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नारायणपुर में ग्रामीणों की गिरफ्तारी पर सामाजसेवी बेला भाटिया ने उठाए सवाल

22 नवंबर को नारायणपुर पुलिस ने दो ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके अलावा बीते 12 नवंबर को भी छोटे डोंगर के चार ग्रामीणों को भी नारायणपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. समाजसेवी सोनी सोरी और बेला भाटिया जगदलपुर पहुंचकर उनसे मुलाकात की है.

बेला भाटिया
बेला भाटिया
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Published : Dec 5, 2020, 11:02 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर : नारायणपुर के छोटे डोंगर से बीते 22 नवंबर को दो ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया था. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दोनों ही ग्रामीणों के परिजन और समाजसेवी सोनी सोरी और बेला भाटिया जगदलपुर पहुंचे हुए थे, यहां पर उन्होंने केंद्रीय जेल में बंद दोनों ही ग्रामीणों से मुलाकात की. उन्होंने उनके ऊपर पुलिस द्वारा लगाए गए अपराध की जानकारी ली. बेला भाटिया ने बस्तर पुलिस पर ग्रामीणों पर दबाव बनाते हुए और उनसे बेवजह बुरी तरह से मारपीट करने का आरोप लगाया है. साथ ही पुलिस ने उन पर जबरन UAPA का केस लगाकर गिरफ्तारी का करने का भी आरोप लगाया है.

नारायणपुर में ग्रामीणों की गिरफ्तारी

बीते 22 नवंबर को नारायणपुर पुलिस ने दो ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके अलावा बीते 12 नवंबर को भी छोटे डोंगर के चार ग्रामीणों को भी नारायणपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस गिरफ्तारी के विरोध में लगातार नारायणपुर के ओरछा इलाके में मुख्य मार्ग पर ग्रामीण पिछले 3 दिनों से लगातार आंदोलन करते है. पुलिस ने इन 6 ग्रामीणों की गिरफ्तारी की कोई भी जानकारी उनके परिजनों को नहीं दी है.

पढ़ें : बिलासपुर: पेड़ पर लटकी मिली युवक की लाश, जांच में जुटी पुलिस

जगदलपुर केंद्रीय जेल लाए गए ग्रामीण

समाजसेवी बेला भाटिया ने आरोप लगाया कि पिछले 15 दिनों से पुलिस ने ग्रामीणों को गिरफ्तार करने की जानकारी उनको परिजनों को नहीं दी. न ही कोई अरेस्ट वारंट जारी किया. ग्रामीणों ने जब खुद से पता किया तो 6 ग्रामीणों में से 4 ग्रामीणों को पुलिस ने नारायणपुर जेल में कैद करने की जानकारी मिली. 22 नवंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किए गए दो ग्रामीणों को जगदलपुर केंद्रीय जेल में ले आए. इन दो ग्रामीणों के परिजन जिसमें उनकी पत्नी और बच्चे भी शामिल हैं, वह उनसे मुलाकात करने पहुंची और पुलिस से जब इसकी जानकारी ली तो पुलिस ने बताया कि दोनों ही ग्रामीणों के ऊपर विस्फोटक अधिनियम के साथ साथ बेवजह गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है.

बस्तर पुलिस ने नियम का नहीं किया पालन

समाजसेवी व अधिवक्ता बेला भाटिया ने बताया कि यूएपीए धारा के तहत कई कानूनी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है. ऐसे में बस्तर पुलिस ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया. यूएपीए धारा के तहत दोनों ग्रामीणों की गिरफ्तारी की गई. बेला भाटिया ने कहा कि यूएपीए मामले की जांच NIA द्वारा की जाती है और लगभग 180 दिनों तक ग्रामीणों को जमानत नहीं मिलता, ऐसे में जबरन बस्तर पुलिस ने इस धारा के तहत भोले-भाले ग्रामीणों पर कार्रवाई की है. जबकि उनका पुराना कोई रिकॉर्ड पुलिस के दस्तावेज में नहीं है.

कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं

बेला भाटिया का कहना है कि नारायणपुर पुलिस ने इन ग्रामीणों से बहुत बुरी तरह से मारपीट भी की है. इससे उनके शरीर पर काफी चोटें आई है, इन सभी ग्रामीणों के कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में पुलिस बिना किसी को सूचना दिए और बिना अरेस्ट वॉरंट के इनकी गिरफ्तारी कर ली है. इन पर धारा यूएपीए और अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया है. बेला भाटिया ने कहा कि बस्तर पुलिस को स्पष्ट करना चाहिए कि किस अपराध के तहत इन धाराओं के तहत इन ग्रामीणों पर कार्रवाई की गई है.

जगदलपुर : नारायणपुर के छोटे डोंगर से बीते 22 नवंबर को दो ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया था. अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दोनों ही ग्रामीणों के परिजन और समाजसेवी सोनी सोरी और बेला भाटिया जगदलपुर पहुंचे हुए थे, यहां पर उन्होंने केंद्रीय जेल में बंद दोनों ही ग्रामीणों से मुलाकात की. उन्होंने उनके ऊपर पुलिस द्वारा लगाए गए अपराध की जानकारी ली. बेला भाटिया ने बस्तर पुलिस पर ग्रामीणों पर दबाव बनाते हुए और उनसे बेवजह बुरी तरह से मारपीट करने का आरोप लगाया है. साथ ही पुलिस ने उन पर जबरन UAPA का केस लगाकर गिरफ्तारी का करने का भी आरोप लगाया है.

नारायणपुर में ग्रामीणों की गिरफ्तारी

बीते 22 नवंबर को नारायणपुर पुलिस ने दो ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके अलावा बीते 12 नवंबर को भी छोटे डोंगर के चार ग्रामीणों को भी नारायणपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इस गिरफ्तारी के विरोध में लगातार नारायणपुर के ओरछा इलाके में मुख्य मार्ग पर ग्रामीण पिछले 3 दिनों से लगातार आंदोलन करते है. पुलिस ने इन 6 ग्रामीणों की गिरफ्तारी की कोई भी जानकारी उनके परिजनों को नहीं दी है.

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जगदलपुर केंद्रीय जेल लाए गए ग्रामीण

समाजसेवी बेला भाटिया ने आरोप लगाया कि पिछले 15 दिनों से पुलिस ने ग्रामीणों को गिरफ्तार करने की जानकारी उनको परिजनों को नहीं दी. न ही कोई अरेस्ट वारंट जारी किया. ग्रामीणों ने जब खुद से पता किया तो 6 ग्रामीणों में से 4 ग्रामीणों को पुलिस ने नारायणपुर जेल में कैद करने की जानकारी मिली. 22 नवंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किए गए दो ग्रामीणों को जगदलपुर केंद्रीय जेल में ले आए. इन दो ग्रामीणों के परिजन जिसमें उनकी पत्नी और बच्चे भी शामिल हैं, वह उनसे मुलाकात करने पहुंची और पुलिस से जब इसकी जानकारी ली तो पुलिस ने बताया कि दोनों ही ग्रामीणों के ऊपर विस्फोटक अधिनियम के साथ साथ बेवजह गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है.

बस्तर पुलिस ने नियम का नहीं किया पालन

समाजसेवी व अधिवक्ता बेला भाटिया ने बताया कि यूएपीए धारा के तहत कई कानूनी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है. ऐसे में बस्तर पुलिस ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया. यूएपीए धारा के तहत दोनों ग्रामीणों की गिरफ्तारी की गई. बेला भाटिया ने कहा कि यूएपीए मामले की जांच NIA द्वारा की जाती है और लगभग 180 दिनों तक ग्रामीणों को जमानत नहीं मिलता, ऐसे में जबरन बस्तर पुलिस ने इस धारा के तहत भोले-भाले ग्रामीणों पर कार्रवाई की है. जबकि उनका पुराना कोई रिकॉर्ड पुलिस के दस्तावेज में नहीं है.

कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं

बेला भाटिया का कहना है कि नारायणपुर पुलिस ने इन ग्रामीणों से बहुत बुरी तरह से मारपीट भी की है. इससे उनके शरीर पर काफी चोटें आई है, इन सभी ग्रामीणों के कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में पुलिस बिना किसी को सूचना दिए और बिना अरेस्ट वॉरंट के इनकी गिरफ्तारी कर ली है. इन पर धारा यूएपीए और अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया है. बेला भाटिया ने कहा कि बस्तर पुलिस को स्पष्ट करना चाहिए कि किस अपराध के तहत इन धाराओं के तहत इन ग्रामीणों पर कार्रवाई की गई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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