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बजट से उम्मीदें: 'बस्तर संभाग के युवाओं को बेरोजगारी ले जा रही गलत रास्ते' - भूपेश सरकार तीसरी आम बजट

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार 1 मार्च को बजट पेश करने जा रही है. बजट को लेकर बस्तर के लोगों ने कई उम्मीदें जताई है. बरोजगार युवाओं ने रोजगार को लेकर कई मांगे रखी है. जबकि स्थानीय लोगों ने खेती किसानी को बढ़ावा देने की उम्मीद जताई है. शहर के कुछ बुद्धिजीवियों का कहना है बेरोजगारी के कारण युवा नक्सलियों के बहकावे में आ रहे हैं. युवाओं को रोजगार देने की जरूरत है.

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बस्तर संभाग के युवाओं को आम बजट से उम्मीदें ?
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Published : Feb 23, 2021, 2:14 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: भूपेश सरकार अपने कार्यकाल की तीसरी आम बजट 1 मार्च को पेश करने वाली है. बजट को लेकर बस्तरवासियों में भी काफी उम्मीदें हैं. हालांकि बस्तर में शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर कनेक्टिविटी की मांग हमेशा से रही है. बस्तर संभाग में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई. बस्तरवासी इस बार बजट में राज्य सरकार से कई उम्मीदें जता रहे हैं.

CM हाउस में कांग्रेस विधायक दल की बैठक संपन्न, ये रणनीति तैयार

युवाओं का कहना है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संसाधन और छोटे उद्योगों की सौगात देंगे. ताकि बस्तर को बेरोजगारी की समस्या से निजात मिल सके. बस्तरवासी और बेरोजगार युवा रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की उम्मीद कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा में सेंध! स्टेट हैंगर में हुआ वेडिंग फोटोशूट

बस्तर संभाग में 65 प्रतिशत बेरोजगारी
बस्तर में बेरोजगारी की समस्या वर्षों से बनी हुई है. संभागभर में 65 प्रतिशत बेरोजगार युवा हैं. सबसे ज्यादा बेरोजगार युवाओं की संख्या बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में है. इन जिलों और संभाग के अन्य जिलो में भी किसी तरह के कोई छोटे उद्योग नहीं है. इसकी वजह से रोजगार की तलाश में अधिकतर युवा पलायन करने को मजबूर हैं. हर साल हजारों की संख्या में बस्तर संभाग से नौकरी की तलाश में युवा पलायन करते हैं. इसके कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

सरकार वादों को भूलती रही

छत्तीसगढ़ में रही भाजपा सरकार ने भी बस्तर में छोटे-छोटे उद्योग लगाने की हर बार घोषणा की. अब कांग्रेस सरकार आई गई, लेकिन उद्योग नहीं लग पाए. जगदलपुर में देश के नवरत्न कंपनी एनएमडीसी ने नगरनार में स्टील प्लांट लगा रही है. अब केंद्र सरकार निजीकरण करने की तैयारी में है. इस प्लांट से बस्तरवासियों को उम्मीद थी. स्थानीय लोगों को ज्यादातर नौकरियां मिलेंगी. अब निजीकरण के निर्णय से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की संभावना भी कम हो गई है.

बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दे रही सरकार: कमलचंद भंजदेव
भाजपा शासनकाल में युवा आयोग के अध्यक्ष रहे कमलचंद भंजदेव ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बस्तरवासियों और प्रदेशवासियों को बेरोजगार मुक्त बनाने की बड़े-बड़े दावे की है. प्रदेश में सरकार बने ढाई साल बीतने को है. न ही बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दी जा रही है और न ही युवाओं को रोजगार मिल रहा है.

बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाए भूपेश सरकार: कमलचंद भंजदेव

कमलचंद भंजदेव ने कहा कि किसी तरह से कोई पहल राज्य सरकार ने कर रही है. यही वजह है कि बस्तर के अधिकतर युवा गलत रास्ते पर जा रहे हैं. रोजगार के लिए दूसरे राज्यों के लिए पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. प्रदेश सरकार संभाग के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाए. भूपेश सरकार को बस्तर संभाग में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के साधन उपलब्ध कराना चाहिए.

बस्तर के युवा नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर
बस्तर के युवाओं का भी कहना है सरकार बस्तर में किसी तरह के रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं है. इसकी वजह से वह नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. सरकार बजट पेश करने जा रही है. बजट से उन्हें उम्मीदें हैं. बस्तर में बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए. सरकार छोटे-छोटे उद्योग के लिए कोई बजट पेश करे. उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नौकरी मिले.

एनएमडीसी स्टील प्लांट निजीकरण से बेरोजगार युवाओं की टूटी उम्मीदें

युवाओं का कहना है हमेशा से ही सरकारें रोजगार उपलब्ध कराने का दावा करती रही हैं. बस्तर संभाग में ऐसा कोई भी उद्योग नहीं लग पाया है, जिससे स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके. एनएमडीसी स्टील प्लांट से बेरोजगार युवाओं को उम्मीद जगी थी, लेकिन उसके भी निजीकरण किए जाने से स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है.

खेती किसानी के लिए पेश करें बेहतर बजट

शहर के कुछ बुद्धिजीवियों का कहना है सरकार को बजट में बस्तर में कृषि क्षेत्र में विशेष बजट पेश करना चाहिए, ताकि कृषि के क्षेत्र में भी ग्रामीण अंचल के युवा बेहतर खेती किसानी कर सकें. उनका कहना है इस बजट में इंद्रावती प्राधिकरण के लिए भी प्रावधान होना चाहिए. इंद्रावती नदी तेजी से सूख रही है. बजट के बाद इस प्राधिकरण का कार्य शुरू हो सके.

बेरोजगारी युवाओं को नक्सल संगठन में धकेल रहा

बुद्धिजीवियों का यह भी कहना है कि सरकार बस्तर में रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं करा रही है. इसी वजह से बस्तर के कई ऐसे युवा हैं, जो रोजगार नहीं मिलने के कारण नक्सलियों के संपर्क में आ रहे हैं. युवा गलत रास्ता चुन रहे हैं. बस्तर नक्सलवाद का दंश झेल रहा रहा. बस्तर में शिक्षा को लेकर अंदरूनी क्षेत्र के युवाओं को जागरूक नहीं किया जा रहा है. इसलिए युवाओं को नक्सली अपने संगठन में शामिल कर लेते हैं. सरकार को मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. बस्तर संभाग में ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराए. ताकि युवा गलत रास्ते में न भटकें.

वनोपज प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की जरूरत
स्थानीय नागरिकों का कहना है बस्तर वन संपदा से परिपूर्ण है. यहां सबसे ज्यादा वनोपज पाए जाते हैं. ऐसे में सरकार वनोपज प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करे. ताकि स्थानीय ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिल सके. कुटीर उद्योग और लघु उद्योग को बढ़ावा दिया जाए. ताकि बेरोजगारी की समस्या से कुछ हद तक निजात मिल सकेगी. युवाओं का समूह बनाकर वनोपज से जोड़ा जाए. युवा इसमें रुचि लेकर रोजगार प्राप्त करेंगे. ऐसे में सरकार आगामी 1 मार्च को जो बजट पेश करने वाली है, उसमें बस्तर संभाग में छोटे-छोटे उद्योग पर बजट पेश करे, जिससे कि बस्तर संभाग के युवाओं को रोजगार मिल सके.

बस्तर के युवा सरकार से कर रहे मिन्नत
बस्तर में शिक्षा स्वास्थ्य को लेकर भी हमेशा से ही बस्तरवासियों की राज्य सरकारों से उम्मीद रही है, लेकिन अब इन दोनों के अलावा बेरोजगारी भी एक प्रमुख समस्या है. यही वजह है कि बस्तर के स्थानीय युवा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार से मिन्नत करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

जगदलपुर: भूपेश सरकार अपने कार्यकाल की तीसरी आम बजट 1 मार्च को पेश करने वाली है. बजट को लेकर बस्तरवासियों में भी काफी उम्मीदें हैं. हालांकि बस्तर में शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर कनेक्टिविटी की मांग हमेशा से रही है. बस्तर संभाग में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई. बस्तरवासी इस बार बजट में राज्य सरकार से कई उम्मीदें जता रहे हैं.

CM हाउस में कांग्रेस विधायक दल की बैठक संपन्न, ये रणनीति तैयार

युवाओं का कहना है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संसाधन और छोटे उद्योगों की सौगात देंगे. ताकि बस्तर को बेरोजगारी की समस्या से निजात मिल सके. बस्तरवासी और बेरोजगार युवा रोजगार के साधन उपलब्ध कराने की उम्मीद कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा में सेंध! स्टेट हैंगर में हुआ वेडिंग फोटोशूट

बस्तर संभाग में 65 प्रतिशत बेरोजगारी
बस्तर में बेरोजगारी की समस्या वर्षों से बनी हुई है. संभागभर में 65 प्रतिशत बेरोजगार युवा हैं. सबसे ज्यादा बेरोजगार युवाओं की संख्या बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में है. इन जिलों और संभाग के अन्य जिलो में भी किसी तरह के कोई छोटे उद्योग नहीं है. इसकी वजह से रोजगार की तलाश में अधिकतर युवा पलायन करने को मजबूर हैं. हर साल हजारों की संख्या में बस्तर संभाग से नौकरी की तलाश में युवा पलायन करते हैं. इसके कारण उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

सरकार वादों को भूलती रही

छत्तीसगढ़ में रही भाजपा सरकार ने भी बस्तर में छोटे-छोटे उद्योग लगाने की हर बार घोषणा की. अब कांग्रेस सरकार आई गई, लेकिन उद्योग नहीं लग पाए. जगदलपुर में देश के नवरत्न कंपनी एनएमडीसी ने नगरनार में स्टील प्लांट लगा रही है. अब केंद्र सरकार निजीकरण करने की तैयारी में है. इस प्लांट से बस्तरवासियों को उम्मीद थी. स्थानीय लोगों को ज्यादातर नौकरियां मिलेंगी. अब निजीकरण के निर्णय से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की संभावना भी कम हो गई है.

बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दे रही सरकार: कमलचंद भंजदेव
भाजपा शासनकाल में युवा आयोग के अध्यक्ष रहे कमलचंद भंजदेव ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बस्तरवासियों और प्रदेशवासियों को बेरोजगार मुक्त बनाने की बड़े-बड़े दावे की है. प्रदेश में सरकार बने ढाई साल बीतने को है. न ही बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दी जा रही है और न ही युवाओं को रोजगार मिल रहा है.

बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाए भूपेश सरकार: कमलचंद भंजदेव

कमलचंद भंजदेव ने कहा कि किसी तरह से कोई पहल राज्य सरकार ने कर रही है. यही वजह है कि बस्तर के अधिकतर युवा गलत रास्ते पर जा रहे हैं. रोजगार के लिए दूसरे राज्यों के लिए पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. प्रदेश सरकार संभाग के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाए. भूपेश सरकार को बस्तर संभाग में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के साधन उपलब्ध कराना चाहिए.

बस्तर के युवा नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर
बस्तर के युवाओं का भी कहना है सरकार बस्तर में किसी तरह के रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं है. इसकी वजह से वह नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. सरकार बजट पेश करने जा रही है. बजट से उन्हें उम्मीदें हैं. बस्तर में बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए. सरकार छोटे-छोटे उद्योग के लिए कोई बजट पेश करे. उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नौकरी मिले.

एनएमडीसी स्टील प्लांट निजीकरण से बेरोजगार युवाओं की टूटी उम्मीदें

युवाओं का कहना है हमेशा से ही सरकारें रोजगार उपलब्ध कराने का दावा करती रही हैं. बस्तर संभाग में ऐसा कोई भी उद्योग नहीं लग पाया है, जिससे स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके. एनएमडीसी स्टील प्लांट से बेरोजगार युवाओं को उम्मीद जगी थी, लेकिन उसके भी निजीकरण किए जाने से स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है.

खेती किसानी के लिए पेश करें बेहतर बजट

शहर के कुछ बुद्धिजीवियों का कहना है सरकार को बजट में बस्तर में कृषि क्षेत्र में विशेष बजट पेश करना चाहिए, ताकि कृषि के क्षेत्र में भी ग्रामीण अंचल के युवा बेहतर खेती किसानी कर सकें. उनका कहना है इस बजट में इंद्रावती प्राधिकरण के लिए भी प्रावधान होना चाहिए. इंद्रावती नदी तेजी से सूख रही है. बजट के बाद इस प्राधिकरण का कार्य शुरू हो सके.

बेरोजगारी युवाओं को नक्सल संगठन में धकेल रहा

बुद्धिजीवियों का यह भी कहना है कि सरकार बस्तर में रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं करा रही है. इसी वजह से बस्तर के कई ऐसे युवा हैं, जो रोजगार नहीं मिलने के कारण नक्सलियों के संपर्क में आ रहे हैं. युवा गलत रास्ता चुन रहे हैं. बस्तर नक्सलवाद का दंश झेल रहा रहा. बस्तर में शिक्षा को लेकर अंदरूनी क्षेत्र के युवाओं को जागरूक नहीं किया जा रहा है. इसलिए युवाओं को नक्सली अपने संगठन में शामिल कर लेते हैं. सरकार को मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. बस्तर संभाग में ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराए. ताकि युवा गलत रास्ते में न भटकें.

वनोपज प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की जरूरत
स्थानीय नागरिकों का कहना है बस्तर वन संपदा से परिपूर्ण है. यहां सबसे ज्यादा वनोपज पाए जाते हैं. ऐसे में सरकार वनोपज प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करे. ताकि स्थानीय ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिल सके. कुटीर उद्योग और लघु उद्योग को बढ़ावा दिया जाए. ताकि बेरोजगारी की समस्या से कुछ हद तक निजात मिल सकेगी. युवाओं का समूह बनाकर वनोपज से जोड़ा जाए. युवा इसमें रुचि लेकर रोजगार प्राप्त करेंगे. ऐसे में सरकार आगामी 1 मार्च को जो बजट पेश करने वाली है, उसमें बस्तर संभाग में छोटे-छोटे उद्योग पर बजट पेश करे, जिससे कि बस्तर संभाग के युवाओं को रोजगार मिल सके.

बस्तर के युवा सरकार से कर रहे मिन्नत
बस्तर में शिक्षा स्वास्थ्य को लेकर भी हमेशा से ही बस्तरवासियों की राज्य सरकारों से उम्मीद रही है, लेकिन अब इन दोनों के अलावा बेरोजगारी भी एक प्रमुख समस्या है. यही वजह है कि बस्तर के स्थानीय युवा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार से मिन्नत करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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