बस्तर: कोलकाता जोन के रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ए के राय और विशाखापट्टनम रेलमंडल डीआरएम चेतन श्रीवास्तव रविवार को एक दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुंचे. इस दौरान बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुम्हारसाडरा से काकलुर के बीच 12 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण किया. ट्रैक निरीक्षण में सब कुछ ठीक होने के बाद रेलवे सीआरएस ने दूसरी लाइन पर ट्रेनों के आवागमन के लिए स्वीकृति दे दिया है.
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कमिश्नर ए के राय विशाखापट्टनम के रास्ते यहां आए. हालांकि वे इससे पहले भी बस्तर आ चुके हैं. निरीक्षण के बाद उनकी ओर से जो रिपोर्ट पेश की जाती है, उसके बाद ही दूसरी लाइन पर ट्रेनों का आवागमन शुरू होता है. मौजूदा समय में केके रेललाइन के दोहरीकरण का काम 2 चरणों में चल रहा है. निर्धारित समय से काफी देरी हो जाने के बावजूद काम को संतोषजनक बताया जा रहा है. इसकी वजह नक्सल प्रभावित क्षेत्र होना है.
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यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ी
बैलाडीला से लौह अयस्क लेकर मालगाड़ियां विशाखापट्टनम तक इसी रास्ते से होकर गुजरती हैं. हाल के कुछ सालों में यात्री ट्रेनों की संख्या भी बढ़कर 5 हो गई है. इस वजह से बस्तरवासियों की मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने केके रेलमार्ग पर दोहरीकरण के काम को स्वीकृति दी थी.
कोरोना से धीमी हुई रफ्तार लेकिन फिर काम मे तेजी
रेलवे सूत्रों के मुताबिक अब काकलूर से गीदम और दंतेवाड़ा से किरन्दुल तक दोहरीकरण का काम तेजी से होगा. मार्च 2020 के बाद बस्तर में भी फैले कोरोना महामारी के प्रकोप की वजह से दोहरीकरण के काम की गति धीमी हो गई थी, लेकिन अब फिर से दोहरीकरण का काम तेज किया गया है. वहीं आने वाले फरवरी या मार्च महीने में एक बार फिर से रेलवे कमिश्नर का बस्तर दौरा होगा. कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले साल में ही किरंदुल से लेकर जगदलपुर तक दोहरीकरण का काम पूरी तरह से कर लिया जाएगा और मालगाड़ियों के साथ-साथ पैसेंजर ट्रेनों की भी आवाजाही तेजी से बढ़ेगी.