जांजगीर चांपा: जिले में किसान आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. किसानों ने कलेक्टर से मुलाकात कर कृषि विभाग और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की. जिला जल उपयोगिता समिति बैठक में हुए निर्णय के बाद भी 5 जनवरी बिताने के बाद भी नहर में पानी नहीं छोड़ने से नाराज है. कृषक चेतना मंच के पदाधिकारियों के कहा कि नहर में पानी नहीं छोड़ा जाएगा तो इस बार रबी की फसल नहीं काट पाएंगे. कोरोना संकट के बाद भी मजदूर पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे. कोरोना संक्रमण में जन जीवन में कोई बुरा असर न पड़े. इसको लेकर जिला प्रशासन और किसान नेता दोनो ही चिंतित है. (lack of water in canal in janjgir)
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विभागीय अधिकारी लापरवाह, नहर में पानी नहीं
किसान नेता संदीप तिवारी ने बताया कि जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में रबी फसल के लिए 5 जनवरी से नहर में पानी देने की सहमति बनी थी, लेकिन अब तक विभागीय अधिकारी नहर में पानी देने के विषय में सोच भी नहीं रहे है. जिसके कारण किसान चिंतित है. नहर में पानी नहीं मिलने से किसान और मजदूर दोनों ही काम से वंचित हो जाएंगे और मजदूरों का पलायन होने की संभावना है. कोरोना के पहले और दूसरे लहर के दौरान पहले किसानों को नहर से खेती के लिए पानी मिला था.
कलेक्टर ने किसानों को दिलाया भरोसा
कलेक्टर ने किसानों की समस्या को सुना और उन्हें खेती के लिए खाद, बीज और पानी की चिंता नहीं करने की भरोसा दिलाया. रबी फसल के लिए किसानों को तैयार रहने का आह्वान किया. साथ ही कही खाद की कमी को दूर करने के लिए जिला विपणन अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपने का दावा किया और नहर में शीघ्र ही पानी छोड़ने का भरोसा दिया है.