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'ग्राम सभा की इजाजत के बाद ही शुरू होगी बोधघाट परियोजना, नहीं होगी नाइंसाफी'

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Published : Feb 11, 2021, 6:10 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके दो दिवसीय बस्तर दौरे पर हैं. राज्यपाल ने बोधघाट परियोजना को लेकर पत्रकारों से बातचीत की. राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र में पांचवीं अनुसूची लागू है, जिससे पेसा कानून भी यहां प्रभावी है. ग्रामसभा की मंजूरी के बाद ही बोधघाट परियोजना का कार्य शुरू होगा.

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छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसइया उइके

जगदलपुर: बस्तर में नई सिंचाई परियोजना के तौर पर शुरू किए जाने वाले बोधघाट परियोजना को लेकर विवाद की स्थिति बरकरार है. इस पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पत्रकारों से बातचीत की. राज्यपाल ने कहा कि बोधघाट परियोजना को लेकर बस्तर के आदिवासी परेशान हैं, उन्हें लगता है कि इस परियोजना के शुरू होने से वे बेघर हो जाएंगे.

राज्यपाल अनुसइया उइके का बोधघाट मामले में बयान

बोधघाट परियोजना: 'विरोध करने वाले नहीं हैं आदिवासियों के हितैषी'

राज्यपाल ने 1979 के समय बोधघाट परियोजना पर किए गए फैसले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि तब इसे थर्मल पावर स्टेशन के तौर पर शुरू करने की योजना थी, जिसे बंद कर दिया गया था. अब सरकार ने इसे दूसरे दृष्टिकोण से देखते हुए सिंचाई परियोजना के रूप में शुरू करने का फैसला किया है. इससे पूर्व के विस्थापन की योजना को देखते हुए आदिवासियों का डर स्वाभाविक है.

बोधघाट परियोजना के विरोध में सीपीआई और आदिवासी महासभा का अनिश्चितकालीन धरना खत्म

केंद्र सरकार से लेनी पड़ेगी अनुमति
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को आश्वासन दिया है. राज्यपाल ने कहा कि अभी इस परियोजना में बहुत सी प्रक्रिया बची हुई है. अभी 2022 तक इसका सर्वे किया जाना है. सर्वे से यह जानकारी मिलेगी कि कितने किसानों को किस तरह इसका लाभ मिलेगा. सर्वे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. अभी केंद्र सरकार से अनुमति लेना और वन विभाग के साथ-साथ कई विभागों की अनुमति बाकी है.

आदिवासी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा: अनुसुइया उइके

राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र में पांचवीं अनुसूची लागू है, जिससे पेसा कानून भी यहां प्रभावी है. सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ग्रामसभा के तहत ग्रामीणों की स्वीकृति ली जाएगी. उन्होंने सभी को विश्वास में लेने की कोशिश की. राज्यपाल ने कहा कि परियोजना का आकलन किया जाएगा. इस परियोजना से आदिवासियों का हित हो रहा है या नहीं हो रहा है, उनके रहते किसी भी आदिवासी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

बोधघाट परियोजना मामले में अरविंद नेताम और सीएम बघेल आमने-सामने

बोधघाट परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम आमने सामने हैं. एक ओर जहां अरविंद नेताम इस परियोजना के विरोध में हैं ,तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि आदिवासियों के हित के लिए यह परियोजना अत्यंत आवश्यक है. इस फैसले के साथ ही सीएम ने विरोध करने वालों से सवाल भी पूछा है कि उनके पास और कोई योजना हो तो बताएं ?.

जगदलपुर: बस्तर में नई सिंचाई परियोजना के तौर पर शुरू किए जाने वाले बोधघाट परियोजना को लेकर विवाद की स्थिति बरकरार है. इस पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पत्रकारों से बातचीत की. राज्यपाल ने कहा कि बोधघाट परियोजना को लेकर बस्तर के आदिवासी परेशान हैं, उन्हें लगता है कि इस परियोजना के शुरू होने से वे बेघर हो जाएंगे.

राज्यपाल अनुसइया उइके का बोधघाट मामले में बयान

बोधघाट परियोजना: 'विरोध करने वाले नहीं हैं आदिवासियों के हितैषी'

राज्यपाल ने 1979 के समय बोधघाट परियोजना पर किए गए फैसले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि तब इसे थर्मल पावर स्टेशन के तौर पर शुरू करने की योजना थी, जिसे बंद कर दिया गया था. अब सरकार ने इसे दूसरे दृष्टिकोण से देखते हुए सिंचाई परियोजना के रूप में शुरू करने का फैसला किया है. इससे पूर्व के विस्थापन की योजना को देखते हुए आदिवासियों का डर स्वाभाविक है.

बोधघाट परियोजना के विरोध में सीपीआई और आदिवासी महासभा का अनिश्चितकालीन धरना खत्म

केंद्र सरकार से लेनी पड़ेगी अनुमति
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को आश्वासन दिया है. राज्यपाल ने कहा कि अभी इस परियोजना में बहुत सी प्रक्रिया बची हुई है. अभी 2022 तक इसका सर्वे किया जाना है. सर्वे से यह जानकारी मिलेगी कि कितने किसानों को किस तरह इसका लाभ मिलेगा. सर्वे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. अभी केंद्र सरकार से अनुमति लेना और वन विभाग के साथ-साथ कई विभागों की अनुमति बाकी है.

आदिवासी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा: अनुसुइया उइके

राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र में पांचवीं अनुसूची लागू है, जिससे पेसा कानून भी यहां प्रभावी है. सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ग्रामसभा के तहत ग्रामीणों की स्वीकृति ली जाएगी. उन्होंने सभी को विश्वास में लेने की कोशिश की. राज्यपाल ने कहा कि परियोजना का आकलन किया जाएगा. इस परियोजना से आदिवासियों का हित हो रहा है या नहीं हो रहा है, उनके रहते किसी भी आदिवासी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

बोधघाट परियोजना मामले में अरविंद नेताम और सीएम बघेल आमने-सामने

बोधघाट परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम आमने सामने हैं. एक ओर जहां अरविंद नेताम इस परियोजना के विरोध में हैं ,तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि आदिवासियों के हित के लिए यह परियोजना अत्यंत आवश्यक है. इस फैसले के साथ ही सीएम ने विरोध करने वालों से सवाल भी पूछा है कि उनके पास और कोई योजना हो तो बताएं ?.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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