जांजगीर-चांपाः तंजानिया के किलिमंजारो पर्वत फतह कर लौटी अमिता श्रीवास का जांजगीर चांपा लौटने पर भव्य स्वागत हुआ. लोगों का स्वागत देख अमिता के आंखों में भी आंसू आ गए. अमिता ने बताया कि उनका अब अगला लक्ष्य एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई करना है. अमिता श्रीवास पेशे से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं.
पांच दिन में पूरी की चढ़ाई
अमिता श्रीवास साउथ अफ्रीका के तंजानिया में स्थित किलिमंजारो की 5 हजार 895 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ाई कर काफी खुश हैं. किलिमंजारो फतह करने वाली अमिता ने बताया कि 5 हजार 895 मीटर ऊंचाई तक चढ़ने के लिए उन्हें पांच दिन लगे. 25 किलो का बोझ लेकर बेस कैंप तक पहुंचने में ही चार रातें बीत गई. चौथी रात चोटी तक पहुंचने के लिए उन्होंने रात 11.45 बजे चढ़ाई शुरू की. करीब 8 घंटे की लगातार यात्रा के बाद उन्होंने 8 मार्च की सुबह 7.45 बजे यह सफर पूरा किया.
छत्तीसगढ़ की अमिता ने रचा इतिहास, माउंट किलिमंजारो को किया फतह
गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का दिया संदेश
अमिता ने बताया कि, उन्होंने किलिमंजारो से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संदेश दिया है. उनकी सफलता पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर अपनी शुभकामनाएं दी. वापसी के बाद अपनी सफलता से उत्साहित अमिता श्रीवास ने अब एवरेस्ट फतह करने की बात कही है. किलिमंजारो की चोटी को फतह करने वाली अमिता न केवल जिले बल्कि प्रदेश की पहली महिला हैं. अमिता श्रीवास चांपा के वार्ड नंबर 4 की निवासी है. वह पेशे से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं.
सरकार से सहयोग की उम्मीद
अमिता श्रीवास ने बताया कि किलिमंजारो की चोटी फतह करने के बाद, अब उन्हें दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर चढ़ने का मौका मिल गया है. लेकिन इसके लिए सरकार से आर्थिक सहयोग बहुत जरूरी है. क्योंकि किलिमंजारो यानि तंजानिया तक आना जाना स्थानीय प्रशासन और विद्युत मंडल द्वारा किए गए आर्थिक सहयोग से ही संभव हो पाया है. इसलिए एवरेस्ट फतह के लिए सरकार का सहयोग जरूरी है.