जगदलपुरः छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 2021 की शुरुआत 1 दिसंबर से हो चुकी है. इस दौरान धान विक्रेता किसानों की कई परेशानियां देखने को मिली. सबसे ज्यादा किसानों को बारदाने की कमी से जूझना पड़ रहा है. बारदाने की किल्लत हर क्षेत्र में देखने को मिल रही है. बस्तर के उपार्जन केंद्रों में धान बेचने आ रहे किसानों को अधिक दाम देकर बारदाना खरीदना पड़ रहा (Shortage of gunny bags in Jagdalpur ) है. यहां किसान बाहर से अधिक कीमत देकर बारदाना खरीद धान बेचने को मजबूर(Farmers forced to buy expensive gunny bags and sell paddy) हैं.
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किसानों ने सरकार को खुद के 6790 बारदाने में धान बेचे
सिर्फ बस्तर जिले की बात करें, तो यहां पिछले 10 दिनों में हुए धान खरीदी में 270 से अधिक किसानों ने सरकार को खुद के 6790 बारदाने में धान बेच दिए हैं. इन बारदानों की कीमत सरकार द्वारा तय रेट से मानी जाए तो करीब 1 लाख 80 हजार रुपये होती है. जबकि बस्तर संभाग के अन्य जिलों में करीब 36 लाख रुपए से अधिक का बारदाना है, जिसके आने वाले दिनों में और अधिक बढ़ने की बात कही जा रही है.
ये है लक्ष्य
1 दिसंबर से बस्तर में धान खरीदी की शुरूआत हुई है. बस्तर जिले में 16 लाख हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. अब तक जिले के 7 हजार से अधिक किसानों से लगभग दो लाख 90 हजार 400 क्विंटल धान खरीदा गया है. अभी लगभग 13 लाख 25 हजार क्विंटल और धान की खरीदी की जानी है, लेकिन इसके लिए खरीदी केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में बारदाने नहीं है. बारदाने की कमी के कारण किसानों से धान समेत बारदाने की खरीदी की जा रही है.
अधिक मूल्य देकर खरीदना पड़ रहा
वहीं, जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों ने यह कहा कि इस साल किसानों से काफी कम संख्या में बारदाने लिए जाएंगे. लेकिन इसके उलट धान खरीदी के शुरुआत में ही किसानों को बाहर से बारदाने महंगे दामों में खरीदना पड़ रहा है. बारदाना खरीदने शहर आए ग्रामीण किसानों ने बताया कि उन्हें एक नग बारदाना 29 रुपये के हिसाब से खरीदना पड़ रहा है. ऐसे में उन्हें लगभग 100 से 150 बारदाने धान बेचने के लिए लग रहे हैं.गांव से शहर आकर बारदाने खरीदने में ही उनका कफी पैसा खर्च हो रहा है. किसानों ने बताया कि उन्हें बीते वर्षो में बाहर से बारदाने नहीं खरीदने पड़ते थे. लेकिन पिछले 2 सालों से स्थिति वैसे ही बनी हुई है और बारदाने की कमी का खामियाजा किसानों को अपने जेब से अधिक रकम लगाकर भुगतना पड़ रहा है.
केंद्रों में पहुंच रहा खराब बारदाना
खरीदी केंद्र के प्रभारियों का कहना है कि उपार्जन केंद्रों में बारदानों की कमी का प्रमुख कारण केंद्रों में पहुंच रहे खराब बारदाने हैं. मिलरों के द्वारा खराब बारदाना केंद्रों में भेजा जा रहा है. बारदाना काफी फटा और पुराना होने की वजह से इसमें खरीदी कार्य में संभव नहीं है. वहीं, जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों का कहना है कि कई उपार्जन केंद्रों में मिलर्स फटे पुराने बारदाने भेज रहे हैं. इन बारदानों को वापस शासन को भेजे जाने की प्रक्रिया जारी है. लेकिन इसमें वक्त लगेगा.