बस्तर: जिले के ग्राम परचनपाल में मंगलवार को शिल्पी चौपाल का आयोजन किया गया. शिल्पी चौपाल का मुख्य उद्देश्य हस्तशिल्प का प्रचार-प्रसार कर शिल्प के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है. हस्तशिल्प से तात्पर्य हाथों से बनाई गई कलात्मक कलाकृति से है. जिसमें मुख्यतः हाथ की चूड़ियां, लकड़ी पर नक्काशी, मिट्टी के कलात्मक बर्तन, पत्थर शिल्प, बांस शिल्प, पेंटिंग, टॉयस एवं डॉल्स, धातु की मूर्तियां आदि शामिल हैं. बस्तर अपने शिल्प कला के लिए देश-विदेश में पहचाना जाता है.
भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की ओर से हस्तशिल्प विकास आयुक्त की ओर से विभागीय गतिविधियां और प्रचार-प्रसार के लिए पूरे देश में शिल्पियों में जागरूकता लाने हेतु शिल्पी चौपालों का आयोजन 15 अगस्त 2020 से अगले दो माह तक किया जा रहा है. इसके तहत जिले के बस्तर विकासखंड के ग्राम परचनपाल में शिल्पी चौपाल का आयोजन किया गया. शिल्पी चौपाल के आयोजन से लोगों में शिल्प के प्रति जागरूकता बढ़ी है.
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बता दें इस चौपाल के माध्यम से शिल्पियों और कलाकारों को हस्तशिल्प योजनाओं, मुद्रा लोन, हस्तशिल्प हेल्प लाइन, जेम पोर्टल, पहचान पत्र वितरण और शिल्पियों के पंजीयन फॉर्म भी भरे गए है. शिल्पियों को इम्प्रूव्ड टूल किट्स की जानकारी भी दी गई है. ताकि अपनी कला को शिल्पकार और निखार सकें. इस चौपाल के माध्यम से शिल्प से संबंधित सभी जानकारी एक ही मंच से उपलब्ध कराई जा रहा है. इस अवसर पर सहायक निदेशक लाखन सिंह मीणा, महाप्रबंधक एल.एस. वट्टी, परचनपाल सरपंच जयंती नेताम सहित कई शिल्पकार उपस्थित थे.