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नक्सल क्षेत्र में बदल रही स्कूलों की सूरत, Smart Class में पढ़ रहे बच्चे

नक्सल प्रभावित जिन इलाकों में सरकार की योजनाएं तक दम तोड़ रही है, ऐसे इलाके के बच्चे स्मार्ट तरीके से शिक्षा हासिल कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं नक्सल प्रभावित क्षेत्र लोहंडीगुड़ा की जहां के शिक्षकों ने अपने खर्च से बच्चों के लिए स्मार्ट क्लॉस तैयार किया है.

schools are improving in Naxalite area of bastar
स्कूलों की सूरत
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Published : Mar 12, 2020, 11:40 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी स्कूलों की सूरत बदलने लगी है. एक ओर जहां बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए मीलों चलना पड़ता था, वहीं कुछ शिक्षकों की मेहनत से सरकारी स्कूलों की तस्वीरें बदलती नजर आ रही है. हम बात कर रहे हैं बस्तर के आदिवासी क्षेत्र लोहंडीगुड़ा की जहां बच्चे न सिर्फ स्मार्ट क्लॉस से पढ़ाई कर रहे हैं बल्कि एलेक्सा से अपने सभी सवालों का जवाब भी पूछ रहे हैं.

बदल रही स्कूल की सूरत

नक्सल समस्या से लंबे समय से ग्रसित इस इलाके के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था. ऐसे में बच्चों का शिक्षा प्राप्त कर पाना किसी चुनौती से कम नहीं था. ऐसे में सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने पहल करते हुए बच्चों को पढ़ाई की तरफ आकर्षित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवाइस का सहारा लिया.

मिल रहा हर सवाल का जवाब

schools are improving in Naxalite area of bastar
एलेक्सा से पूछ रहे सवाल

जिस क्षेत्र के बच्चों ने अब तक TV की शक्ल नहीं देखी थी वे अब स्मार्ट क्लॉस के जरिए आसानी से अपने सवालों का जवाब प्राप्त कर रहे हैं. स्कूल में एलेक्सा के आने से बच्चे अपनी जिज्ञासा दूर करने के लिए उससे सवाल करते हैं.

10 स्कूलों में स्मार्ट क्लॉस

schools are improving in Naxalite area of bastar
स्मार्ट क्लॉस में पढ़ते बच्चे

बस्तर के इन इलाकों में नक्सल समस्या की वजह से शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ था, लेकिन अब प्रोजेक्टर जैसे डिवाइस के आ जाने से बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ने लगी है. स्मार्ट क्लॉस के आने से यहां स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ने लगी है. लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के 10 स्कूलों में शिक्षकों ने अपने पैसे से इस तरह के डिवाइस खरीदें हैं.

जगदलपुर: दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी स्कूलों की सूरत बदलने लगी है. एक ओर जहां बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए मीलों चलना पड़ता था, वहीं कुछ शिक्षकों की मेहनत से सरकारी स्कूलों की तस्वीरें बदलती नजर आ रही है. हम बात कर रहे हैं बस्तर के आदिवासी क्षेत्र लोहंडीगुड़ा की जहां बच्चे न सिर्फ स्मार्ट क्लॉस से पढ़ाई कर रहे हैं बल्कि एलेक्सा से अपने सभी सवालों का जवाब भी पूछ रहे हैं.

बदल रही स्कूल की सूरत

नक्सल समस्या से लंबे समय से ग्रसित इस इलाके के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था. ऐसे में बच्चों का शिक्षा प्राप्त कर पाना किसी चुनौती से कम नहीं था. ऐसे में सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने पहल करते हुए बच्चों को पढ़ाई की तरफ आकर्षित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवाइस का सहारा लिया.

मिल रहा हर सवाल का जवाब

schools are improving in Naxalite area of bastar
एलेक्सा से पूछ रहे सवाल

जिस क्षेत्र के बच्चों ने अब तक TV की शक्ल नहीं देखी थी वे अब स्मार्ट क्लॉस के जरिए आसानी से अपने सवालों का जवाब प्राप्त कर रहे हैं. स्कूल में एलेक्सा के आने से बच्चे अपनी जिज्ञासा दूर करने के लिए उससे सवाल करते हैं.

10 स्कूलों में स्मार्ट क्लॉस

schools are improving in Naxalite area of bastar
स्मार्ट क्लॉस में पढ़ते बच्चे

बस्तर के इन इलाकों में नक्सल समस्या की वजह से शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ था, लेकिन अब प्रोजेक्टर जैसे डिवाइस के आ जाने से बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ने लगी है. स्मार्ट क्लॉस के आने से यहां स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ने लगी है. लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के 10 स्कूलों में शिक्षकों ने अपने पैसे से इस तरह के डिवाइस खरीदें हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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