बस्तर: बस्तर में डेंगू और मलेरिया के केसों में कमी देखने को मिल रही है. जिला प्रशासन ने डेंगू और मलेरिया से बचाव और जागरुकता को लेकर अभियान चलाया था. जिसकी वजह से यहां डेंगू और मलेरिया के केसों में कमी दर्ज की गई है. यहां डेंगू और मलेरिया के प्रतिदिन मिलने वाले मरीजों की संख्या दहाई के नीचे पहुंच गई है. गौरतलब है कि बीते महीनेभर में शहरी इलाकों में डेंगू का प्रकोप जारी था. वहीं ग्रामीण इलाकों में मलेरिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे थे.
जिला प्रशासन के प्रयास से काबू में आया मलेरिया: बस्तर जिला प्रशासन के प्रयास से मलेरिया की स्थिति में सुधार आया है. बस्तर में मलेरिया के मामलों में कमी देखी जा रही है. जिला प्रशासन और नगर निगम के द्वारा जगदलपुर शहर के 48 वार्डों में 48 टीम का गठन किया गया है. जिनके द्वारा ऐसे जगहों की पहचान की गई जहां डेंगू और मलेरिया के केस सबसे ज्यादा पाए जाते थे. उसके बाद उन इलाकों में लगातार काम किया गया.
जागरुकता रथ का प्रशासन ने लिया सहारा: बस्तर जिला प्रशासन ने जागरुकता रथ का सहारा लेकर डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए कई उपाय किए. गोदरेज एम्बेड परियोजना फैमिली हेल्थ इंडिया कार्यक्रम के तहत संचालित यह जागरुकता रथ जगदलपुर नगर निगम क्षेत्र के साथ ही जिले के 100 गांवों में पहुंचा और लोगों को जागरुक किया. यह रथ अभी भी ग्रामीण और शहरी इलाकों में पहुच रहा है. राज्य के बस्तर और कोंडागांव जिले के मलेरिया प्रभावित 100 -100 गांवों में नवंबर 2019 से गोदरेज और फैमिली हेल्थ इंडिया के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.