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USA में चलेगा जांजगीर चांपा के हेमसिंह का रोबोट

सहायक शिक्षक हेमसिंह ने एक अनोखा रोबोट बनाया है. इससे आतंकियों पर निगरानी रखी जा सकती है. वहीं भविष्य में बिना ड्राइवर के कार आपरेटिंग सिस्टम में भी इसका उपयोग किया जा सकेगा. यह अनोखा रोबोट यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (USA) में आयोजित प्रतियोगिता के लिए चयनित हुआ है.

सहायक शिक्षक हेमसिंह ने बनाया रोबोट
सहायक शिक्षक हेमसिंह ने बनाया रोबोट
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Published : Dec 26, 2019, 8:47 AM IST

Updated : Dec 26, 2019, 3:16 PM IST

जांजगीर-चांपा: एक सहायक शिक्षक ने ऐसा रोबोट बनाया है, जिससे हजारों किलोमीटर दूर आतंकियों पर निगरानी रखी जा सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं भविष्य में इस रोबोट का उपयोग बिना ड्राइवर के कार ऑपरेटिंग सिस्टम में भी किया जा सकेगा. सहायक शिक्षक के तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूर्ण रूप से मोबाइल नेटवर्क या जीपीआरएस सिग्नल पर आधारित है.

सहायक शिक्षक हेमसिंह ने बनाया रोबोट

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में आयोजित प्रतियोगिता के लिए चयनित
सहायक शिक्षक राज ने बताया कि कबाड़ से तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को यूनाइटेड स्टेट में आयोजित प्रतियोगिता के लिए चुना गया है. उन्होंने बताया कि यूनाइटेड स्टेट में 25 और 26 अप्रैल 2020 को वर्ल्ड रोबोट ओलंपियाड और वर्ल्ड रोबोट कॉम्पिटिशन होना है, जिसमें वे भारत से प्रतिभागी के रूप में शामिल होकर चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) का प्रदर्शन करेंगे.

कबाड़ की जुगाड़ में बना रोबोट
अकलतरा विकासखंड के खटोला शासकीय प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक शिक्षक हेमसिंह राज ने कबाड़ से जुगाड़ कर यह रोबोट तैयार किया है. इससे कई महत्वपूर्ण कार्य संभव है. शिक्षक राज ने बताया कि उन्होंने कबाड़ से चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) बनाया है. यह एक ऐसा रोबोट है, जिसे हजारों किलोमीटर दूर रहकर ऑपरेट किया जा सकता है क्योंकि यह पूर्ण रूप से मोबाइल नेटवर्क या जीपीआरएस सिग्नल पर आधारित है. लिहाजा, इस रोबोट की अंतरिक्ष विज्ञान में अहम भूमिका हो सकती है.

चंद्रयान-तीन रोवर की विशेषता

  • सबसे बड़ी विशेषता यह है कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) पूर्ण रूप से वायरलेस सिस्टम है, जिसे हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी ऑपरेट किया जा सकता है.
  • अंतरिक्ष विज्ञान में जीपीआरएस से कनेक्ट करें तो चंद्रयान या मिशन मंगल में अहम भूमिका निभा सकता है.
  • लाखों किलोमीटर दूर चंद्रमा और मंगल ग्रह से तस्वीर और वीडियो भेजा जा सकता है.
  • भारतीय सैन्य सुरक्षा और आतंकियों की निगरानी के लिए भी इसे उपयोग में लाया जा सकता है.
  • बिना ड्राइवर के कार ऑपरेटिंग सिस्टम में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.

शिक्षक राज ने बताया कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) से नक्सलियों की तमाम गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकती है. चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को संबंधित क्षेत्र में पहले सर्चिंग के लिए भेजा जा सकता है, इससे जवान सुरक्षित रह सकते हैं.

पढ़े: VIDEO: ETV भारत पर 27, 28 और 29 दिसंबर को देखिए इंडिया का ट्राइ'बल' डांस

रोबोट बड़ी खासियत
शिक्षक राज ने बताया कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) में एक कैमरा लगा हुआ है, जो 180 डिग्री ऊपर से नीचे और 360 डिग्री मूव कर सकता है. इस रोबोट में तीन मोटर लगे हुए हैं, जो पहिए को घुमाता है. पहिया या गियर पूर्ण रूप से कैमरे पर निर्भर है. पहिए की ऑपरेटिंग भी कैमरे से होती है. इसमें लगे कैमरे में सेंसर फीड है, जो रात में भी स्पष्ट तस्वीर या वीडियो भेज सकता है. इस वजह से चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को हजारों किलोमीटर दूर बैठकर लैपटॉप या कम्प्यूटर के माध्यम से ऑपरेट किया जा सकता है.

पहले भी तैयार कर चुके हैं अनोखे उपकरण
शिक्षक राज जिले के एक छोटे से गांव साजापाली के रहने वाले हैं, लेकिन कबाड़ से जुगाड़ के मामले में इन्होंने अच्छे-अच्छों को पीछे छोड़ा है. चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) से पहले भी इन्होंने कई अनोखे उपकरण तैयार किए हैं. कुछ साल पहले इन्होंने मोबाइल कॉल पर आधारित एक उपकरण तैयार किया था, जिसके जरिए टीवी, फ्रीज और अन्य बिजली उपकरण ऑटोमेटिक संचालित होते हैं. उस उपकरण से देश के किसी भी कोने में हो या विदेश में वहीं से घर की लाइट, कूलर, फ्रीज, टीवी और बिजली से संचालित कोई अन्य उपकरण, मोबाइल पर एक कॉल करके चालू-बंद कर सकते हैं. यही नहीं इस उपकरण से पेट्रोल पंप की मशीन को भी संचालित किया जा सकता है.

जांजगीर-चांपा: एक सहायक शिक्षक ने ऐसा रोबोट बनाया है, जिससे हजारों किलोमीटर दूर आतंकियों पर निगरानी रखी जा सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं भविष्य में इस रोबोट का उपयोग बिना ड्राइवर के कार ऑपरेटिंग सिस्टम में भी किया जा सकेगा. सहायक शिक्षक के तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूर्ण रूप से मोबाइल नेटवर्क या जीपीआरएस सिग्नल पर आधारित है.

सहायक शिक्षक हेमसिंह ने बनाया रोबोट

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में आयोजित प्रतियोगिता के लिए चयनित
सहायक शिक्षक राज ने बताया कि कबाड़ से तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को यूनाइटेड स्टेट में आयोजित प्रतियोगिता के लिए चुना गया है. उन्होंने बताया कि यूनाइटेड स्टेट में 25 और 26 अप्रैल 2020 को वर्ल्ड रोबोट ओलंपियाड और वर्ल्ड रोबोट कॉम्पिटिशन होना है, जिसमें वे भारत से प्रतिभागी के रूप में शामिल होकर चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) का प्रदर्शन करेंगे.

कबाड़ की जुगाड़ में बना रोबोट
अकलतरा विकासखंड के खटोला शासकीय प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक शिक्षक हेमसिंह राज ने कबाड़ से जुगाड़ कर यह रोबोट तैयार किया है. इससे कई महत्वपूर्ण कार्य संभव है. शिक्षक राज ने बताया कि उन्होंने कबाड़ से चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) बनाया है. यह एक ऐसा रोबोट है, जिसे हजारों किलोमीटर दूर रहकर ऑपरेट किया जा सकता है क्योंकि यह पूर्ण रूप से मोबाइल नेटवर्क या जीपीआरएस सिग्नल पर आधारित है. लिहाजा, इस रोबोट की अंतरिक्ष विज्ञान में अहम भूमिका हो सकती है.

चंद्रयान-तीन रोवर की विशेषता

  • सबसे बड़ी विशेषता यह है कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) पूर्ण रूप से वायरलेस सिस्टम है, जिसे हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी ऑपरेट किया जा सकता है.
  • अंतरिक्ष विज्ञान में जीपीआरएस से कनेक्ट करें तो चंद्रयान या मिशन मंगल में अहम भूमिका निभा सकता है.
  • लाखों किलोमीटर दूर चंद्रमा और मंगल ग्रह से तस्वीर और वीडियो भेजा जा सकता है.
  • भारतीय सैन्य सुरक्षा और आतंकियों की निगरानी के लिए भी इसे उपयोग में लाया जा सकता है.
  • बिना ड्राइवर के कार ऑपरेटिंग सिस्टम में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.

शिक्षक राज ने बताया कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) से नक्सलियों की तमाम गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकती है. चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को संबंधित क्षेत्र में पहले सर्चिंग के लिए भेजा जा सकता है, इससे जवान सुरक्षित रह सकते हैं.

पढ़े: VIDEO: ETV भारत पर 27, 28 और 29 दिसंबर को देखिए इंडिया का ट्राइ'बल' डांस

रोबोट बड़ी खासियत
शिक्षक राज ने बताया कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) में एक कैमरा लगा हुआ है, जो 180 डिग्री ऊपर से नीचे और 360 डिग्री मूव कर सकता है. इस रोबोट में तीन मोटर लगे हुए हैं, जो पहिए को घुमाता है. पहिया या गियर पूर्ण रूप से कैमरे पर निर्भर है. पहिए की ऑपरेटिंग भी कैमरे से होती है. इसमें लगे कैमरे में सेंसर फीड है, जो रात में भी स्पष्ट तस्वीर या वीडियो भेज सकता है. इस वजह से चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को हजारों किलोमीटर दूर बैठकर लैपटॉप या कम्प्यूटर के माध्यम से ऑपरेट किया जा सकता है.

पहले भी तैयार कर चुके हैं अनोखे उपकरण
शिक्षक राज जिले के एक छोटे से गांव साजापाली के रहने वाले हैं, लेकिन कबाड़ से जुगाड़ के मामले में इन्होंने अच्छे-अच्छों को पीछे छोड़ा है. चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) से पहले भी इन्होंने कई अनोखे उपकरण तैयार किए हैं. कुछ साल पहले इन्होंने मोबाइल कॉल पर आधारित एक उपकरण तैयार किया था, जिसके जरिए टीवी, फ्रीज और अन्य बिजली उपकरण ऑटोमेटिक संचालित होते हैं. उस उपकरण से देश के किसी भी कोने में हो या विदेश में वहीं से घर की लाइट, कूलर, फ्रीज, टीवी और बिजली से संचालित कोई अन्य उपकरण, मोबाइल पर एक कॉल करके चालू-बंद कर सकते हैं. यही नहीं इस उपकरण से पेट्रोल पंप की मशीन को भी संचालित किया जा सकता है.

Intro:सहायक शिक्षक हेमसिंह ने बनाया रोबोट, यूनाइटेड स्टेट में आयोजित प्रतियोगिता के लिए हुआ है चयनित, रोबोट से आतंकियों पर रखी जा सकती है निगरानी, भविष्य में बिना ड्राइवर के कार आपरेटिंग सिस्टम में किया जा सकेगा रोबोट का उपयोग
एंकर- जांजगीर-चांपा जिले के एक सहायक शिक्षक ने ऐसा रोबोट इजाद किया है, जिससे हजारों किलोमीटर दूर रहकर आतंकियों पर निगरानी रखी जा सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं, भविष्य में उस रोबोट का उपयोग बिना ड्राइवर के कार आपरेटिंग सिस्टम में किया जा सकेगा। सहायक शिक्षक द्वारा तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह पूर्ण रूप से मोबाइल नेटवर्क या जीपीआरएस सिग्नल पर आधारित है। सहायक शिक्षक राज ने बताया कि कबाड़ से उनके द्वारा तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को यूनाइटेड स्टेट में आयोजित प्रतियोगिता के लिए चुना गया है। उन्होंने बताया कि यूनाइटेड स्टेट में 25 एवं 26 अप्रैल 2020 को वर्ल्ड रोबोट ओलेप्याड एवं वर्ल्ड रोबोट कॉम्पिटिशन होना है, जिसमें वे भारत से प्रतिभागी के रूप में शामिल होकर चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) का प्रदर्शन करेंगे।
जिले के अकलतरा विकासखंड के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक विद्यालय खटोला में कार्यरत सहायक शिक्षक हेमसिंह राज ने कबाड़ से जुगाड़ आधारित एक ऐसा रोबोट तैयार किया है, जिससे कई महत्वपूर्ण कार्य संभव हैं। शिक्षक राज ने बताया कि उन्होंने कबाड़ से चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) बनाया है। यह एक ऐसा रोबोट है, जिसे हजारों किलोमीटर दूर रहकर ऑपरेट किया जा सकता है, क्योंकि यह पूर्ण रूप से मोबाइल नेटवर्क या जीपीआरएस सिग्नल पर आधारित है। लिहाजा, इस रोबोट की अंतरिक्ष विज्ञान में अहम् भूमिका हो सकती है।
शिक्षक ने आगे बताया कि उनके द्वारा तैयार किए गए चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) की असंख्य विशेषता है। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) पूर्ण रूप से वायरलेस सिस्टम है, जिसे हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी ऑपरेट किया जा सकता है। अंतरिक्ष विज्ञान में जीपीआरएस से कनेक्ट करें तो चंद्रयान या मिशन मंगल अहम् भूमिका निभा सकता है तो वहीं लाखों किलोमीटर दूर चंद्रमा व मंगल ग्रह से तस्वीर एवं वीडियो भेजा जा सकता है।
इसके अलावा भारतीय सैन्य सुरक्षा एवं आतंकियों की निगरानी के लिए भी इसे उपयोग में लाया जा सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, भविष्य में बिना ड्राइवर के कार ऑपरेटिंग सिस्टम में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। शिक्षक राज ने आगे बताया कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) के जरिए नक्सलियों द्वारा किए जाने वाले रोड तोड़-फोड़ की घटनाओं को रोककर सुरक्षा बलों पर होने वाले हमलों को रोका जा सकता है। चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को संबंधित क्षेत्र में पहले सर्चिंग के लिए भेजा जा सकता है, जिससे जवान सुरक्षित रह सकते हैं। विज्ञान के जानकार हेमराज के इस आविष्कार को देश के लिए उपलब्धी मानते हैं और उन्हे सरकार से मदद की उम्मीद भी कर रहे हैं।
बाईट-1 हेम सिंह राज सहायक शिक्षक
बाईट-2 गोपेश्वर साहू (प्रोफेसर फिजिक्स डाईट जांजगीर)
रोबोट की यह है बड़ी खासियत
शिक्षक राज ने बताया कि चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) में एक कैमरा लगा हुआ है, जो 180 डिग्री ऊपर से नीचे और 360 डिग्री दाएं से बाएं मूव कर सकता है। इस रोबोट में तीन मोटर लगे हुए हैं, जो पहिए को घुमाते हैं। पहिया या गियर पूर्ण रूप से कैमरे पर निर्भर है। पहिए की ऑपरेटिंग भी कैमरे से होती है। इसमें लगे कैमरे में सेंसर फीड है, जो रात में भी स्पष्ट तस्वीर या वीडियो भेज सकता है। इस वजह से चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) को हजारों किलोमीटर दूर बैठकर लैपटॉप या कम्प्यूटर के माध्यम से ऑपरेट किया जा सकता है।
पहले भी तैयार कर चुके हैं अनोखे उपकरण
शिक्षक राज जिले के एक छोटे से गांव साजापाली के निवासी हैं, लेकिन कबाड़ से जुगाड़ के मामले में इन्होंने अच्छे-अच्छों को पीछा छोड़ा है। चंद्रयान-तीन रोवर (रोबोट) से पहले भी इन्होंने कई अनोखे उपकरण तैयार किए हैं। कुछ वर्ष पहले इन्होंने मोबाइल कॉल पर आधारित एक उपकरण तैयार किया था, जिसके जरिए टीवी, फ्रीज व अन्य बिजली उपकरण आटोमेटिक संचालित होते हैं। उस उपकरण से देश के किसी भी कोने में हो या विदेश में, वहीं से घर की लाइट, कूलर, फ्रीज, टीवी अथवा बिजली से संचालित कोई अन्य उपकरण, मोबाइल पर एक कॉल करके चालू-बंद कर सकते हैं। यही नहीं, उनके इस उपकरण से पेट्रोल पंप की मशीन को भी संचालित किया जा सकता है।Body:......Conclusion:......
Last Updated : Dec 26, 2019, 3:16 PM IST
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