जगदलपुर: बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों (naxal affected areas) में स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल पर हर साल केंद्र और राज्य सरकार (central and state government) करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है, लेकिन इन क्षेत्रों में जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गांव के बच्चे शिक्षा तो ग्रहण करना चाहते हैं लेकिन संसाधनों के अभाव में लगातार वे पिछड़ते जा रहे हैं. इसके लिए प्रशासन भी गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है.
एक शिक्षक के भरोसे स्कूल
बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोलेंग और उसके आसपास के गांव में लंबे समय से स्कूलों में शिक्षकों की कमी (Shortage of Teachers) बनी हुई है. आलम यह है कि हाईस्कूल में केवल एक शिक्षक के भरोसे ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है. जब कोरोना का प्रकोप कम होने के साथ ही इन इलाकों में स्कूलों को खोल दिया गया है, तब शिक्षक नहीं है. जिसके कारण बच्चे के पढ़ाई अंधेरे में है.
बस्तर कलेक्टर के पास पहुंचे स्कूली बच्चे
आज अपनी परेशानियों को लेकर कोलेंग क्षेत्र के स्कूली बच्चे बस्तर कलेक्टर के पास पहुंचे और उन्हें अपने स्कूल की आपबीती बताई. बच्चों ने कलेक्टर को बताया कि स्कूल तो खुल गए हैं लेकिन उनके स्कूलों में शिक्षक नहीं (no teachers in schools) है. जिस वजह से पढ़ाई बाधक बन रहा है. केवल एक शिक्षक के भरोसे ही पूरा हाई स्कूल चल रहा है. शिक्षक नहीं होने की वजह से वे पढ़ाई में भी पिछड़ते जा रहे हैं.
कई बार उन्होंने अपने खंड शिक्षा अधिकारी और जनपद सीईओ को आवेदन देकर शिक्षक की नियुक्ति करने की मांग भी की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. लिहाजा पूरे स्कूल के बच्चे 50 किलोमीटर का सफर तय कर कलेक्टर से शिक्षक दिलाने की मांग को लेकर निवेदन करने पहुंचे.
खंड शिक्षा अधिकारी भी माने
इधर, दरभा ब्लॉक खंड शिक्षा अधिकारी भी मानते हैं कि उनके क्षेत्र के कई स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है. जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. उनका कहना है कि उन्होंने भी इस बात की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों के साथ कलेक्टर को भी दी है. बावजूद इसके जितने भी शिक्षक हैं उनके ही भरोसे स्कूल संचालित हो रही है.
शिक्षक स्कूल नहीं जाने पर होगी कार्रवाई
बस्तर कलेक्टर रजत बंसल (Bastar Collector Rajat Bansal) का कहना है कि जिले में शिक्षकों की कमी हैं और जल्द ही स्कूलों में अतिथि शिक्षक रखने की चयन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति है और वह स्कूल नहीं जा रहे हैं. ऐसे लोगों की जानकारी लेकर उन पर जरूर कार्रवाई की जाएगी.