कानून की तो सत्ताधारी पार्टी के नेता (ruling party leader) राखड़ के सौदागर बने हुए हैं. जिनके लिए कोई नियम कानून नहीं बना. इन नेताओं के रौब के आगे अधिकारी भी बेबस नजर आ रहे हैं. जिले में हजारों ट्रक राखड़ डाल कर जमीन को ही बंजर कर दिया गया.

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देखा जाय तो सक्ती नगर पालिका के अंदर चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए नगरपालिका ने अपनी कई एकड़ जमीन नेताओं को सौंप दी है. जहां धड़ल्ले से राखड़ डाला जा रहा है. विकास कार्य के नाम पर जनप्रतिनिधि केवल अपने विकास में जुटे हैं. राखड़ के इस खेल में पर्यावरण विभाग के जिम्मेदार भी बहती गंगा में हाथ धोने से नहीं चूक रहे हैं. वह भी चुप्पी साधे हुए हैं.

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