जगदलपुर: बस्तर में धान खरीदी के लिए कुछ ही दिन बचे हैं. इसके साथ ही खरीद केंद्रों में किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है. इसके साथ ही धान की आवक भी लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में खरीद केन्द्रों मे बारदाने की कमी के साथ-साथ धान का उठाव नहीं होने से खरीददारों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है.
धान का उठाव नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ी हुई है, तो वहीं खरीदी केंद्रों में लिमिट से अधिक धान जाम होने और बदलते मौसम की वजह से बारिश मे भीगने का डर भी खरीदी केंद्र प्रभारियों को सताने लगा है. दरअसल धान की आवक मिलर्स के उम्मीदों के मुताबिक नहीं हो रही है. इसकी वजह से संभाग के 150 केंद्रों में ओवर लिमिट की स्थिति बन गई है.
पहले से है धान का बंपर स्टॉक
जैसे-जैसे धान खरीदी की अंतिम तारीख करीब आती जा रही है, वैसे-वैसे उपार्जन केंद्रों में परेशानी भी बढ़ती जा रही है, किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचकर सरकार की योजना का लाभ लेना चाह रहे हैं, लेकिन समितियों में पहले से धान का बंपर स्टॉक लगा है. समय पर केंद्रों से धान का उठाव नहीं किए जाने के कारण कई केंद्रों में नए किसानों का धान रखन के लिए जगह कम पड़ रही है.
5 लाख 23 हजार मेट्रिक टन की हुई खरीदी
जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि 'डीओ कटने के बाद भी केंद्रों से धान का उठाव समय पर नहीं किया जा रहा है. जिसको लेकर खरीदी प्रभारी सबसे अधिक परेशान हैं. खरीदी केंद्रों से धान का उठाव जल्द से जल्द किया जाए, इसके लिए सभी जिलों के डीएमओ और खाद्य अधिकारियों से चर्चा भी की गई है. विपणन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर संभाग मे अब तक 5 लाख 23 हजार मेट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है, इसमे से अब तक 2 लाख 22 हजार मेट्रिक टन धान मिलर्स और सग्रंहण केन्द्र की ओर से उठाव किया गया है, और लगभग 3 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है.
जाम धान को रखा गया है सुरक्षित ढंग से
हालांकि अधिकारी ने दावा किया है कि उठाव नहीं होने की वजह से केंद्रों मे जाम धान को सुरक्षित ढंग से रखा गया है और बारिश में भीगने से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा मे त्रिपाल की व्यवस्था भी की गई है. लेकिन बस्तर मे हुए अभी बारिश की वजह से कई केन्द्रों मे धान भीगे है जिसका आंकलन अब तक विभाग नहीं कर पाया है.