जगदलपुर : जगदलपुर नगर निगम में 31 मार्च को बजट पेश हुआ था.बजट पेश करने के करीब ढाई महीने बाद सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई थी. लेकिन ये सामान्य सभा हंगामेदार रही. हंगामे के बीच शुरू हुए सामान्य सभा में नगर निगम सरकार के ऊपर जमकर भ्रष्टाचार का आरोप विपक्ष ने लगाया. सदन में सफाई व्यवस्था,आवारा कुत्तों के आतंक जैसा मामला गरमाया.
निगम पर गंभीर आरोप : निगम पार्षद और नेता प्रतिपक्ष संजय पांडेय के मुताबिक ''जगदलपुर शहर कचरे से पटा हुआ है.जगदलपुर नगर निगम ट्वीट करने में मस्त है. भले ही नगर निगम जगदलपुर को सोशल मीडिया में अच्छे नंबर मिले हो. लेकिन जगदलपुर नगर निगम जमीनी स्तर पर सफाई व्यवस्था में शून्य है. एमआईसी की बैठक 10 से 15 दिनों में होनी चाहिए. लेकिन 3 से 4 महीने में एक बार बैठक की जाती है. नगर निगम का सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि बस्तर संभाग के अलग-अलग विभागों में बीटी सीसी सड़क निर्माण कार्य में 33% तक बिलो रेट में कराया जा रहा है. एकमात्र जगदलपुर नगर निगम ऐसा है. जहां 7% ABOVE में काम किया जा रहा है. यदि 20 करोड़ की सड़क बन रही है तो नगर निगम को 66 लाख का नुकसान हो रहा है.''
विपक्ष के आरोपों को महापौर ने नकारा : इस बारे में निगम महापौर सफिरा साहू ने कहा कि '' भ्रष्टाचार का आरोप पूरी तरह से गलत है. नगर निगम की टीम आगामी मानसून को देखते हुए सफाई के कार्य में पूरी तरह से जुट चुकी है. यदि विपक्ष शहर के विकास कार्यों का साथ देता तो इस प्रकार से सदन में हंगामा नहीं होता. इसके अलावा ठेके को कम रेट में देने के सवाल पर महापौर ने ऐसे लोगों के नाम सार्वजनिक करने को कहा और विपक्ष के आरोपों को सरासर गलत बताया.''
कौन सही कौन गलत : जगदलपुर नगर निगम में विपक्ष एक तरफ भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है. वहीं दूसरी तरफ निगम सरकार ने ऐसे आरोपों को एक सिरे से खारिज किया है.ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में निगम में राजनीति तेज होगी.