जगदलपुर: नगरनार में निर्माणाधीन एनएमडीसी (राष्ट्रीय खनिज विकास निगम) के स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में लगातार प्रभावितों का प्रदर्शन जारी है. कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों के साथ प्लांट को अपनी जमीन देने वाले प्रभावित किसानों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इलाके में दिन-ब-दिन विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. विरोध की कड़ी में प्रभावित किसानों ने नगरनार में मशाल रैली निकाली, जिसमें सैकड़ों की संख्या में प्रभावित किसान इकट्ठा हुए.
मशाल रैली में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. नगरनार के सरपंच लेखन बघेल ने बताया कि एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में पूरे बस्तर संभाग में विरोध स्वरूप मशाल रैली निकाली गई है. प्लांट प्रभावितों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए. लेखन बघेल ने कहा कि पिछले हफ्ते लगातार इस प्लांट से प्रभावित किसान और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने निजीकरण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया है. वहीं मशाल रैली भी निकाली गई है. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले दिनों में निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लिया जाता है, तो प्रभावित किसान और स्थानीय जनप्रतिनिधि उग्र आंदोलन करेंगे. दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.
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केंद्र सरकार के प्रति आक्रोश
लेखन बघेल ने कहा कि किसी भी कीमत पर स्टील प्लांट का निजीकरण होने नहीं दिया जाएगा. केंद्र सरकार की नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले तो केंद्र सरकार ने इस प्लांट को सार्वजनिक उपक्रम बताकर स्थानीय लोगों को प्लांट में रोजगार देने के नाम पर 620 हेक्टेयर जमीन ले ली. अब इस प्लांट को शुरू होने से पहले ही निजी हाथों में सौंपने जा रही है, जो सरासर गलत है. इसके विरोध में लगातार ग्रामीण खड़े हो रहे हैं.
पदयात्रा का भी ऐलान
बता दें कि जगदलपुर में लगातार विरोध-प्रदर्शन जारी है. सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने नगरनार स्थित NMDC स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में पदयात्रा का ऐलान किया है. लगभग 130 किलोमीटर की पदयात्रा सुकमा से होकर जगदलपुर से नगरनार प्लांट तक पहुंचेगी. 22 सितंबर को होने जा रही इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ के मंत्रियों के शामिल होने के आसार हैं.