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नारायणपुर के इस झरने को देखकर आप कह उठेंगे कि कितना सुंदर है बस्तर

बस्तर अपने प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए पूरे देशभर में मशहूर है. चित्रकोट, तीरथगढ़ के अलावा भी यहां कई ऐसे जल प्रपात हैं जो बाहरी दुनिया के लिए अछूते हैं. ETV भारत आज आपको ऐसे ही एक प्रपात से रूबरू कराने जा रहा है.

कच्चापाल का जल प्रपात
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Published : Aug 11, 2019, 9:44 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

नारायणपुर: छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है. चित्रकोट सहित इलाके में मौजूद कई जलप्रपात बेहतर टूरीस्ट प्लेस माने जाते हैं. ऐसा ही एक झरना अबूझमाड़ के इलाके में मौजूद है. प्राकृतिक खूबसूरती की चादर ओढ़े इस जल प्रपात को कच्चापाल के जल प्रपात के तौर पर जाना जाता है.

कच्चापाल जल प्रपात.

प्रकृति का प्यार समेटे इस जल प्रपात में 70 फीट की उंचाई से कुंड में पानी गिरता है. हालांकि इस मनमोहक नजारे का लुफ्त उठाने के लिए यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या न के बराबर है.

इस वजह से दूर हैं पर्यटक
दुर्गम रास्ते और इलाके में 'लाल आतंक' की पैठ होने को प्रकृति के इस खूबसूरत उपहार से पर्यटकों के दूर होने के पीछे की प्रमुख वजह माना जाता है. नक्सल प्रभावित होने के कारण सैलानी यहां आने से डरते हैं. जिसके कारण यह झरना अभी तक लोगों की आंखों से ओझल है.

झरनों को किया जाए विकसित
सरकार को चाहिए कि पर्यटकों की चकाचौंध से दूर ऐसे झरनों को विकसित करने के साथ ही यहां आने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके.

नारायणपुर: छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है. चित्रकोट सहित इलाके में मौजूद कई जलप्रपात बेहतर टूरीस्ट प्लेस माने जाते हैं. ऐसा ही एक झरना अबूझमाड़ के इलाके में मौजूद है. प्राकृतिक खूबसूरती की चादर ओढ़े इस जल प्रपात को कच्चापाल के जल प्रपात के तौर पर जाना जाता है.

कच्चापाल जल प्रपात.

प्रकृति का प्यार समेटे इस जल प्रपात में 70 फीट की उंचाई से कुंड में पानी गिरता है. हालांकि इस मनमोहक नजारे का लुफ्त उठाने के लिए यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या न के बराबर है.

इस वजह से दूर हैं पर्यटक
दुर्गम रास्ते और इलाके में 'लाल आतंक' की पैठ होने को प्रकृति के इस खूबसूरत उपहार से पर्यटकों के दूर होने के पीछे की प्रमुख वजह माना जाता है. नक्सल प्रभावित होने के कारण सैलानी यहां आने से डरते हैं. जिसके कारण यह झरना अभी तक लोगों की आंखों से ओझल है.

झरनों को किया जाए विकसित
सरकार को चाहिए कि पर्यटकों की चकाचौंध से दूर ऐसे झरनों को विकसित करने के साथ ही यहां आने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, ताकि छत्तीसगढ़ में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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