जगदलपुर: घर, कारखानों और दुकानों से निकलने वाले कचरे की समस्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. जिससे छुटकारा पाने के लिए कई योजनाएं बनाई जाती हैं. कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके तहत जगदलपुर नगर निगम ने कचरे के निपटारे के लिए 10 लाख रुपए की लागत से तेतरकुटी में ठोस अपशिष्ट उपकरण लगाया गया था. लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में अब यह उपकरण पूरी तरह से कबाड़ हो चुका है. जिससे शहर से निकलने वाला कचरा तेतरकुटी और उसके आसपास के वासियों के लिए मुसीबत बन गया है.
शहर में 10 साल पहले ठोस अपशिष्ट उपकरण लगाया गया था. ताकि कचरे से होने वाली समस्याओं से निजात मिल सके. लगभग 10 लाख की लागत से जब ये उपकरण लगाया गया था तो शहर वासियों को यह लगा कि अब शहरों से निकलने वाले कचरे का निपटारा होगा. लेकिन जैसे-जैसे समय बिता वैसे-वैसे यह बहुउद्देशीय परियोजना लापरवाही और अनदेखी की भेंट चढ़ गई. अब आलम ये है कि ये उपकरण कबाड़ हो गए हैं.
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कचरे का ढेर बना उपकरण
जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य कचरों से जैविक खाद बनाना, प्लाटिक सामानों को रिसायकल करना और लोगों को रोजगार देने के साथ ही नगर निगम के आय का साधन बनना था. लेकिन यह योजना अनदेखी की भेंट चढ़ गई. जिससे कचरे के निपटान के लिए लगाया गया था. लेकिन यह उपकरण अब खुद कचरे का ढेर बनकर रह गया है.
फिर शुरू की जाएगी योजना
नगर निगम आयुक्त प्रेम पटेल का कहना है कि जल्द ही इस उपकरण को सुधारने का काम किया जाएगा. ताकि इस योजना का फिर से संचालन हो सके. वहीं उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस के अभाव में यह उपकरण कबाड़ हो चुका हैँ. जिसे जल्द ही ठीक करा लिया जाएगा.