जगदलपुर: नगर निगम मे नाली निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. निगम के ठेकेदार ने 5 साल पहले बनी नाली को दिखाकर निगम के सब इंजीनियर और अधिकारियों से मिलीभगत करते हुए उसी नाली की नई बिलिंग कर राशि निकालने की कोशिश की है.
मामला वार्ड पार्षद की जानकारी में आने के बाद भ्रष्टाचार के खेल का खुलासा हुआ है. महापौर ने आनन-फानन में सब इंजीनियर को निलंबित कर दिया. वहीं बीजेपी के पार्षदों ने इस भ्रष्टाचार के खेल में महापौर का संरक्षण मिलने और दोषी ठेकेदार को बचाने का आरोप लगाया है.
भाजपा ने लगाए आरोप
बीजेपी पार्षद व निगम के उप नेता प्रतिपक्ष नरसिंह राव ने बताया कि शहर के वीरसावरकर वार्ड में 5 साल पहले नाली का निर्माण किया गया था और उसका पैसा भी आहरण कर लिया गया था, लेकिन निगम के नए ठेकेदार ने उसी नाली को दिखाकर सब इंजीनियर और निगम के अधिकारियो से मिलीभगत कर उसी नाली पर फर्जी बिल लगाया और पूरी राशि आहरण करने की कोशिश की.
ठेकेदार को बचाने का आरोप
वीर सावरकर वार्ड के पार्षद को इस मामले की जानकारी मिली और फिर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ. मामले के उजागर होने के बाद बीजेपी पार्षद दल ने सदन में ये मुद्दा उठाया, जिसके बाद मेयर ने सब इंजीनियर को निलंबित कर दिया है. लेकिन जिम्मेदार ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की. आरोप है कि ठेकेदार को बचाया जा रहा है.
बनवा दी फर्जी नाली !
- बीजेपी पार्षद ने बताया कि भ्रष्टाचार का खेल यही नही थमा अपने गलती को छिपाने के लिए महापौर के सरंक्षण मे ठेकेदार ने उसी वीरसावरकर वार्ड में बिना सेंक्शन के और बीना टेंडर के किसान के निजी भूमि मे 100 मीटर की नाली का निर्माण कर दिया ताकि फर्जी बिल को इस नाली निर्माण मे मेंशन किया जा सके.
- इस बात की भी जानकारी वार्ड पार्षद को लगी और उन्होंने नाली निर्माण का काम रुकवा दिया. पार्षद ने कहा कि सामान्य सभा में इस मामले को उठाने के बाद निगम के अध्यक्ष ने अब जांच टीम गठित की है लेकिन बीजेपी पार्षद दल को इस जांच से न्याय की उम्मीद नहीं है. जिसके लिए वे अब उच्च अधिकारियों से इस मामले की शिकायत कर संबधित लोगों पर कार्रवाई की मांग करेंगे. बीजेपी पार्षद ने इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल में महापौर की संलिप्तता का आरोप लगाया है.
मेयर ने कहा- राजनीतिक साजिश
इधर निगम के महापौर ने इस मामले को राजनीति साजिश बताया है, महापौर जतिन जयसवाल का कहना है कि फर्जी बिंलिग की जानकारी मिलने के बाद निगम के सब इंजीनियर को तत्काल निलंबति कर दिया गया, वहीं ठेकेदार पर अब तक कार्रवाई नहीं किये जाने के सवाल पर महापौर ने कहा कि मामले की डिर्पाटमेंटल इंक्वायरी की जा रही है और जांच के बाद इस मामले में संलिप्त सभी लोगों पर कार्रवाई होगी.
जानकारी के मुताबिक वीर सावरकर वार्ड में 5 साल पूर्व पानी निकासी के लिए नाली का निर्माण किया गया था, निगम के नए ठेकेदार तुषार देवांगन ने सब इंजीनियर और निगम के अधिकारियों से मिलीभगत कर एक ही नाली की दोबारा बिल लगाकर लगभग 15 लाख रुपए निकालने की कोशिश की.