बस्तर: नारायणपुर में 2 दिन पहले ही विशेष समुदाय के लोगों ने (Politics on conversion in Chhattisgarh) कलेक्ट्रेट का घेराव कर लगभग 20 घंटों तक धरना प्रदर्शन किया था. (Controversy between BJP and Congress in Bastar) विशेष समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय पर उनसे मारपीट और उनके घर तोड़ने का आरोप लगाया. conversion can be important issue of elections वही कोंडागांव में भी धर्मांतरण को लेकर ही हुए दो समुदाय के विवाद के बाद विशेष समुदाय ने कोंडागांव कलेक्ट्रेट का भी घेराव कर दिया. Bastar latest news यहां हालात बिगड़ते देख सामाजिक बैठकों में रोक लगा दी गई. वही विशेष समुदाय के लोगों ने नारायणपुर और कोंडागांव में इसी शर्त पर अपने आंदोलन को खत्म किया है कि जल्द से जल्द प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करेगी.
धर्मांतरण को लेकर भाजपा कांग्रेस आमने सामने: धर्मांतरण को लेकर भाजपा कांग्रेस सरकार पर आरोप मढ़ रही है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के कार्यकाल में ही लगातार बस्तर संभाग में धर्मांतरण हो रहे हैं. तो वही कांग्रेस का कहना है कि बस्तर में सबसे ज्यादा धर्मांतरण भाजपा शासनकाल में हुआ है. ऐसे में कांग्रेस पर धर्मांतरण को लेकर आरोप लगाना सही नहीं है.
धर्मांतरण की वजह से समुदायों के बीच घमासान: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बस्तर में 70% आबादी आदिवासियों की है. संभाग के 7 जिलों में बड़ी संख्या में आदिवासी निवासरत हैं और अलग-अलग जाति और विशेष वर्ग के लोग भी इसमें शामिल हैं. लेकिन कुछ सालों से खासकर अंदरूनी गांव में धर्मांतरण की वजह से समुदायों के बीच घमासान मचा हुआ है. कुछ ग्रामीण नहीं चाहते हैं कि उनके गांव में धर्मांतरण हो और इसे रोकने के लिए लगातार प्रयास भी कर रहे हैं.
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मसीह समाज का जबरदस्ती घर वापसी कराने का आरोप: मसीह समाज के एंगल कुमार नेताम का आरोप है कि "दूसरे समुदाय के लोग उन्हें वापस अपने धर्म में शामिल करने के लिए जोर जबरदस्ती कर रहे हैं. उनके साथ मारपीट हो रही है और उनके घरों को भी तोड़ा जा रहा है. साथ ही गांव को खाली करवाया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है." नारायणपुर और कोंडागांव के सीमाई क्षेत्रों में इसी तरह का मामला सामने आने के बाद दोनों जिलों के लोगों ने कोंडागांव और नारायणपुर के कलेक्ट्रेट का घेराव किया. दूसरे समुदाय के लोग जिन्होंने मारपीट की, उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की. बस्तर में भी एक महिला के शव को दफनाने के लिए दो समुदाय के बीच विवाद हो गया. यह विवाद इतना बढ़ा कि दोनों समुदाय के लोगों ने चक्का जाम कर दिया. उन्होंने बस्तर सांसद से भी मुलाकात कर न्याय की मांग की है."
ईसाई समुदाय के लोगों को प्रताड़ित करने की शिकायत मिली: पूर्व विधायक संतोष बाफना का कहना है कि "पिछले 50 सालों से बस्तर में धर्मांतरण हो रहा है, कांग्रेस सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए." वहीं बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल का कहना है कि "वह भी एक आदिवासी हैं और अभी तक किसी भी आदिवासी ने उनसे यह शिकायत नहीं किया है कि उनका धर्मांतरण किसी ईसाई परिवार के द्वारा जबरदस्ती कराया जा रहा है. बल्कि शव दफनाने के दौरान बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की तरफ ईसाई समुदाय के लोगों को प्रताड़ित करने की शिकायत उन्हें मिली है. भारतीय जनता पार्टी के लोग इस मामले को तूल पकड़वाने की कोशिश कर रहे हैं. धर्मांतरण के मुद्दों का प्रोपेगेंडा रच रहे हैं. धर्मांतरण चुनाव में कोई मुद्दा है ही नहीं."
विधानसभा चुनाव का अहम मुद्दा बन सकता धर्मांतरण: बस्तर के जानकार मनीष गुप्ता का कहना है कि "इन दिनों धर्मांतरण का मुद्दा बस्तर में गरमाया हुआ है. लेकिन एक नई चीज इस बार देखने को मिली है कि धर्मांतरण की वजह से पीड़ित लोग, जिनके साथ अन्य लोगों ने मारपीट की है. वे लोग अब सड़क में उतर कर धरना प्रदर्शन करते दिख रहे हैं. जमीनी स्तर पर लगातार दिख रहा यह मामला बड़ा जरूर है और यह चुनाव में भी नजर आएगा. हालांकि यह कह पाना मुश्किल है कि इस मुद्दे से किसको फायदा होगा और किसे नुकसान." चुनाव के लिए एक साल बच गए हैं और ऐसे में बस्तर संभाग में जिस तरह से धर्मांतरण को लेकर दो समुदाय के बीच बवाल मचा हुआ है, लगातार जो घटनाएं सामने आ रही हैं, यह विधानसभा चुनाव का अहम मुद्दा बन सकता है.