जगदलपुर: केन्द्र सरकार की उड़ान योजना अब पुरी तरह से फ्लॉप होती नजर आ रही है. बस्तर में मध्यम वर्गीय लोगों के लिए हवाई सेवा 1 जनवरी से दोबारा शुरू करने की बात सामने आई थी, लेकिन अब यह योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है. इस कारण हवाई यात्रा बस्तरवासियों के लिए एक ख्वाब बनकर रह गया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में उड़ान योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के तहत बस्तर के व्यापारी वर्ग के साथ मध्यम वर्ग के लोग भी सस्ते दामों में हवाई यात्रा का लाभ ले सकें इसके लिए धूमधाम से हवाई यात्रा की शुरुआत की गई थी. कुछ महीनों तक एयर ओडिशा के 18 सीटर विमान ने अपनी सेवा भी दी और रायपुर से जगदलपुर उड़ान की शुरुआत भी हुई, लेकिन कुछ ही दिनों तक ये सेवा बस्तरवासियों को मिली और घाटे का सौदा देखते हुए एयर ओडिशा ने अपनी सेवा बंद कर दी. वहीं प्रशासन ने भी एयर ओडिशा के साथ टेंडर रद्द कर दिया, जिसके कुछ महीने बाद ही नियमित रूप से यह सेवा लोगों को मिल सके इसके लिए एयरलाइंस एयरवेज और जेट एयरवेज से बातचीत की गई और दोनों कंपनी ने अपनी विमान सेवा देने की बात कही.
अधर में लटकी उड़ान योजना
इसके लिए एयरलाइंस एयरवेज के अधिकारी कई बार एयरपोर्ट का निरीक्षण करने बस्तर पहुंचे और निरीक्षण कर एयरपोर्ट में खामियां भी बताई, जिसे जिला प्रशासन ने कुछ हद तक दूर भी कर लिया था, लेकिन टूसी या 3सी लाइसेंस मिलने के चक्कर में एक बार फिर यह उड़ान योजना अधर में लटक गई है.
एयरलाइंस एयरवेज की टीम ने एयरपोर्ट का किया निरीक्षण
बस्तर कलेक्टर ने बताया कि एयरलाइंस एयरवेज के टीम ने एयरपोर्ट का निरीक्षण पूरा कर लिया है और इसकी रिपोर्ट दिल्ली हेड ऑफिस में भी सौंप दी है. बस वहां से हरी झंडी दिखना बाकी है. हालांकि एयरलाइंस से बस्तर में उड़ान भरने की शुरुआत कब होगी यह कह पाना मुश्किल है. कलेक्टर ने बताया कि फिलहाल आने वाले कुछ महीनों तक एक बार फिर उड़ान योजना टल गई है.