जगदलपुर : कोरोना वैक्सीनेशन के लिए अब नए वैक्सीनेशन सेंटर शुरू नहीं किए जाएंगे. फिलहाल नए वैक्सीनेशन सेंटरो को खोलने पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों ने भी कोविड वैक्सीनेशन का बहिष्कार कर दिया है. यहां तैनात 90 फ़ीसदी स्टाफ ने टीका लगवाने से ही मना कर दिया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी ऐसे किसी बहिष्कार से इंकार कर रहे हैं. लेकिन जानकारी मिल रही है कि मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने कोरोना वैक्सीन लगाने से इंकार कर दिया है.
रायपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अफसरों को वैक्सीनेशन के लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत जिले में नए वैक्सीनेशन सेंटर की शुरुआत नहीं करने के निर्देश मिले हैं. निर्देश में यह कहा गया है कि पहले चरण में जितने सेंटर बने हैं. उन्हीं सेंटरो में वैक्सीनेशन का काम पूरा किया जाएगा. पहले से चल रहे वैक्सीनेशन सेंटर में जब तक टीकाकरण पूरा नहीं होगा तब तक नये सेंटर नहीं खोलने के आदेश मिले हैं.
50 फीसदी हुआ टीकाकरण
बस्तर में कुल 57 केंद्रों में टीकाकरण होना था. ऐसे में पहले चरण में 6 टीकाकरण सेंटर शुरू किए गए. लेकिन सभी सेंटरों में 100 प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो पाया है. इस बीच सोमवार को भी दूसरे चरण के टीकाकरण की शुरुआत कर दी गई. इसमें भी गिनती के ही कर्मचारी टीकाकरण के लिए शामिल हुए.
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स्टाफ नर्स और डॉक्टरों ने किया वेक्सीनेशन का बहिष्कार
जानकारी के मुताबिक 6 केंद्रों में से एक केंद्र नर्सिंग कॉलेज में सोमवार को हुए कोरोना टीकाकरण में केवल 100 में से 53 लोगों ने ही वैक्सीन लगाया. वहीं अन्य पांच केंद्र में भी यही हाल रहा. इधर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और स्टाफ नर्सों ने भी कोरोना के टीकाकरण का अघोषित बहिष्कार कर दिया है.
दो भागों में बंटा मेकॉज का स्टाफ
जानकारी के मुताबिक यहां का स्टाफ दो भागों में बंटा हुआ है. आरोप है कि टीकाकरण के इस अभियान को जल्दबाजी में शुरू किया गया. उनका कहना है कि पहले चरण में इसकी शुरुआत डॉक्टरों, डीन, हॉस्पिटल अधीक्षक और अलग-अलग डिपार्टमेंट के एचओडी से होना था. ऐसे में दोनों ही दलों में बैठे कर्मचारी टीका नहीं लगवा रहे हैं.