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ट्रेनिंग के बाद भी युवाओं को नहीं मिला रोजगार, 94 वीटीपी का पंजीयन रद्द

जांजगीर-चांपा में कौशल विकास उन्नयन के तहत जिले के बेरोजगार युवाओं को व्यवासायिक प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन उन्हें अब तक रोजगार नहीं मिला है.

ट्रेनी बेरोजगारों को नहीं मिला पाया रोजगार
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Published : Oct 25, 2019, 2:54 PM IST

जांजगीर-चांपाः जिले में कौशल विकास उन्नयन व्यवसायिक प्रशिक्षण लेने के बाद भी 40 प्रतिशत युवाओं को रोजगार नहीं मिला है. इस स्थिति में जिले में सभी 94 वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर का पंजीयन रद्द कर दिया गया है. सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नए नियम बनाए हैं, जिसके तहत सभी प्रशिक्षित लोगों को नौकरी या स्वरोजगार दिलाया जाएगा.

ट्रेनिंग के बाद भी युवाओं को नहीं मिला रोजगार

सरकार की नई पॉलिसी के मुताबिक प्रशिक्षित बेरोजगारों को तीन माह के भीतर ही प्लेसमेंट दिलाने की स्थिति में ही वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर का क्लेम मान्य किया जाएगा. इन तीन महीनों की ट्रैकिंग की जिम्मेदारी राज्य प्राधिकरण की टीम को सौंपी गई है. इस अवधि में प्रशिक्षित लोगों को रोजगार नहीं मिलने पर वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर को क्लेम नहीं मिल पाएगा.

40 प्रतिशत युवाओं को नहीं मिला रोजगार

  • बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिले में 1 मई 2012 को कौशल विकास उन्नयन तहत योजना शुरू हुई थी.
  • बेरोजगार युवाओं को कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए पूरे जिले में 94 वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर खोले गए थे.
  • इसमें 43 शासकीय संस्था और 51 प्राइवेट वीटीपी हैं. इन संस्थानों में अब तक 21 हजार 84 बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया गया है.
  • एक अनुमान के मुताबिक इनमें से 40 प्रतिशत ट्रेनी युवाओं को अब तक बेराजगार नहीं मिल पाया है.

नए नियम लागू
योजना को सुचारू रूप से संचालित करने और बेरोजगार यवाओं को ट्रेनिंग के बाद रोजगार मुहैया कराने के लिए नियम लागू किया गया है. शासन ने नियमों में कड़ा बदलाव करते हुए ट्रेनी युवाओं का तीन महीने के भीतर प्लेसमेंट करना जरूरी कर दिया है. साथ ही वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर के लिए 50 हजार रुपए बैंक गारंटी के तौर पर अनिवार्य कर दिया है.

जांजगीर-चांपाः जिले में कौशल विकास उन्नयन व्यवसायिक प्रशिक्षण लेने के बाद भी 40 प्रतिशत युवाओं को रोजगार नहीं मिला है. इस स्थिति में जिले में सभी 94 वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर का पंजीयन रद्द कर दिया गया है. सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नए नियम बनाए हैं, जिसके तहत सभी प्रशिक्षित लोगों को नौकरी या स्वरोजगार दिलाया जाएगा.

ट्रेनिंग के बाद भी युवाओं को नहीं मिला रोजगार

सरकार की नई पॉलिसी के मुताबिक प्रशिक्षित बेरोजगारों को तीन माह के भीतर ही प्लेसमेंट दिलाने की स्थिति में ही वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर का क्लेम मान्य किया जाएगा. इन तीन महीनों की ट्रैकिंग की जिम्मेदारी राज्य प्राधिकरण की टीम को सौंपी गई है. इस अवधि में प्रशिक्षित लोगों को रोजगार नहीं मिलने पर वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर को क्लेम नहीं मिल पाएगा.

40 प्रतिशत युवाओं को नहीं मिला रोजगार

  • बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए जिले में 1 मई 2012 को कौशल विकास उन्नयन तहत योजना शुरू हुई थी.
  • बेरोजगार युवाओं को कई क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए पूरे जिले में 94 वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर खोले गए थे.
  • इसमें 43 शासकीय संस्था और 51 प्राइवेट वीटीपी हैं. इन संस्थानों में अब तक 21 हजार 84 बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया गया है.
  • एक अनुमान के मुताबिक इनमें से 40 प्रतिशत ट्रेनी युवाओं को अब तक बेराजगार नहीं मिल पाया है.

नए नियम लागू
योजना को सुचारू रूप से संचालित करने और बेरोजगार यवाओं को ट्रेनिंग के बाद रोजगार मुहैया कराने के लिए नियम लागू किया गया है. शासन ने नियमों में कड़ा बदलाव करते हुए ट्रेनी युवाओं का तीन महीने के भीतर प्लेसमेंट करना जरूरी कर दिया है. साथ ही वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर के लिए 50 हजार रुपए बैंक गारंटी के तौर पर अनिवार्य कर दिया है.

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##40 फीसदी प्रशिक्षितों को नहीं मिला रोजगार, ट्रेनिंग देने वाले 94 वीटीपी का पंजीयन रद््द
##आसान नहीं अब व्यावसायिक प्रशिक्षण देना, पहले देनी होगी 50 हजार रुपए की बैंक गारंटी

एंकर- जांजगीर-चांपा जिले जिले मे व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने के बाद 40 प्रतिशत युवाओं को नौकरी नहीं मिली। ऐसे में जिले के सभी 94 वीटीपी का पंजीयन रद्द कर दिया गया है। अब इससे निपटने तथा प्रशिक्षित लोगों को शत प्रतिशत नौकरी या स्वरोजगार दिलाने के लिए सरकार ने नई पॉलिसी बनाई है।सरकार ने प्रशिक्षित बेरोजगारों के तीन माह में शत प्रतिशत प्लेसमेंट की स्थिति में ही क्लेम मान्य करने का निर्णय लिया है। इसी तीन माह की ट्रेकिंग राज्य प्राधिकरण की टीम करेगी। इस अवधि में प्रशिक्षित लोगो को रोजगार नहीं मिला तो क्लेम भी वीटीपी को नहीं मिलेगा। बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए जिले में 1 मई 2012 को कौशल विकास उन्नयन योजना शुरू हुई थी। विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देने के लिए जिले में इस समय 94 वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर हैं, जिसमें 43 शासकीय संस्था और 51 प्राइवेट वीटीपी हैं। इनमें अभी तक 21 हजार 84 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है, इसमे से 40 प्रतिशत लोग अभी भी बेराजगार हैं। इसे इंप्लिमेंट करने के लिए पुराने सभी वीटीपी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। शासन ने नियमांे कड़ाई के साथ बदलाव करते हुए अब ट्रेनिंग के तीन माह के अंदर प्लेसमेंट जरूरी कर दिया है वहीं वीटीपी के लिए 50 हजार रुपए बैंक गारंटी अनिवार्य भी अनिवार्य कर दिया है।

बाईट-1 तीर्थराज अग्रवाल सीईओ जिला पंचायत जांजगीर-चांपा  Body:.......Conclusion:..........

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