40 से 42 घंटों तक चले इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुमोड़तोंग, मुरकनगुड़ा, दारेली, एलमागुंडा, भट्टीगुडेम, दुरमा, गुंडाराजपदर, तोंडामरका, कन्हाईमरका, पोटेमंगू, साकलेर, सलातोंग, बोटेतोंग, डुब्बामरका, इर्रापल्ली, बोटेलंका व आस पास इलाके में ऑपरेशन चलाया. इस दौरान पुलिस की नक्सलियों के साथ अलग-अलग स्थानों पर 4 मुठभेड़ भी हुई. जिसमें तीन जवान घायल हो गए.
घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है. वहीं पुलिस का दावा है कि इस ऑपरेशन में एक दर्जन से ज्यादा नक्सली घायल हुए हैं.
टीसीओसी में जवानों का प्रहार
ऑपरेशन प्रहार-5 के नाम से चलाये गये इस अभियान को सुकमा पुलिस बेहद महत्वपूर्ण मान रही है. टीसीओसी के दरमियान फोर्स ने नक्सलियों के कोर एरिया में दस्तक ही नहीं दी बल्कि अभियान में कामयाब भी हुई. टीसीओसी के दौरान नक्सली बेहद खतरनाक हो जाते हैं, अपने प्रभावी इलाके में फोर्स को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में जवानों द्वारा चलाये गए इस ऑपेरशन से नक्सलियों को बड़ा घात पहुंचा है.
पुलिस अधीक्षक जितेंन्द्र शुक्ला बताते हैं कि 40-42 घंटे तक जवानों द्वारा नक्सलियों के प्रभावी इलाके में ऑपरेशन चलाया गया है, जो सुरक्षाबलों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है.
इन जगहों के सीमावर्ती इलाके में थी नक्सलियों की मौजूदगी
पुलिस अधीक्षक जितेंन्द्र शुक्ला ने बताया कि सीमावर्ती इलाके में दक्षिण बस्तर बटालियन नंबर 1 के नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर बुधवार 20 फरवरी को चिन्तागुफा, चिंतलनार, बुर्कापाल कैंप, किस्टाराम से कोबरा 201, 206, 208, एसटीएफ और डीआरजी की टीम मौके के लिए रवाना हुई.
अभियान के दौरान बीजापुर के तिम्मापुरम से कोबरा 204 और एसटीएफ-डीआरजी की संयुक्त टीम भी शामिल थी. सुबह करीब 8.20 बजे बोटेलंका के पास चिंतलनार से निकली 201 कोबरा बटालियन का सामना नक्सलियों से हुआ. घात लगाए नक्सलियों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की, जवानों ने भी मुहतोड़ जवाब दिया. करीब आधे घंटे तक चली फायरिंग के बाद नक्सली भाग निकले. फायरिंग के बाद घटना स्थल की सर्चिंग के बाद टीम आगे बढ़ गई. पुलिस टीम पामेड़ थाना क्षेत्र के इरापल्ली के पास पहुंची ही थी कि घात लगाए नक्सलियों ने दोबारा फायरिंग कर दी. इस मुठभेड़ में कोबरा 201 बटालियन का जवान भोला कुमार घायल हो गया.
डुब्बामरका के पास बटालियन से हुआ सामना
किस्टाराम थाना क्षेत्र के साकलेर और सालातोंग का सर्चिंग कर एसटीएफ और डीआरजी की ज्वाइंट टीम डुब्बामरका की ओर बढ़ रही थी. इस दौरान डुब्बामरका के तालाब के पास मिलिट्री बटालियन की नंबर एक की टीम ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी. करीब आधे घंटे तक नक्सली जवानों को गुमराह कर स्थान बदल कर फायरिंग कर रहे थे.
जवानों ने भी नक्सलियों की इस चाल को भांप लिया और उनका जोरदार जवाब दिया. पहाड़ी और जंगल का फायदा उठाते हुए नक्सली मौके से भागने में कामयाब हो गए. इस मुठभेड़ में एसटीएफ के दो जवान सोढ़ी हिड़मा और सचिन यादव घायल हो गए. दोनों घायल जवानों को देर रात किस्टाराम थाना पहुंचाया गया. यहां उन्हें चॉपर से रायपुर रैफर किया गया.
बटालियन के खिलाफ चलता रहेगा ऑपरेशन
पत्रकारों से बातचीत में सीआरपीएफ डीआईजी संजय यादव और पुलिस अधीक्षक जितेंन्द्र शुक्ला ने बताया कि नक्सलियों के कोर एरिया में ऑपेरशन जारी रहेगा. लोक सभा चुनाव के बाद बड़े ऑपरेशन चलाये जायेंगे.