जांजगीर-चांपा: जिले में एकसाथ 20 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है. लेकिन इसके साथ ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है. जिन मरीजों के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. सभी मरीजों के सैंपल क्वॉरेंटाइन सेंटर में लिए गए थे. लेकिन इनमें से 9 मरीजों को क्वॉरेंटाइन सेंटर से घर भेजा चुका है. सभी अलग-अलग गांव से थे.
जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ ब्लॉक में 9 कोरोना पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई है. यहां से 10 लोगों के सैंपल लिए गए थे. चोरभट्टी गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर से ये सैंपल लिए गए थे. यहां एक व्यक्ती में कोरोना के लक्षण मिले थे, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और क्वॉरेंटाइन किए गए 6 गांव के लोगों का रेंडम सैंपल 27 मई को लिया गया. भर्ती किए गए मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव है. इसके साथ ही इलाज कर रहे डॉक्टर की रिपोर्ट भी पॉजिटिव है.
लापरवाही का आलम
जिला प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ सकता है. जिन ग्रामीणों के सैंपल लिए गए सभी ने क्वॉरेंटाइन में अपने 14 दिन पुरे किए. जिसके बाद उन्हें घर रवाना कर दिया गया. ये सभी 6 अलग-अलग गांव के थे. क्वॉरेंटाइन के वक्त लिए गए सैंपल रिपोर्ट आने से पहले लोगों को घर रवाना किया जाना प्रशासन की लापरवाही बयां कर रहा है.
पढ़ें:मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने की खबरों के बीच सिंहदेव का कैबिनेट में फेरबदल से इनकार
एक हफ्ते में आई रिपोर्ट
26 मई को आरटी पीसीआर सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए जिसके रिपोर्ट 24 घंटे में सामने आ जानी थी. लेकिन आलम ये है कि रिपोर्ट 7 दिनों में आई. 3 जून को आई रिपोर्ट में 9 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई. कोरोना वायरस के लक्षण होने के बावजूद भी रिपोर्ट 6 दिन बाद सामने आ रही है. जो प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति को बयां करने के लिए काफी है.
लैब की कमी
कोरोना वायरस जांच के लिए आईसीएमआर के मानकों के अनुरूप बीएसएल-2 लैब राजधानी रायपुर,बस्तर और रायगढ़ के अलावा और कहीं नहीं है. पूरे प्रदेश में जो सैंपल लिए जा रहे हैं, सभी की जांच यहां हो रही है. ऐसे में रिपोर्ट देरी से मिल रहे हैं. ऐसे ही लैब राजनांदगांव, बिलासपुर और अंबिकापुर में बनाए जा रहे हैं. लेकिन डेढ़ महीने बीत जाने के बावजूद लैब तैयार नहीं हो सके हैं.